गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर एक मानवतावादी नेता, आध्यात्मिक गुरु और शांतिदूत है। उनकी तनावमुक्त, हिंसामुक्त समाज की संकल्पना से आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा प्रदत्त सेवा परियोजनाओं और कार्यक्रमों द्वारा विश्वभर के करोड़ो लोगो को एकता के सूत्र में बाँधा है।
प्रारंभ
1956 में दक्षिणी भारत में जन्मे गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर विशेष प्रतिभा संपन्न बालक थे। चार वर्ष की आयु में वह प्राचीन संस्कृत ग्रंथ भगवद्गीता के श्लोकों का उच्चारण करने में समर्थ थे और अक्सर गहरे ध्यान में पाए जाते थे। गुरुदेव के पहले शिक्षक सुधाकर चतुर्वेदी का महात्मा गांधी के साथ दीर्घकालिक संबंध था। 1973 में सत्रह साल की उम्र में गुरुदेव ने वैदिक साहित्य और भौतिकी दोनों में स्नातक की उपाधि हासिल कर ली थी।
आर्ट ऑफ लिविंग एक सिध्दांत है, जीवन को पूर्णता से जीने का एक दर्शन है। यह एक संगठन की अपेक्षा एक आंदोलन है। इसका केंद्रीय मूल्य स्वयं के भीतर शांति पाना है और हमारे समाज में, विभिन्न संस्कृतियों, परम्पराओं, धर्मो और राष्ट्रीयता के लोगो को एक सूत्र में बांधना है; और इस प्रकार हमें यह याद दिलाना है कि हमारा एक ही लक्ष्य है और वह है सर्वत्र मानव जीवन का उत्थान।
- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर