एकाग्रता ध्यान का एक प्रतिफल है। ध्यान में एकाग्रता का विकेंद्रीकर्ण हो जाता है।
आपकी शायद यह धारणा हो की ध्यान का अर्थ है मन को एक स्थान पर एकाग्र कर लेना। यह उचित नहीं है। वास्तव में ध्यान एकाग्रता के विपरीत है। आप को काम करते समय एकाग्रता की आवश्यकता होती है, लेकिन ध्यान (Dhyan) करने के लिए आपको एकाग्रता की आवश्यकता नहीं है। सतर्कता और मन का केंद्रित होना ध्यान के ही परिणाम हैं।
अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !
एकाग्रता को कैसे बढ़ाएँ? | How to improve concentration?
प्राणायाम सीखें। सुदर्शन क्रिया (Sudarshan Kriya) और ध्यान को नियमित रूप से करने से आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। जब आपकी ऊर्जा के स्तर में परिवर्तन आएगा तो आपका मन और भी अधिक शांत और एकाग्रित हो जाएगा।