हम में से अधिकतर लोग सुबह नींद से उठने के लिए या हमारे पूर्व निर्धारित कार्यों की याद दिलाने के लिए अलार्म का सहारा लेते हैं। हालाँकि हमें लगता है कि अलार्म की ध्वनि के रूप में चेतावनी हमारे कार्य को सुव्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाने के लिए लाभप्रद है, कई बार यह अनिवार्य रूप से कार्य सूची में समाविष्ट करने के लिए भी विवश कर देता है। कहने का मतलब यह है कि अलार्म पर निर्भरता का अर्थ यह भी हो सकता है कि आप हर रात को अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं, और पूरे दिन कार्य के लिए स्वयं को जबरदस्ती घसीट रहे हैं। साथ ही, आजकल अनिद्रा, तनाव और चिंता के बढ़ते मामलों को देखते हुए, हम बेचैनी को अनदेखा नहीं कर सकते।
अपने दिन का आरंभ करने का सर्वोत्तम तरीका है कि हम स्वाभाविक रूप से अपने आप नींद से उठें। निःसन्देह आपके लिए इस प्रक्रिया को एकदम से आरंभ करना संभव नहीं होगा क्योंकि इसके लिए जीवनशैली में कुछ परिवर्तन आवश्यक होंगे। नीचे कुछ ऐसे उपाय बताए जा रहे हैं जो नींद के रहस्यों से पर्दा उठा कर आपको बिना अलार्म के उठने में सहायक होंगे।
बिना अलार्म नींद से जागने के लिए 11 अद्भुत उपाय
1. प्रभावी रूप से कार्य करना
यदि आप अपने पूर्वजों की दिनचर्या में देखोगे (जब कोई घड़ी या अलार्म नहीं होता था), तो आपको यह देख कर आश्चर्य होगा कि उनका जीवन कितना अनुशासित था! और उस समय में न केवल सुविधाओं का अभाव था, उन्होंने समय सारिणी के प्रति समर्पण की भावना के कारण भी अपना जीवन आसान बना लिया था। वे हमेशा सूर्योदय पहले उठ जाते थे और सूर्यास्त के बाद बिस्तर पर जाते थे। यदि आप दिन भर के कर्यों से थक कर आते हैं तो आपको अच्छी नींद आ जाती है किंतु यदि आपका दिन अपेक्षाकृत आरामदायक हो तो उतनी अच्छी नींद नहीं आएगी। इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने मन और शरीर को दिन भर के कार्य से अच्छी प्रकार के थका लें ताकि आपको अच्छी नींद आ जाए।
मन को प्रसन्न रखने से काम सहज रूप से हो जाता है। यह उत्पादकता बढ़ाने का कौशल है।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
2. अपनी नींद की अवधि को देखें
हालाँकि यह एक चर्चा का विषय हो सकता है, क्योंकि प्रत्येक शरीर का कार्य करने का अपना अलग ढंग होता है, फिर भी अपनी नींद के घंटों की गिनती करना लाभकारी हो सकता है। जबकि अनुसंधानों का निष्कर्ष है कि व्यक्ति को रात में कम से कम सात घंटे सोना चाहिए, यह संख्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग हो सकती है। यह मूलतः नींद के चरणों पर निर्भर करता है, जिसमें REM अर्थात् रैपिड आई मूवमेंट, का चरण भी सम्मिलित है। जबकि कुछ लोग केवल चार घंटे की अच्छी नींद से ही तरोताजा हो जाते हैं, कुछ लोग नौ घंटे की नींद के उपरांत ही अच्छा महसूस करते हैं। इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, यह जानना कि आपके शरीर के लिए कितने घंटे की नींद सुविधाजनक है, आपको उसी के अनुसार चलना चाहिए। ऐसा करने से आपको नींद से उठने के लिए अलार्म की सहायता नहीं लेनी पड़ेगी।
3. शारीरिक गतिविधियाँ करें
शारीरिक गतिविधियाँ शरीर के प्रत्येक अंग तक रक्त प्रवाह में मदद करती हैं। जब भी आप शरीर में खिंचाव लाते हैं या दौड़ते हैं, तो माँसपेशियों का व्यायाम हो जाता है और वह आपको थका भी देता है। यह उत्तेजन आपको अच्छी नींद के लिए सहायता करता है, पसीने की ग्रंथियों को कार्यशील बनाता है तथा मन को व्यस्त रखने के साथ साथ तनाव और चिंता से मुक्त भी रखता है। इसलिए खेल गतिविधि को चुन कर उसमें समय लगाएँ। जब इस प्रकार की गतिविधियों में आपको रुचि होने लगती है तो उनमें नियमित होने में समय नहीं लगता। यह अलार्म की सहायता लिए बिना जागने का एक मजेदार तरीका है।
4. अपने मन को व्यस्त रखें
प्रतिदिन कुछ रचनात्मक कार्य करने पर ध्यान दे। नई रुचि आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय रखते हैं और सुबह उठने पर आप का मन करेगा कि आप कोई उपयोगी और रचनात्मक कार्य में लगें। जब आपके सामने कोई रुचिकर कार्य करने को होगा तो वह बिना अलार्म आपको उठने में सहायता करेगा।
जीवन में उथल-पुथल है और इसमें अनुशासन की आवश्यकता है। हमें दोनों का सम्मान करना चाहिए। उथल-पुथल से परम आनंद मिलता है और अनुशासन से सुख।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
5. सजगता का अभ्यास करें
ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास से सजगता प्राप्त की जा सकती है। यह आपको विपत्ति के समय शांत रखने और स्वयं के भीतर से ही समस्याओं के समाधान खोजने में सहायक होता है। सजगता आप में सभी भावनाओं, परिस्थितियों और कार्यों के प्रति जागरूकता लाती है। और जब आप सजगतापूर्वक स्वयं को नए जोश से अपना दिन आरंभ करने के लिए तैयार करते हैं तो आप बिना अलार्म के अपने आप उठ जाएँगे।
6. कुछ समय प्रकृति के साथ बिताएं
हम जो कुछ भी करते हैं वह प्रकृति से उत्पन्न होता है, इसलिए आपको प्रकृति के चक्र में विश्वास रखना चाहिए। जब आप प्रकृति में विश्वास रखते हो तो आप इससे जुड़ाव अनुभव करते हैं। आप सुबह उठते ही अपनी दिनचर्या आरंभ करने के लिए उत्साहित रहते हैं। यदि आपने अभी तक यह अनुभव नहीं किया हो तो आपको निश्चय ही प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा प्रकृति की गोद में व्यतीत करना आरंभ कर देना चाहिए। प्रकृति के जादू को महसूस करने के लिए सजगतापूर्वक पत्तों की सरसराहट, परिंदों की चहचहाट, फूलों के खिलने, झींगुरों के कलरव आदि को ध्यानपूर्वक देखें और सुनें।
7. अपने आहार को शुद्ध करें
आज के समय में, जब खाद्य पदार्थों में मिलावट सामान्य बात हो गई है, यह आवश्यक है कि हम इनको भली भाँति जाँच कर ही अपने पेट में जाने दें। यदि आप अस्वास्थ्यकर और जंक भोज्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो आपको पाचन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, आप हर समय आलस महसूस हो सकता और दिन में भी नींद आ सकती। इसके विपरीत ताजे फल और सब्जियाँ तथा घर में बने भोजन से आपको प्रचुर मात्रा में पोषक तत्त्व मिल जाते हैं और आपकी नींद की गुणवत्ता में भी सुधार आता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार होने से आपको इस बात की चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि अलार्म के बिना कैसे उठें!
8. अपने जीवन को सँभालें
जब आप अपने जीवन पर नियंत्रण रखते हैं और स्वयं को अपने जीवन के लिए जिम्मेदार मानते हैं तो आप अपना जीवन सर्वश्रेष्ठ ढंग से जीने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको आपसे बेहतर प्रेरित कर सके। घूमें, पुस्तक पढ़ें, ठंडे पानी से नहाएँ, कुछ संगीत सुनें या किसी पुराने दोस्त से मिलें और अपने दिन को मनचाहे ढंग से व्यतीत करें! यदि जीवन में उत्साह हो तो फिर नींद से जागने के लिए अलार्म की आवश्यकता कभी नहीं होगी।
जीवन भाग्य और स्वेच्छा का संगम है। बारिश का होना भाग्य है किंतु उसमें भीगना है या नहीं, यह आप की इच्छा है।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
9. सोने का समय निश्चित करें
रात को सोने से पहले स्वयं को लाड़-प्यार करने से आप को शांति मिलती है और यह आपको सुबह ऊर्जावान महसूस करवाने का अच्छा उपाय है। दिनचर्या का पालन करें, अपना देखभाल करें, हल्का भोजन करें, गर्म पानी से स्नान करें, अच्छी नींद के लिए लाइट बंद करने से पहले ध्यान करें या किताब पढ़ें। जब आप नियमित रूप से समय सारिणी का पालन करते हैं, तो आप सोते समय एक ऐसी आदत बनाते हैं जो आपको पर्याप्त आराम देती है, और आप तरोताजा और ऊर्जा से भरपूर उठते हैं।
10. रोशनी धीमी करें
अच्छी नींद पाने के लिए आपको सोते समय रोशनी धीमी रखनी चाहिए। सोने जाने से एक घंटा पूर्व अपने मोबाइल और टैबलेट का उपयोग बंद कर देना एक अच्छी आदत है, क्योंकि इन उपकरणों से निकलने वाली तरंगें आपको नींद आने में बाधक हो सकती हैं। इसी प्रकार प्रातः उठते ही इनका उपयोग करने से बचें। यह आपके उत्साह पर पानी फेर सकता है और जो काम दिखने में चंद मिनट का है, आपको घंटों तक बिस्तर में पड़ा रहने के लिए मजबूर कर सकता है। प्रातः उठने के उपरांत के प्रथम कुछ घंटे किसी रचनात्मक और उत्पादक कार्य में लगाने से आप भावनात्मक रूप से ऊर्जावान महसूस करते हैं और यह आपको दिन भर के लिए तैयार कर देता है। सुबह अलार्म के बिना उठने के लिए कुछ अभ्यास आवश्यक है, किंतु एक बार आप इसके अभ्यस्त हो जाते हैं तो फिर आपको इसकी आवश्यकता कभी नहीं पड़ेगी।
11. मूल्यांकन इसकी कुंजी है
दिखावे और निर्भरताओं से भरे इस दुनिया में बाहरी कारकों से प्रभावित हुए बिना प्रकृति की लय के अनुसार जीवन जीना सरल कार्य नहीं है। हालाँकि, यहाँ स्वयं का मूल्यांकन करना अति आवश्यक है जो हर पल आपको सुधारने में सहायता करता है। यहाँ मुख्य प्रश्न यह नहीं है कि सुबह बिना अलार्म के आप कैसे उठ सकते हैं; मुख्य बात यह है कि बाहरी वातावरण से प्रभावित हुए बिना कोई भी कार्य स्वाभाविक ढंग से कैसे किया जाए! यह आपको ही निर्णय लेना है कि आप यह अधिकार किसके पास होनी चाहिए, क्योंकि आप जो चुनते हैं वह तय करता है कि आप अपना जीवन कैसा चाहते हैं!