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  1. आनंद के रंग से अपनी चेतना विकसित करें | Relationship between Holi and Happines

    अगले पांच सालों के लिए होली उत्सव की तारीख पता करें | Know the dates for Holi festival for next five years धुलंडी| रंगवाली होली की तारीख 18 मार्च, 2022 शुक्रवार  08 मार्च, 2023 बुधवार  25 मार्च, 2024 सोमवार  14 मार्च, 2025 शुक्रवार  04 मार्च, 2026 बुधवार  ...
  2. प्रत्येक व्यक्ति रंगों का फुहारा है

    होली रंगों का त्यौहार है। प्रकृति के जैसे हमारे मोनोभाव और भावनाओं के अनेक रंग होते है। प्रत्येक व्यक्ति रंगों का फुहारा हैं, जो बदलता रहता है। अग्नि के जैसे आपकी भावनाए आपको भस्म कर देती है। परन्तु जब वे रंगों के  फुहारे के जैसी होती हैं, तो वे आपके जीवन ...
  3. जानिए संगीत का अपने चक्रों पर प्रभाव!! Music and Chakra

    रीढ़ की हड्डी के आधार पर, जहां से गुदा द्वार का आरंभ होता है, पहला चक्र वहीं स्थित होता है। इस चक्र को मूलाधार चक्र कहते हैं। इसके ठीक चार इंच ऊपर अगला चक्र है। यह स्वाधिष्ठान चक्र कहलाता है। नाभि के ऊपर तीसरा चक्र है। यह मणिपुर चक्र कहलाता है। छाती के मध् ...
  4. नव वर्ष का संदेश | New Year Message in Hindi

    नव वर्ष (नया साल) वह समय है जब लोगों को अचानक लगता है कि, ‘ओह! एक साल बीत गया!’ हम कुछ पलों के लिए स्तब्ध हो जाते हैं कि समय कितनी जल्दी बीत जाता है, और फिर हम वापिस अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं। मज़े की बात यह है कि ऐसा साल में लगभग एक बार तो होता ही ह ...
  5. गायत्री मन्त्र का महत्व (Gayatri Mantra in Hindi)

    प्रश्न: गायत्री मंत्र का क्या महत्व है? क्या महिलाएं इसका जाप कर सकती हैं? हम 108 बार जाप क्यों करते हैं?   श्री श्री रविशंकर: गायत्री अर्थात ‘गा’ + ‘य’ + ‘त्री’।   जीवन में तीन प्रकार के दुःख आते हैं। हमारे तीन शरीर हैं- स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर और कारण ...
  6. जहाँ प्रेम है, वहां दुःख क्यों है?

    जहाँ प्रेम के साथ ज्ञान है, वहां आनंद है। जहाँ प्रेम के साथ ज्ञान नहीं है, वहां दुःख है। प्रेम में दुःख क्यों है? आप इसी बात का अचम्भा करते हैं और यही बात पूछना चाहते हैं! वह प्रेम नहीं है, जो आपको दुःख दे रहा है। जब प्रेम निर्मल है- जिसमें आप सिर्फ किसी ...
  7. उत्कंठा ही दैवत्व है | Longing Is Divine

    उत्कंठा का होना अपने आप में बहुत अच्छा है। सांसारिक वस्तुओं के लिए उत्कंठा, हमें जड़ या गतिहीन बना देती है जबकि अनंत के लिए उत्कंठा, हमें जीवन से भर देती है। जब उत्कंठा मर जाती है तब हमारे भीतर जड़ता जन्म लेने लगती है। परन्तु उत्कंठा एक प्रकार की पीड़ा यानि ...
  8. दिवाली: धनतेरस और लक्ष्मी पूजन | प्रकाश का त्योहार है दिवाली 

    प्रकाश का त्योहार है दिवाली  ‘पू’ का अर्थ है ‘परिपूर्णता’ और ‘जा’ का अर्थ है ‘वह जो परिपूर्णता से जन्मा है’। इसलिए, पूजा का अर्थ है वह जो परिपूर्णता से जन्मा है और पूजा करने से जो प्राप्त होता है – वही परिपूर्णता और संतुष्टि है। पूजा करने से वातावरण में स ...
  9. वर्तमान में कैसे जियें | How To Live in Present Moment in Hindi

    भूतनाथ को पाने के लिए आपको भूतकाल कि सब बातों को एक सपना मानना होगा और यह कुछ मुश्किल काम नहीं। इसके लिए बस थोड़ी सी जागरूकता कि आवश्यकता है। वर्तमान क्षण के यथार्थ को समझें  (Live in Present Moment) वर्तमान क्षण के यथार्थ को पूर्णतः समझ पाना तभी संभव है, ...
  10. आयुध पूजा का महत्व

    आयुध पूजा का महत्त्व  विजयादशमी कृतज्ञता का दिन है। इस दिन हमने जीवन में जो भी कुछ प्राप्त किया है, उसके लिए हम कृतज्ञ होते हैं। इस ब्रह्माण्ड में कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है, या फिर सब कुछ महत्वपूर्ण है। ज़रा सोचिये, आप मोटर साइकिल चला रहे हैं और आपकी कमीज़ ...