एक कहावत है; "मैं छोटा नहीं हूँ। यह दुनिया बहुत बड़ी है।"
यह दुनिया और ज्यादा अच्छी दिखे इसलिये नाटे लोगों को लगता है कि उनका कद और ज्यादा होना चाहिये था। वैसे भी उंचाई से अपना मूल स्वभाव,व्यक्तित्व और अपनी कार्यक्षमता पर कुछ भी फर्क नहीं पड़ता।
एक तरह से देखा जाये तो दुनिया पर अपनी छाप छोड़ने वाले कई लोगों का कद छोटा ही है। जैसे भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की उंचाई 5’5” थी , फ्रेंच दार्शनिक, लेखक वोलटेअर इनकी उंचाई 5’3”, प्रसिद्ध सोविएत अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरीन 5’2”, जिम्नॅस्ट शॉन जॉन्सन सिर्फ 4’9” कद के ही थे। फिर भी उंचाई बढ़ने के कुछ प्राकृतिक उपाय है क्या? जरूर है। योग से आपकी रीढ़ की हड्डी खींची जाती है, पीठ और पैरों की माँसपेशियों में खिंचाव आता है और आपकी काया में सुधार होकर उंचाई बढ़ना मुमकिन हो पाता है। योग से शरीर के विषाक्त घटक बाहर निकाले जाते हैं जिससे स्वस्थ कोशिकाओं के विकास में गति आती है। नियमित योग साधना तनाव को दूर कर शरीर को विश्राम देती है। अंततः शरीर में हार्मोन्स सक्रिय होकर उंचाई बढ़ने लगती है।
आपका कद बढ़ाने के लिए योग
प्राचीन भारत पद्धति शारीरिक विकास से सम्बंधित आपकी हर जिज्ञासा का सहज व सरल हल है। आश्चर्य हो रहा है न? आश्चर्य चकित न हों।
योग का अर्थ होता है शरीर और मन का मिलन। यह स्वस्थ जीवन जीने का बहुत ही आसान और प्रभावपूर्ण तरीका है जो मन को शांति प्रदान करता है और शरीर के भीतर जमा हुए हानिकारक पदार्थों को बाहर करता है। श्वास की सहायता से,आसनों के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों में अपना ध्यान ले जाकर इसका अभ्यास किया जाता है। यह खून का दौरा बढ़ाता है, तब शरीर आसानी से वृद्धि हार्मोन पैदा करता है, इस वृद्धि हार्मोन से ही कद बढ़ता है। एक अच्छे अंग विन्यास को प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण होता है और योग के अभ्यास के द्वारा उसे पाया जा सकता है।
श्री श्री योग (Sri Sri Yoga) पाँच दिन का स्वास्थ्यवर्धक पाठ्यक्रम है जो मन अथवा मस्तिष्क में सुधार लाता है और योगासनों द्वारा शरीर को पुनर्यौवन प्रदान करता है यदि आप दिन में कुछ समय नियमित रूप से योग का अभ्यास करें तो आपका शारीरिक विकास हो सकता है और मन शांत हो सकता है। आइये कुछ योग आसनों को देखें जो कद बढ़ाने में आपके सहायक हो सकते हैं।
भुजंगासन
यह आसन कन्धों,छाती और पेट की माँसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है। इसके द्वारा अंग विन्यास में सुधार होता है, जिससे कद बढ़ता है।
- पीठ की माँसपेशियाँ मजबूत बनती है।
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
- शरीर का प्रारूप ठीक करने में मदद मिलती है।
- तनावों का निकास होता है।
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वृक्षासन और ताड़ासन
यह ऐसा आदर्श आसन है जो रीढ़ की हड्डी को लम्बा और सीधा करता है। जो कद बढ़ाने में सहायक होता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और उंचाई बढ़ती है।
- घुटने और जंघाए मजबूत बनती है।
- शरीर का संतुलन सुधारता है, तथा आप स्थिर और लचीले बनते हैं।
- बौद्धिक समन्वय में सुधार होता है।
- सांस स्थिर और गहरी बनती है।
नटराजासन
- गर्दन और पेटकी माँसपेशियों में खिचाव अनुभव होता है तथा उन्हें मजबूती प्राप्त होती है।
- रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में और कमर की माँसपेशियों मे खिचाव आकर उन्हे मजबूती प्राप्त होती है।
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
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मार्जरी आसन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
- कंधे मजबूत बनते हैं।
- शरीर में रक्त प्रसार सुधारता है।
- शरीर में प्राणवायु को जमा करने की क्षमता बढ़ती है।
- तनाव दूर होकर मन शांत होता है।
बारह योगासनों का यह अभ्यास थोड़े ही दिनो में आपकी जोड़ों और माँसपेशियाँ लचीली करने में सहायता करता है। सूर्य नमस्कार, बारह आसनों का समूह सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता दर्शाता है। इसका अच्छी तरह अभ्यास किया जाये तो शरीर, मन और श्वास में आपसी ताल मेल स्थापित होता है। - सूर्य नमस्कार सीखने के लिये यहाँ क्लिक करें।
- सभी माँसपेशियाँ और जोडों में मजबूती प्राप्त होती है।
- शरीर में रक्त प्रसार अच्छी तरह से होता है।
- पाचन प्रणाली में सुधार होता है।
- शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकाले जाते हैं।
- अंतःस्रावी ग्रंथियों के कार्य में सुधार होता है।
- अनिद्रा दूर करता है।
- अकारण चिंताए दूर होती हैं।
नियमित सूर्य नमस्कार करने से सर से लेकर पाँव तक लाभ होता है। यह माँसपेशियाँ और जोड़ों के साथ शरीर के सारे अंगों को लाभ पहुँचाता है।
अगर आपको आपकी उंचाई और बढ़ानी हो तो स्वस्थ और सात्विक आहार के साथ उपर दर्शाये गये योगासन करें। आसनो सें आपकी रीढ़ की हड्डी और बाकी अंग भी स्वस्थ रहते हैं। उसी तरह शरीर से विषाक्त द्रव्य दूर होकर स्वस्थ पेशियाँ और हार्मोन्स का निर्माण होने लगता है। यह थोडा संयम का काम है। लेकिन प्रतिदिन योग का अभ्यास करने से यह आसानी से संभव होता है। उंचाई बढाने के लिये योग बढ़ती उम्र में करने से लाभकारी होता है।
योग एक ऐसी प्राचीन कला है जिसका नियमित अभ्यास चमत्कार कर सकता है। किसी भी अन्य अभ्यास की तरह, योग को भी प्रशिक्षित विशेषज्ञों से ही सीखना चाहिए। श्री श्री योग कार्यशाला में प्रशिक्षित कार्यकर्ता आपको अलग-अलग आसन सिखाते हैं और शरीर में उत्पन्न तनाव को कम करते हैं। एक श्री श्री योग शिक्षक आपके शारीरिक विकास और जीवन शैली अनुरूप योग कार्यक्रम आपके लिए बना सकता है।
योग का अभ्यास शरीर और मन को विकसित कर स्वास्थ्य दिलाता है। लेकिन वह दवाओं का विकल्प नहीं हो सकता। प्रशिक्षित श्री श्री योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में योग का अभ्यास करना महत्वपूर्ण है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी कारणो के लिये डॉक्टर या श्री श्री योग प्रशिक्षक से सलाह लेने के बाद ही योग का अभ्यास शुरू करें।
श्री श्री योग शिविर के बारे में आपके आसपास आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र पर पूछताछ करें। अगर आपको शिविर के बारे में जानकारी चाहिये या प्रतिक्रिया भेजनी हो तो हमें लिखकर भेजें - info@srisriyoga.in