हमारे वक्त के सबसे बड़े संकट से लड़ाई

पर्यावरण संकट को प्रत्येक पुनर्जीवित जलाशय, सामूहिक वृक्षारोपण, कचरा प्रबंधन  मशीन, स्वच्छता अभियान और जैविक खेती द्वारा उलटना। 

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रणनीति

  • बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण जैसी सामाजिक परियोजनाएँ शुरू करें
  • मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नैसर्गिक खेती अपनाएं

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प्रभाव

  • 10 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए
  • 70 नदियों और उप-नदियों का पुनरुद्धार

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उपलब्धि

  • 18 कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित
  • 30 लाख किसानों को नैसर्गिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया

अवलोकन

हमारे प्राकृतिक संसाधन अनियंत्रित रूप से प्रदूषित हो रहे हैं। इतना कि, हम स्वच्छ पीने के पानी, रसायन रहित उत्पाद और स्वच्छ हवा की पहुंच से भी वंचित हो रहे हैं। पर्यावरण की अधोगति न केवल हमारे लिए बुरी है लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए भी बुरी  है। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि भारत के पर्यावरण की अधोगति की कीमत करीब 8 करोड़ डॉलर है, जो कि भारत की जी. डी. पी. का 6% है।

हम परिस्थिति को बदलना चाहते हैं। गुरुदेव की परिकल्पना से इस गंभीर और वृहत पर्यावरण संकट से सामना करने के लिए, दुनिया भर से स्वयंसेवकों ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। मिशन ग्रीन अर्थ के तहत बड़े स्तर पर पेड़ लगाना, सूखी नदियों का पुनरुद्वार, प्रदूषित नदियों की सफाई, मन्दिर/धार्मिक स्थलों  से उपजे कचरे का व्यवस्थापन एवम मिट्टी की गुणवत्ता की संरक्षा करती नैसर्गिक कृषि जैसी योजनाएं इसमें शामिल हैं।  इन प्रक्रियाओं में हमारी योजनाएं मुख्यतः प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं  ग्रामीण आजीविका के आस-पास घूमती हैं।

राष्ट्र की आसन्न जल संकट का सामना करने के लिये 70 नदियों और उनकी उपनदियों का पुनरुद्धार किया जा रहा  है।

हमें पर्यावरण की रक्षा करनी होगी - दुनिया के नागरिक होने के नाते यह हमारा सर्वप्रथम और मुख्य कर्तव्य है। अगर हम प्रकृति का ध्यान रखेंगे तो प्रकृति भी हमारा ध्यान रखेगी और हमारे लिए स्वस्थता, समृद्धि और प्रसन्नता लाएगी। 

- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

प्रभाव

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10 करोड़ पेड़

विश्व भर पेड़ लगाए गए

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30 लाख किसानों

नैसर्गिक खेती प्रशिक्षण

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70 नदियां

और उन की उपनदियों का पुनरुद्धार

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512 टन कचरे

स्वच्छ यमुना अभियान के दौरान कचरे की सफाई

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1 लाख से अधिक स्वच्छता अभियान

सफलता के साथ संचालित किए गये

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18 कचरा व्यवस्थापन संयंत्र

महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित किये गए

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11,600 किलो

ऐसे सभी संयंत्रों की दैनिक कचरा प्रबंधन की क्षमता है

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सामाजिक उपक्रमों के बहुआयामी दृष्टिकोण ने कई जिंदगियां बचाई हैं, बहुत से लोगों की मुस्कुराहट जगमगाई है एवं समुदायों की प्रगति में मदद की है। सेवा कार्य का हर अंश - समर्पित विश्लेषण के साथ, समझ-बूझ एवं परवाह के साथ, मानवता को आगे रखते हुए सृजन किया गया।