दालचीनी का वैज्ञानिक नाम: सिनॅमोमम झेलॅनिकम

दालचीनी का संस्कृत नाम: त्वाक
दालचीनी का अंग्रेजी नाम: Cinnamon

दालचीनी का पेड़ हमेशा हराभरा तथा छोटी झाड़ी जैसा होता है। उसके तने की छाल चुनकर सुखाई जाती है। उनका आकार कवेलू जैसा गोलाकार, जाडा, मुलायम तथा भूरे लाल रंग का होता है। दालचीनी के पेड़ से हमेशा सुगंध आती है। इसका उपयोग मसालों और दवा के रूप में किया जाता है। इसका तेल भी निकाला जा सकता है। दालचीनी के पेड़ के पत्तों का उपयोग खाने में मसाले की तरह किया जाता है। दालचीनी का उष्मांक मूल्य 355 है।​

दालचीनी के लाभ (Dalchini ke fayde)

1. पाचन विकार के लिए एक शानदार दवा

पाचन में सुधार लाने के लिए और जठर संबंधी विकारों के लिए इन 4 अलग-अलग तरीकों से दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं:

  • अपच, पेटदर्द और सीने में जलन महसूस होने पर दालचीनी, सोंठ, जीरा और इलायची सम मात्रा में लेकर पीस लें। इस पाउडर को गरम पानी के साथ लें।
  • दालचीनी, काली मिर्च पाउडर और शहद मिलाकर भोजन के बाद लेने से पेट की परेशानी नहीं होती।
  • जी मचलना, उल्टी और दस्त रोकने के लिए दालचीनी का पानी लिया जाता है।
  • कब्ज और गैस की समस्या कम करने के लिए दालचीनी के पत्तों के चूर्ण का काढ़ा बना कर लिया जाता है।

2. दालचीनी सर्दी के लिए है रामबाण

चुटकी भर दालचीनी पाउडर पानी में उबालकर, उसी में चुटकी भर काली मिर्च पाउडर और शहद डालकर लेने से सर्दी-जुकाम, गले की सूजन एवं मलेरिया कम हो जाता है।

3. स्त्री रोग में बहुत असरदार है दालचीनी

  • गर्भाशय के विकार और गनोरिया में दालचीनी का उपयोग किया जाता है।
  • प्रसव के बाद एक महीने तक दालचीनी का टुकड़ा चबाने से गर्भधारणा को टाला जा सकता है।
  • दालचीनी से माता के स्तन का दूध बढ़ता है।
  • गर्भाशय का संकुचन होता है।

4. खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए घर-घर में उपयोग होती है

  • दालचीनी के पत्ते और छाल के उपयोग से केक, मिठाई और खाने का स्वाद बढ़ाया जाता है।
  • दालचीनी का तेल, मिठाईयों, पेय और इत्र में उपयोग किया जाता है।

5. दालचीनी के कुछ अन्य शानदार लाभ जो शायद आप नहीं जानते होंगे

  • वीर्य वृद्धि के लिए दालचीनी पाउडर सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ लें।
  • ठंड की वजह से सिरदर्द हो तो दालचीनी पानी के साथ पीसकर सिर पर लगाएँ।
  • मुंह की दुर्गंध और दांत की दवा में दालचीनी का उपयोग किया जाता है।
  • मुहाँसे कम करने के लिए दालचीनी का चूर्ण नींबू के रस में मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
  • खसरा निवारक के तौर पर दालचीनी का उपयोग किया जाता है।

दालचीनी के घटक पदार्थ

  • प्रोटीन
  • कार्बोहाईड्रेट
  • फॉस्फोरस
  • सोडियम
  • पोटॅशियम
  • थायामीन
  • रिबोफ्लेविन
  • निआसीन
  • विटामिन A और C

दालचीनी स्वाद में तीखी मीठी होती है। दालचीनी ऊष्ण, दीपन, पाचक, मुत्रल, कफनाशक, स्तंभक गुणधर्मों वाली है। मन की बेचैनी कम करती है। यकृत के कार्य में सुधार लाती है। स्मरण शक्ति बढ़ाती है।

सावधानी

  • दालचीनी उष्ण गुणधर्म की है, इसलिए गर्मी के दिनों में कम उपयोग करें।
  • दालचीनी से पित्त बढ़ सकता है।
  • ऊष्ण प्रकृति के लोग चिकित्सक से सलाह लें।

दालचीनी पर सामान्य प्रश्न

पाचन समस्याओं, स्त्री रोगों और सर्दी में दालचीनी बहुत फायदेमंद है।
दिन भर में 1 टेबल स्पून दालचीनी का प्रयोग काफी है।
दालचीनी सर्दियों में अधिक प्रयोग की जाती है, आप इसे शहद के साथ मिला कर खा सकते हैं।
पाचन समस्याओं, स्त्री रोगों और सर्दी में दालचीनी बहुत फायदेमंद है।
हाँ
दालचीनी का पानी पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
दालचीनी को गरम पानी के साथ ले सकते हैं। इसे शहद के साथ भी लिया जा सकता है। दालचीनी को काली मिर्च के साथ मिलाकर लेने से कफ सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
दालचीनी को उबाल लें, उसमे आधा चम्मच नींबू का रस मिला लें, और थोड़ा शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लें। इसके बाद चाहें तो वॉक पर जाएँ या व्यायाम करने से पेट की चर्बी में आराम मिलेगा।
एक लीटर पानी में तीन चम्मच दालचीनी पाउडर को 20-25 मिनट तक उबालें। उबले हुए पानी का दिनभर सेवन करें। इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।

World Meditation Day

● Live with Gurudev Sri Sri Ravi Shankar

● Live at 8:00 pm IST on 21st December

Join Live Webcast!