मैं हमेशा थका थका क्यों महसूस करता हूँ?
जैसे जैसे दुनियादारी में हमारी व्यस्तता बढ़ रही है, वैसे वैसे हमारी शारीरिक तथा मानसिक अवस्था में सतत् थकान और अस्वस्थता भी बढ़ रही है। प्रतिदिन व्यवसाय के उद्देश्य से लंबे समय तक यात्रा करना, प्रात: 9 बजे से रात्रि के 9 बजे तक का कार्य समय, सोशल मीडिया का निरंतर उपयोग तथा जीवन की बढ़ती हुई सामान्य माँगें, इन सब के कारण हमारी जनसंख्या का एक बड़ा भाग, निरंतर थकान महसूस करता है।
इसलिए, हर समय महसूस होने वाली इस थकान को कैसे रोकें?
थकान के कारणों तथा इससे बचाव के उपायों में जाने से पहले, आइए एक और प्रासंगिक प्रश्न पर विचार करें।
जब आप दुर्बलता का अनुभव करते हैं तो आपको होता क्या है?
जब भी आप थके थके होते हैं तो आपके भीतर प्राणशक्ति अर्थात् जीवन ऊर्जा कम हो जाती है। यह प्राणशक्ति ही होती है जो हमारे मन को पोषण देती है तथा शरीर को जीवित रखती है। प्राण ऊर्जा के बिना शरीर का क्षय हो जाता है। यदि प्राण शक्ति कम हो जाए तो इससे मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और उन में गिरावट आ जाती है। भोजन, श्वास, ध्यान तथा नींद – प्राण शक्ति के यह चार स्रोत हैं।
तीन प्रकार की थकान (Thakan ke prakar)
प्राण शक्ति में कमी हमारे अस्तित्व के तीन आयामों पर प्रभाव डालती है: शारीरिक स्तर पर, मानसिक स्तर पर तथा भावनात्मक स्तर पर। इसलिए आपको शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक, इनमें से कोई एक या एक से अधिक प्रकार की थकान हो सकती है, जिससे आप हर समय थके थके रहते हैं।
1. शारीरिक थकान
शारीरिक थकान को आराम करने से दूर किया जा सकता है।
2. मानसिक थकान
यह प्राय: अधिक सोचने से होती है, जो आपको थका डालता है। इच्छाओं के कारण, यह करो, यह न करो, सोच सोच कर हमारा मस्तिष्क थक जाता है। जीवन में सदैव कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके बारे में आप कुछ कर सकते हो और कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जो हमारे वश में नहीं होती, उनके बारे में हम कुछ नहीं कर सकते। और ऐसी चीजें, जिनको लेकर हम कुछ कर नहीं सकते, उन्हें सोच सोच कर हम दुःखी हो जाते हैं। इनको ईश्वर को समर्पित कर दें और उन पर ही इन्हें ठीक करने के लिए छोड़ दें, अपने ईश्वर पर विश्वास करें और उन्हें ठीक करने का अवसर दें। प्राणायाम, योग और ध्यान करने से मानसिक थकान पर काबू पाया जा सकता है।
3. भावनात्मक थकान
इसमें नाराजगी, असंतोष, भय और चिंता आदि भावनाओं का सम्मिश्रण होता है। इन भावनाओं पर मंत्र स्नान (मंत्रों का श्रवण) कर विजय पाई जा सकती है।
आप हर समय थकावट क्यों महसूस करते हैं? (Thakan ke karan)
आपके हर समय थकावट महसूस करने के भी वही कारण हैं जो आपकी प्राण ऊर्जा को निचोड़ लेते हैं। थकान के कारणों में से कुछ मुख्य कारण यह हैं:
1. अपर्याप्त तथा अनियमित नींद
- आपको कई बार ऐसा लगा होगा कि “मैं सदा निद्राग्रस्त क्यों रहता हूँ”?
हर समय थकान महसूस करने के अनेक कारणों में से एक कारण हो सकता है – अपर्याप्त नींद। 55 प्रतिशत से अधिक भारतीय प्रतिदिन 6 घंटे से कम समय सो पाते हैं, और यह संख्या चिंताजनक है। अपर्याप्त नींद थकान का सबसे सामान्य कारण है और इसका बहुत सी बीमारियों, जैसे हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, उच्च रक्तचाप, अवसाद, मोटापा, मधुमेह, आघात आदि, से गहरा सम्बंध है। क्या आप अधिक समय तक कार्य करते हैं? क्या आप अक्सर देर रात तक चलचित्र देखते रहते हैं? यदि इनका उत्तर “हाँ” में है तो संभवतः आप असामान्य/ असुविधाजनक समय पर सो रहे हैं तथा आपको अच्छी गुणवत्तापूर्ण नींद के लिए यह आदत बदलने की आवश्यकता है।
2. विटामिन की कमी
अपर्याप्त पोषण और कुछ विटामिनों की कमी, जैसे विटामिन डी तथा विटामिन बी12, थकान के सबसे सामान्य कारण हैं। गलत खानपान की आदतें, जैसे फास्ट फूड्स का अधिक उपयोग, अधिक शर्करायुक्त भोजन, तथा असंतुलित आहार, यह सब विटामिनों की कमी लाने के कारण हैं। सूर्य की रोशनी में पर्याप्त समय तक न रहने से शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। रक्त की जाँच करवा कर यह पता लगाया जा सकता है कि शरीर में किस आवश्यक पोषक तत्त्व की कमी है।
3. तनाव
करने को इतना सारा काम, समय बहुत कम, और शरीर में ऊर्जा की कमी, इसी को तनाव कहते हैं।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
तनाव भी थकान के मुख्य दोषियों में से एक है। यह आपको हर समय थका थका महसूस करवाता है। काम का दबाव, स्वास्थ्य सम्बंधी चिंताएँ, पारिवारिक जिम्मेदारियाँ, या फिर समय का अभाव, यह सब तनाव के कारक हैं। इनमें से कोई एक भी आसानी से आपकी ऊर्जा को सोख सकता है और आपको हर समय थका हुआ महसूस करवा सकता है।
4. स्वास्थ्य पृष्ठभूमि
कोविड-19, थायरॉइड की समस्या, वजन सम्बंधी विकार, असामान्य रक्तचाप तथा लोह तत्त्व की कमी आदि कुछ सामान्य बीमारियाँ हैं जो हमारे शरीर में ऊर्जा के स्तर में ह्रास का कारण होती हैं। आयुर्वेद का अनुसरण, प्राणायाम तथा सुदर्शन क्रिया से हम अपने स्वास्थ्य का प्रबंधन अच्छे से कर सकते हैं। यह ऐसे दीर्घकालिक लाभ देने वाले उपाय हैं जिनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है।
अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ मात्र किसी बीमारी का न होना ही नहीं है। कंपन रहित साँस, तनाव रहित मन, अवरोध रहित बुद्धि, जुनून रहित स्मृति, सर्व-समावेशी अहंकार, तथा सन्ताप रहित आत्मा, यह सब भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
5. कमजोर मानसिक स्वास्थ्य
अवसाद, चिंता, खानपान सम्बंधी विकार और नशा सेवन जैसी समस्याओं से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे हमारे ऊर्जा के स्तर में गिरावट आती है। इन अवस्थाओं के कारण आप के अंदर अधिक निर्बलता होने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
अब, जब हमने थकान के कारणों को जान लिया है, हमारा अगला स्वाभाविक प्रश्न तो यही होगा न, “हम इसके लिए क्या कर सकते हैं?”
हर समय थकान महसूस करने से बचाव कैसे करें (Thakan ka ilaj)
यहाँ कुछ सुझाव हैं:
चार चीजें जो आपके ऊर्जा स्रोत को उठा सकती हैं – भोजन, नींद, श्वास और एक प्रसन्न मन, हर समय थकान महसूस न हो, इससे बचने के लिए यही चार उत्तम तथा प्रभावी उपाय हैं। आइए देखें, हम इन चारों से कैसे भरपूर लाभ उठा सकते हैं।
1. अपने आहार पर ध्यान दें
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो आपकी ऊर्जा के स्तर को ऊपर उठाते हैं, जबकि कुछ ऐसे भी होते हैं जो ऊर्जा को गर्त में ले जाते हैं। खाद्य पदार्थों के ऊर्जा स्तर पर प्रभाव के विषय में कुछ तथ्य:
- ताजा पकाए गए भोजन, संसाधित और फ्रिज में रखे खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक ऊर्जा देते हैं।
- ज्यादा खाने से और सामान्य भोजन काल से बहुत देर से खाने के कारण हमारे पाचन तंत्र और मेटाबोलिज्म पर तथा ऊर्जा स्तर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
- खाद्य पदार्थ और उनके समतुल्य ऊर्जा उत्पन्न करने के पैमाने को देखें तो कैफ़ीनयुक्त पेय पदार्थों की तुलना में ताजे फलों के जूस तथा स्मूदी का स्तर कहीं ऊपर है।
- निर्जलित (शरीर में जल की मात्रा कम होने से) रहने से हमारा ऊर्जा स्तर नीचे गिरता है जबकि जलयोजित (शरीर में उचित जल स्तर) रहने से हम तरोताजा रहते हैं और हमारा मेटाबोलिज्म भी स्वस्थ रहता है।
2. पर्याप्त समय तक गुणवत्ता पूर्ण नींद लें
आठ घंटे की अच्छी गुणवत्ता वाली नींद के लिए कुछ दिशा निर्देश हैं, जिनका हमें पालन करना चाहिए।
- अपने शयनकक्ष में नीले रंग की रोशनी को सोने से एक घंटा पहले बंद कर दें। नीली रोशनी हमारे शरीर के आंतरिक घड़ी चक्र की लय बिगाड़ती है जिसका नींद पर पड़ता है।
- अपने रात्रि के भोजन और सोने के समय में तीन घंटे का अंतर रखें ताकि भोजन अच्छे से पच जाए।
- सुदर्शन क्रिया का अभ्यास करें। विभिन्न शोधों से यह प्रमाणित हुआ है कि सुदर्शन क्रिया करने से हमारे नींद चक्रों में गहन विश्राम की स्थिति में तीन गुना तक वृद्धि होती है।
- स्वस्थ नींद के लिए कुछ अन्य आधारभूत बिंदु भी होते हैं, जिनका पालन करके नींद की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
3. श्वास क्रियाओं सम्बंधी व्यायाम
यदि आप हर समय की थकान से मुक्त होना चाहते हैं तो श्वास क्रियाओं के व्यायाम इसके लिए श्रेष्ठ हैं। विभिन्न प्रकार के प्राणायाम इन योगिक श्वास प्रक्रियाओं का एक समूह है जो हमारे भीतर प्राण शक्ति को उत्कृष्ट करता है। प्रत्येक प्राणायाम के अपने विशेष लाभ हैं। ऊर्जा स्तर में वृद्धि के लिए हम निम्न वर्णित प्राणायामों की अनुशंसा करते हैं।
- भस्त्रिका प्राणायाम: भस्त्रिका एक ऐसा व्यायाम है जिसमें साँसे बलपूर्वक अंदर खींची जाती हैं और फेफड़े तथा पेट खाली करते हुए बाहर निकाली जाती हैं। भस्त्रिका करने से शरीर में तुरंत ऊर्जा का विस्फोट/ संचार होता है। जब भी आपको थकान महसूस हो, आप यह प्राणायाम कर सकते हैं, आपको बस यह ध्यान रखना है कि आप उस समय खाली पेट हों।
- नाड़ी शोधन प्राणायाम: नाड़ी शोधन, जिसको अनुलोम विलोम व्यायाम भी कहते हैं, एक प्रकार से संतुलन स्थापित करने और मन को शांत करने का प्राणायाम है। इसको आप नित्यप्रति सुबह, पाँच से दस मिनट तक कर सकते हैं। यह चिंता तथा तनाव को नियंत्रित करने में सहायक है।
प्राण शक्ति को ऊपर उठाने के लिए बोनस गतिविधि: सूक्षम योग अथवा अपनी कुर्सी मेज पर बैठे बैठे कुछ योगिक व्यायाम करने से भी प्राण ऊर्जा का संचार किया जा सकता है जिससे कम समय में ही आप को विश्राम मिलता है और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष थकान से राहत मिलती है।
4. अपने मन पर नियंत्रण रखें
जब आप प्रसन्न होते हैं तो आपका ऊर्जा का स्तर प्राकृतिक रूप से ऊँचा होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपने मन को नियंत्रण में रखें। यहाँ कुछ स्वयं करने वाले बिंदु बताए हैं जो काफी हद तक आपको हर समय थकान महसूस करने से बचाने में प्रभावी हैं।
- ध्यान करें: ध्यान करने से नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करने में सहायता मिलती है। एक शांत तथा उत्तेजनाहीन मन ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत होता है। प्रतिदिन 20 मिनट ध्यान करना एक अच्छी शुरुआत होगी।
- सुदर्शन क्रिया का नियमित अभ्यास: सुदर्शन क्रिया साँस की एक ऐसी तकनीक है जो तनाव तथा चिंता को दूर करके, हमारे समग्र मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाती है।
- प्रसन्न रहने की आदत डालें: पतञ्जलि योग सूत्र के अनुसार संतोषी रहने से असीम प्रसन्नता का अनुभव मिलता है। उन बातों पर अपना ध्यान केंद्रित करें जिनके लिए आप कृतज्ञ हैं। सदा प्रसन्न रहने का अभ्यास करें और इसकी आदत डालें।
आप हर समय महसूस होने वाली थकान से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हमारी ऑनलाइन मैडिटेशन एंड ब्रेथ वर्कशॉप में भाग लें।
(यह लेख श्री अमोल वागले, आर्ट ऑफ लिविंग, प्रशिक्षक, द्वारा दिए गए सुझावों पर आधारित है)