पीठ दर्द एक ऐसी दर्द भरी दशा है, जिसकी बहुत से लोग तब तक अवहेलना करते रहते हैं जब तक यह सहनशक्ति से बाहर नहीं हो जाए। शायद आप भी इसे हमेशा साथ रहने वाली एक स्थायी घटना मानते हैं, ठीक उसी तरह, जिस तरह आपको काम पर जाने के लिए यातायात अवरोध से गुजरना पड़ता है। पर सच यह है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। पीठ दर्द के कारणों को साधारण और व्यवहारिक तरीकों से समझना होगा।
पीठ दर्द के कारण: कारण जिनकी आपको अवहेलना नहीं करनी चाहिए (kamar Dard ke Karan)
- तनाव, मानसिक दबाव व चिंता
- लंबे समय तक बैठना
- खराब नींद
- बैठने का गलत ढंग
- मूड और उर्जा का कम होना
- चोट लगना या हड्डी का टूटना
- पानी की कमी
- रीढ़ की हड्डी की समस्याएँ जो परिवार में पीढ़ियों से चल रही हैं
- ध्यान न दी गई गंभीर शारीरिक समस्याएँ
- गठिया रोग या स्लिप डिस्क
- हठपूर्वक किए गए व्यायाम
डॉक्टर को मिलना: पहला कदम
आपका पीठ दर्द गुरदे की पथरी, जोड़ दर्द, रीड़ की हड्डी के स्लिप होने का कारण बन सकता है। बाद में आने वाली मुश्किलों से बचने के लिए आप डॉक्टर से मिल सकते हैं। यदि आपका डॉक्टर आपको हरी झंडी देता है तो अपनी जीवन शैली को कुछ अच्छी आदतों से ठीक करना पड़ेगा।
पीठ दर्द ठीक करने के लिए 8 प्रभावशाली दैनिक आदतें (kamar Dard ka ilaj)
मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा प्रतिदिन सुदर्शन क्रिया से करें
भावनात्मक संकट, अवसाद, चिंता व तनाव के कारण आपको कुछ समय रहने वाला या गंभीर पीठ का दर्द हो सकता है। सुदर्शन क्रिया, जो साँस लेने की प्रकिया है, साथ ही ध्यान मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने का एक प्रभावशाली तरीका है। दो सप्ताह सुदर्शन क्रिया का लगातार अभ्यास चिंता को 56 प्रतिशत कम करता है। पता चला है कि सुदर्शन क्रिया मानसिक और गैर मानसिक दबाव में प्रभावशाली निजात देती है।
योग से अपनी पीठ को मजबूत बनाएँ
योग आपकी पीठ की माँसपेशियों को बल देता है और पीठ दर्द को रोकता है। पीठ दर्द व पीठ के नीचे के भाग में दर्द के लिए योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर अन्तर महसूस किया जा सकता है।
गति
पीठ दर्द को ठीक करने के लिए व पीठ दर्द से बचने के लिए चलना बहुत जरूरी है। लंबे समय तक अपनी सीट पर बैठने के कारण आपकी पीठ की माँसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर दबाव आता है जिसकी वजह से दर्द को रोका नहीं जा सकता। यह जरूरी है कि कुछ समय के अंतराल पर विश्राम किया जाए। हर आधे घंटे बाद या तो थोड़ा चलना चाहिए या खड़े होकर थोड़ा शरीर को खिंचाव देने वाला व्यायाम करना चाहिए।
अपने आसन (पॉस्चर) के बारे में जागरूकता रखें
आप कैसे खड़े होते हैं, बैठते और चलते हैं, इसका प्रभाव आपकी पीठ के स्वास्थ्य पर पड़ता है।. अस्वास्थ्यकर आसन (पॉस्चर) शामिल हैं:
- चलते हुए अपने पैरों को खींचना
- खड़े होते समय एक एक पैर पर अधिक वजन डालना
- खड़े होते समय एक टांग पर अधिक भार डालना
- खड़े हुए एक ही बाजू झुलाना
जैसे ही आपको अपने गलत आसन के बारे में पता चले आप इसे जल्दी ही ठीक कर लें
अपने पानी के सेवन का ध्यान रखें
पानी की कमी आपकी रीढ़ की हड्डी का पानी कम कर देती है और पीठ दर्द की शिकायत पैदा करती है, इसलिए भरपूर पानी पीना आवश्यक है। पानी को ठीक मात्रा में पीने और शरीर में ठीक प्रकार से अवशोषित होने के तरीकों को आजमाना चाहिए।
भरपूर नींद और सोने का उचित तरीका
सही नींद न लेने से हमारी पीठ दर्द होने लगती है। इसके अलावा सोने के गलत ढंग से भी कमर दर्द हो सकता है।
- सोने का आदर्श तरीका जैसे एक बच्चा माँ के पेट में रहता है वैसा ही होना चाहिए।
- तकिये की ऊँचाई इतनी होनी चाहिए कि आपका सिर और कंधे बाकी शरीर के साथ सीध में हों।
- यदि आपका तकिया अधिक ऊँचा या अधिक नीचा हो तो आपको कमर दर्द की शिकायत हो सकती है।
- सोने के ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जो सोने के गुणों को बढ़ाएँ।
अपने भोजन पर ध्यान दें
मदिरापान (अल्कोहल), धूम्रपान, प्रसंस्कृत भोजन व सफेद चीनी पीठ दर्द को बढ़ा सकते हैं जबकि ठीक होने के लिए संतुलित भोजन चाहिए।
सप्ताह में दो बार मालिश करना
अपनी पीठ को सप्ताह में दो बार तिल के तेल से मालिश करनी चाहिए ताकि वात दोष ठीक हो सके व खून का दौरा बढ़ सके।