समुद्र की सतहों पर लहरों के आवागमन को देखना हमेशा एक आनंददायक अनुभव होता है। वास्तव में यह एक ऐसी ध्वनि है, जिसे प्रकृति ने उत्पन्न किया है। फिर भी यह हमारी आत्मा को सुकून देता है और हमें ध्यान में ले जाता है।
तनाव मुक्ति के लिए ध्यान (Meditation for Stress Free)
जीवन एक सुंदर यात्रा है, जिसे हम अक्सर तनावपूर्ण मान लेते हैं। तनाव साधारणतया आंतरिक या बाह्य कारकों,चाहे कारण एक हो या अनेक, द्वारा उत्पन्न जीवन की परिस्थितियों को झेल पाने की हमारी असमर्थता है।
सरल शब्दों में कह सकते हैं कि कम समय में ज्यादा काम करना हो या हमारे नियंत्रण के परे कोई दुखद अनुभव या बीमारी के प्रति हमारी अतिसंवेदनशीलता हो, यह सब तनाव ही हैं। हम अपने आसपास के लोगों को इससे गुजरते हुए देखते ही हैं। यहां तक कि किसी बाह्य कारणों से उत्पन्न भय के विचार भी तनाव के कारक हो सकते हैं।
चिकित्सा समुदाय विभिन्न स्तरों पर तनाव के प्रभाव की चर्चा करता है – शारीरिक और मानसिक। शारीरिक स्थितियाँ पाचन, परिसंचरण और श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं और शरीर की प्रतिरक्षा कार्यों पर असर डाल सकती हैं, जबकि भावनात्मक तनाव भ्रम, चिंता और अवसाद का कारण बन सकती हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि किसने किस स्तर के तनाव का सामना किया है।
जो भी हो, जितनी जल्दी इन तनाव पैदा करने वाली चीजों को हटाया जाए, वह उतना ही बेहतर है, नहीं तो हमारे पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंतु द्वारा उत्पन्न तनाव हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है, और क्षणिक तनाव स्थायी संकट बन जाता है। इसलिए, इससे पहले कि एमिग्डाला हाइजैक हो जाए, जहां अनुभूति करने वाले मस्तिष्क को सोचने वाले मस्तिष्क से अलग कर दिया जाता है, इस पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
एमिग्डाला दिमाग का वह भाग है, जो भावनात्मक प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है, जबकि मस्तिष्क का अग्र भाग विचारात्मक सोच को संभालने की क्षमता देता है। तनाव कारक चीजें एमिग्डाला को उत्तेजित कर सकती हैं। लेकिन जब भावनात्मक बुद्धिमत्ता अधिक होती है, तब यह बहुत हद तक नियंत्रण में होता है और हम स्थितियों को काबू करते हैं, न कि प्रतिक्रिया करते हैं।
सचमुच बहुत आश्चर्यजनक है, जब हम अपनी पिछली पीढ़ियों की जीवन शैली के बारे में पढ़ते हैं, जो हमसे पहले मौजूद थे, तो वह संतुलित और सद्भावनापूर्ण लगती है। आध्यात्मिक साधना और ध्यान का अभ्यास प्रज्ञावान बुद्धि के साथ एक स्वास्थ्य पूर्ण जीवन के लिए दोनों पीढ़ियों में समान साबित हुए हैं।
समायोजनशीलता, लचीलापन, समर्पण करना और स्वयं के साथ सहज रहने से प्राण (शरीर में जीवन शक्ति) का संतुलन बना रहता है और शांति की सूक्ष्म अनुभूति लाता है।
यह बिल्कुल आश्चर्यजनक नहीं है कि हमारे ऋषियों ने हमें ऐसी गहरी ज्ञानवर्धक बुद्धि दी है, जो आध्यात्मिक अभ्यासों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। हमारी चेतना हवा और पानी से सूक्ष्म है; यह सभी दिशाओं में फैल सकती है और बह सकती है। जैसे कि पेड़ ऊपर की ओर बढ़ता है और उसकी जड़ें गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से नीचे जुड़ी रहती हैं, ठीक उसी तरह, हमारे शरीर में प्राण के स्तर को ऊपर ले जाने में ध्यान के कुछ मिनट बहुत मदद करते हैं। हमारी सांस लयबद्ध हो जाती है और मन शांत हो जाता है। यह दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियों के बीच एक सूक्ष्म आंतरिक जगत के द्वार खोलता है।
तनाव से राहत के लिए ध्यान कैसे काम करता है
ध्यान का वैज्ञानिक विश्लेषण यह कहता है कि जब ध्यान के विषय और ध्यान की वस्तु दोनों ही शून्य हो जाती हैं, तब जो बचता है वह – ऊर्जा का शुद्ध रूप, एक तरंग होता है। जो हमारी इच्छा को पूर्ण करता है। जब तनाव उत्पन्न करने वाले सारे कारकों को मिटा दिया जाता है, फिर जो शेष रहता है, वह हमारे भीतर का पूर्ण अस्तित्व है, जहां से सभी समाधान उत्पन्न होते हैं।
आर्किमिडीज की यूरेका या न्यूटन का उत्कर्ष इसी अवस्था में हुआ था।
सबसे महान वैज्ञानिक माने जाने वाले एल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा, ‘मैं 99 बार सोचता हूँ और मुझे कुछ नहीं मिलता; मैं सोचना बंद करता हूँ, मौन में तैरता हूँ, और सच्चाई मुझे मिल जाती है!’
ध्यान वह मौन है, जो हमें सभी तनाव के कारकों से राहत देती है और हमें एक गहरे शांति और आंतरिक आनंद के संपर्क में ला देती है। नहींध्यान वह मौन है, जो हमें सभी तनाव के कारकों से राहत देती है और हमें एक गहरे शांति और आंतरिक आनंद के संपर्क में ला देती है। नहींध्यान वह मौन है, जो हमें सभी तनाव के कारकों से राहत देती है और हमें एक गहरे शांति और आंतरिक आनंद के संपर्क में ला देती है। नहींध्यान वह मौन है, जो हमें सभी तनाव के कारकों से राहत देती है और हमें एक गहरे शांति और आंतरिक आनंद के संपर्क में ला देती है।
ध्यान के लाभ
एक सरल 20 मिनट की आंतरिक यात्रा हमारे अपने जीवन में अथाह लाभ लेकर आती है जो निम्नलिखित हैं:
- तनाव से राहत
- रक्तचाप का नियमन
- बेहतर कार्डियोवस्कुलर और प्रतिरक्षा स्वास्थ्य
- मासिक धर्म संबंधित समस्या से राहत
- सिरदर्द और माइग्रेन से राहत
- रक्त का बेहतर प्रवाह
- हृदय दर का संतुलित होना
- संतुलित हार्मोन्स
- असमय बुढ़ापा आने से रोकना
- बेहतर फोकस और एकाग्रता
- बुद्धि, अंतर्ज्ञान और नवीनता की भावना में वृद्धि
- स्मृति में बढ़ोत्तरी
- रचनात्मकता की वृद्धि
- बेहतर निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि
- आत्मसम्मान और आत्म स्वीकृति में सुधार
- उत्पादकता में वृद्धि
- आत्मविश्वास में वृद्धि
- स्वास्थ्यपूर्ण दृष्टिकोण
- मजबूत इच्छाशक्ति
- अधिक भावनात्मक स्थिरता
- संतुलित संबंध
- शरीर, मन, और आत्मा में सामंजस्य बनाए रखती है
- खुश रहने और खुशमिजाज बनाए रखती है
यहां ध्यान के लाभ को विस्तार में जानें।
शुरुआत के लिए कुछ त्वरित कदम
- एक शांत स्थान ढूंढें।
- अपने मोबाइल को बंद करें; सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को दूर रखें।
- मांसपेशियों को ढीला करने के लिए व्यायाम करें। वे शारीरिक स्तर पर तनाव से छुटकारा पाने में मदद करते हैं।
- कुछ गहरे सांस लेने या प्राणायाम के साथ साथ सुदर्शन क्रिया भी शारीरिक और मानसिक स्तर पर गहराई में ले जाते हैं।
- फिर, अपनी रीढ़ को सीधा करके सुखासन में सुख पूर्वक बैठें। यदि आवश्यकता हो,तो अपनी पीठ के लिए सहारे का उपयोग करें।
- अब आंखें बंद करें; कुछ गहरी, लंबी सांस लें; और बस छोड़ दें।
आरंभ करने के लिए नए लोगों के लिए इन सरल ध्यान युक्तियों का पालन करें।
गुरुदेव की शांतिदायक वाणी हमें अपने भीतर ले जाती है और हम गहरे ध्यान का अनुभव कर पाते हैं।
मन की दो क्षमताएँ होती हैं – एक है, ध्यान करने की और दूसरी है, विस्तृत होने और आराम करने की। मन की शून्यता में विस्तार करना ध्यान है – एक स्थिति जहां हम इतने मजबूत, स्थिर, ठोस होते हैं, परंतु इतने कोमल कि कोई भी हमें हिला नहीं सकता। जब बीते हुए भूतकाल का कोई पछतावा नहीं होता, और भविष्य के लिए कोई इच्छा नहीं होती, तो वह क्षण पूर्ण होता है, पूर्ण, और तनाव मुक्त। ध्यान हर क्षण को गहराई से जीना है।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
आर्ट ऑफ लिविंग के सहज समाधि ध्यान कार्यक्रम में आसानी से ध्यान करने का तरीका सीखें।