वेद विज्ञान महाविद्यापीठ 473 विद्यालयों में से एक है, जो भारत के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की क्रांति ला रहे हैं। यह ग्रामीण विद्यालय गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर द्वारा 1981 में स्थापित किया गया था। यह तब आरंभ हुआ जब गुरुदेव ने आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के पास कुछ बच्चों को धूल मिट्टी में खेलते हुए देखा। तब उन्होनें यह निर्णय लिया कि वे उनकी सहायता करेंगे और उन्हें शिक्षित होने का अवसर प्रदान करेंगे।
एक स्थानीय स्वयंसेवक को इन बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई, उन्हें शौच सिखाया गया, उन्हें खेल के माध्यम से शिक्षा प्रदान की गई और उन्हें पौष्टिक भोजन दिया गया। यह उन बच्चों के लिए और उनके माता पिता के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया और आज भी है। जैसे जैसे विद्यालय में आने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी, शिक्षा प्रदान करने के लिए एक ढांचा तैयार किया गया और बच्चों व शिक्षकों की संख्या बढ़ती रही। हमारे निःशुल्क विद्यालयों के बारे में जानें।
छात्रों की पहली पीढ़ी
लगभग 95% छात्र अपने परिवारों में शिक्षा ग्रहण करने वाली पहली पीढ़ी है। हमारे विद्यालयों को इस बात पर गौरव है कि अंदरूनी परीक्षाओं में सफलता का दर 100% है।
इस नन्ही आयु में, मेरी बेटी खेतों में काम कर रही होती। हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि हम उसे शिक्षा दे पाएँगे! उसे विद्यालय जाते हुए देखकर मैं बहुत प्रसन्न होती हूँ।
श्रीमती सावित्री, हमारी एक छात्रा की माँ।
निःशुल्क शिक्षा
विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति में किसी भी प्रकार की बाधा न हो, इसके लिए बच्चों को यूनिफॉर्म, जूते, पुस्तकें, कलम, बस सुविधा और भोजन निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं।
चिकित्सा की सुविधाएँ और औषधालय भी उपलब्ध हैं।
सम्पूर्ण विद्या
योग, ध्यान, खेल और कला जैसे नृत्य, संगीत, चित्रकला विद्यालय के महत्वपूर्ण भाग हैं, जिससे बच्चों का मन व शरीर स्वस्थ रहता है।
बच्चों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग का उत्कर्ष योग समय समय पर आयोजित किया जाता है, जिससे बच्चों को किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से जूझने की क्षमता मिलती है।
नेतृत्व को बढ़ावा देना
विद्यालय में बच्चों द्वारा चुनी गई और संचालित सरकार है, जिससे उन्हें राजनीति की समझ होती है और उनमें नेतृत्व उजागर होता है। बच्चे भारत के प्रजातन्त्र और शासन को अच्छे से समझ पाते हैं। पाठशाला की सरकार कनिष्ठ कक्षाओं को और विद्यालय के प्रशासन की सहायता करती है।
व्यावसायिक प्रशिक्षण
व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे सिलाई, कंप्युटर ट्रेनिंग और बढ़ई का काम बड़े बच्चों को सिखाया जाता है। उन्हें माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
समुदाय के साथ मिल कर काम करना
हम नियमित रूप से पुराने छात्रों से मीटिंग का आयोजन करते हैं, जहाँ पुराने छात्र विद्यार्थियों और उनके माता पिताओं से शिक्षा के महत्व के बारे में बात करते हैं। यह छात्र अपने अनुभव साझा करते हैं और अन्य विद्यार्थियों को आगे शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिससे वे भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
हम यह कैसे करते हैं?
हमारी शिक्षा के प्रति यह पहल स्वयंसेवकों द्वारा संचालित है, जिन्हें सुदर्शन क्रिया से प्रेरणा मिलती है,जो एक ऊर्जा प्रदान करने वाली क्रिया। आप भी घर बैठे बैठे सुदर्शन क्रिया सीख सकते हैं।