बच्चे हमें राह दिखाते हैं
आलस कैसे छोड़ें? हम स्वयं से कई बार यह प्रश्न पूछते हैं। आलस से हम सब कभी न कभी पीड़ित हुए हैं। कई बार हम आलस से उभरने का संघर्ष करते हैं परंतु हम में से कई लोगों ने मान लिया है कि इसका कोई उपाय नहीं है।
क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में आलस के लिए एक दिन निर्धारित है – राष्ट्रीय आलस्य दिवस?
आलसी होना क्या है? (Laziness in Hindi)
हम सब उस संवेदना से परिचित हैं जब हमारा कुछ करने का मन नहीं करता या हम चीजें टाल देते हैं। यह किसी व्यस्त या तनाव भरे दिन में अधिक होता है। कभी कभी इस प्रकार से आलस करने में कोई समस्या नहीं है। परंतु जब यह आलस के पल और लंबे व अधिक हो जाते हैं, तब?
हमेशा आराम की चाह में हम आलसी हो जाते हैं। हर दिन आप सोचते हैं, कल से मैं सुबह 6 बजे उठकर प्राणायाम करूँगा और सवेरे को कहते हैं कि, बहुत ठंड है, अब कल से करूँगा।
जब आपको कार्य करने का मन नहीं होता या जब आप काम को टालते हैं, तो जानते हैं क्या होता है? आप आलस्य के चक्र में फंस जाते हैं। इसी आलस के हानिकारक प्रभाव होते हैं जैसे डेड्लाइन छूट जाना, रिश्तों में तनाव, और स्वास्थ पर दुष्प्रभाव।
आलस का कारण क्या है? (aalas aane ke karan)
आलस के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे प्रेरणा की कमी, असफलता का भय, अवसाद, थकान, नींद की कमी, टेक्नॉलजी या सोशल मीडिया का नशा। मूल कारण को पहचानना आलस से उभरने के लिए महत्वपूर्ण है।
आलस से उभरें कैसे? (aalas aaye to kya karen)
आलस्य को दूर करने के लिए यहां 6 युक्तियाँ दी गई हैं।
1. गुरुदेव द्वारा दिए गए तीन रहस्य
आलस से उभरने के तीन तरीके हैं – लालच, प्रेम या भय। तीनों में से किसी एक को चुन लो।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
प्रेम
प्रेम आलस से उभरने का सर्वोत्तम उपचार है। जब आपको कोई कार्य करने में प्रेम की अनुभूति होती है, तब आप उस कार्य की पूर्ति के लिए समय की सीमा तय कर लेते हैं और उसे पूरा करते हैं। जब आप किसी व्यक्ति से प्रेम करते हैं तो उनसे संबंधित कोई भी कार्य आप चाव से करते हैं। यदि आपने अपने प्रियजनों को वचन दिया है कि आप कोई कार्य करेंगे तो आपका आलस दूर भाग जाता है।
अपने प्रियजनों को वचन देने की परम्परा है। आप उन्हें वचन देते हैं और उस कार्य को पूर्ण करते हैं। जैसे आपने अपने भाई से कहा कि आप उन्हें या अपनी भांजी को एयरपोर्ट से ले लेंगे। भले ही आपको उस दिन आलस आ रहा हो, तब भी आप एयरपोर्ट तक जाते हैं – चाहे आधी रात क्यों न हो।
प्रेम आपको आलस व कार्य को टालने की आदत से उभारता है।
भय
भय भी आलस करने की आदत से आपको उभारता है। यदि आपने समय पर कार्य समाप्त नहीं किया तो आपको डाँट पड़ेगी या टोक दिया जाएगा। अगर आप से कोई यह कहे कि, “यदि यह कार्य समाप्त नहीं हुआ तो आप समस्या में आ जाओगे”, तो आलस गायब हो जाते है। या अगर आप आलसी हैं और कोई “आग!” चिल्लाए, तो आलस भाग जाता है। अविलंबिता आलस भगाती है।
लालच
क्या आपको लालच से प्रेरणा मिलती है? क्या आपको कार्य पूरा करने में रुचि केवल इसलिए होती है कि आपको उसके बदले कुछ मिलेगा? लालच भी आलस से उभरने में और लक्ष्य की प्राप्ति में सहायता करता है।
इस प्रकार आप प्रेम, लालच और भय से आलस से उभर सकते हैं। इन में से प्रेम बहतर उपाय है।
आलस से उभरने के रहस्य | गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
2. योग, ध्यान और प्राणायाम
योग, ध्यान और प्राणायाम से आपका ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और आपके शरीर और मन को विश्राम प्राप्त होता है। यह दोनों ही आलस भगाने में सहायक हैं।
सुदर्शन क्रिया पर किए गए अध्ययन द्वारा यह देखा गया है कि इस क्रिया से तनाव का स्तर बहुत गिर जाता है और तनाव ही आलस का मुख्य कारण है।
सुदर्शन क्रिया और ध्यान ने मेरी मानसिकता ही बदल दी है। व्यक्तिगत रूप से मैंने यह देखा है कि मेरे आलस का मुख्य स्रोत मेरे विचारों में था। ध्यान और ज्ञान ने मुझे ऊर्जा से भर दिया है और अब मैं कार्य में जुट जाती हूँ।
– सुहासिनी भट्टाचार्य, सीनियर सेल्स फोर्स कन्सल्टन्ट, आई बी एम
श्री श्री योग लेवल 2 करने के बाद मैं ऊर्जा से भर गई हूँ, क्योंकि मैं सुबह बिना किसी अलार्म के जल्दी उठ जाती हूँ। इसके अतिरिक्त मेरी सहन शक्ति भी बढ़ गई है और मैं दिन भर में और अधिक कार्य कर पाती हूँ। अब मुझे आलस नहीं आता।
– पूनम शाह, मैनिजिंग पार्टनर, बॉम्बे कुलफी
3. “मैं आलसी हूँ” सोचना छोड़ दें
आप जाने अनजाने में ही स्वयं को आलसी होने की पहचान दे रहे हैं। आलस से मुक्ति की इस यात्रा में किसी प्रकार की पहचान व धारणा को त्याग दें। कौनसी, आप पूछेंगे? उस पहचान को त्याग दें जो आपने मन ही मन स्वयं को दे दी है – “मैं आलसी हूँ”। जब भी आप स्वयं को आलसी पुकारने लगें, अपने आप को रोक लें। अपनी उत्पादिता बढ़ाने के नए तरीके खोजें और आलसी होने की धारणा को त्यागें।
आलसी होने की इस पहचान को त्यागना आवश्यक है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आप उसी प्रकार से व्यवहार करते रहेंगे। और जब आप उस धारणा को छोड़ देंगे, आप नई संभावनाएँ देख पाएँगे। बदलने की संभावना, अपने मन की वृत्तियों से उभरने की संभावना।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
4. आयुर्वेद का सहारा लें
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में कफ दोष का बढ़ जाना जड़ता का कारण है। कफ हमारे शरीर के तीन दोषों में से एक है, जो पृथ्वी और जल तत्त्वों से मिल के बना है।
आयुर्वेदिक मालिश और उपचार के माध्यम से आप कफ दोष को कम कर सकते हैं। योग, व्यायाम, प्राणायाम और ध्यान से तीनों दोषों में समन्वय बना रहता है और आलस छँट जाता है। इस प्रकार के उपचार – चाहे मालिश या अन्य आयुर्वेदिक उपचारों से आप अपने और अपने प्रियजनों के आलस को दूर भगा सकते हैं।
5. छोटी शुरुवात करें
एक प्रण लें और उस पर अटल रहें। यह प्रतिदिन 20 मिनट चलने जितना सरल हो सकता है। और आप अगले दिन इसे बढ़ा कर 22 मिनट कर दीजिए। जो भी प्रण आपको उचित लगे, उसे लें। और उस पर प्रतिबद्ध रहें। आप चाहें तो किसी मित्र के साथ मिल कर करें, जिससे आप एक दूसरे का प्रोत्साहन कर सकें। आप किसी ऐसे व्यक्ति का चयन भी कर सकते हैं जिसके साथ आप मैत्रीपूर्ण स्पर्धा कर सकें। इससे आपका आत्मविश्वास उजागर होगा, आपको उपलब्धि का अनुभव होगा और आप पूर्ण जोश के साथ कार्यों के लिए तैयार रहेंगे।
6. जैसा भोजन, वैसा मन
क्या आप अधिक मात्रा में प्रौसेस किए हुए भोजन का सेवन करते हैं? हो सकता है कि आप अत्यधिक चीनी का सेवन करते हों। बहुत से खाद्य पदार्थों में रसायन होते हैं और हो सकता है कि वे आपके भोजन में मिल जाएँ। इससे आपकी ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ हुए जैसे टमाटर की केचप, चिप्स, क्रैकर्स, डब्बे में मिलते फलों के रस, इत्यादि।
सेवन करने से पहले अपने भोजन को जाँच लें। ध्यान रखें कि आपके खाने में अधिक से अधिक पोषण हो और वह भोजन आपकी आँतों को हल्का रखे। इस प्रकार के भोजन हुए जैसे सलाद, ताजी सब्जियाँ व ताजे फल, सूप, बाजरा, जौ, जुवार इत्यादि।
दिन भर आलस महसूस करना और उत्साह की कमी का एक कारण विटामिन बी और डी की कमी भी होता है।
और ध्यान दें कि आप दिन भर में उचित मात्रा में पानी पी रहे हैं। आप जाने अनजाने ही निर्जलीकरण की अवस्था में हो सकते हैं। इससे थकावट और आलस होता है।
आपको जान कर आश्चर्य होगा कि केवल भोजन व पानी की ओर ध्यान देने से ऊर्जा का स्तर कितना बढ़ सकता है।
सारांश
क्या आपको अपने प्रश्नों के उत्तर मिले? क्या आलस से उभरना कठिन है? अब नहीं।
अंत में, आलस से उभरने के उपचार हैं – स्वास्थ्य का ध्यान रखना, मनोस्थिति को बदलना और छोटे बदलावों से आरंभ करना। इन सुझावों के माध्यम से आप अपनी ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकते हैं, आत्मविश्वास जगा सकते हैं, अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और आलस व जड़ता को दूर भगा सकते हैं।