आज के समय में हृदय रोगों का उम्र से कोई संबंध नहीं बचा है। 20 साल की उम्र में लोग दिल के दौरे का शिकार हो रहे हैं। क्या ऐसा इसलिए है कि एटलस की तरह दुनिया का बोझ हमारे कंधों पर है? क्या ऐसा इसलिए है कि हम अपने भोजन को छोड़ कर उसकी जगह शून्य पोषण वाले सुविधाजनक भोजन को अपना रहे हैं? कारण कई हैं, विशेषकर अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से संबंधित।
अच्छी बात यह है कि इसके बारे में बहुत कुछ किया जा सकता है। एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रतिबद्ध होना महत्वपूर्ण है और इसका पालन करना अधिकांश लोगों की कल्पना से कहीं अधिक आसान है। कैसा होगा यदि कुछ आसान स्ट्रेच और सांस के व्यायाम आपको (विशेषकर आपके दिल को) अच्छा महसूस करा सकें! स्वस्थ हृदय के लिए योगासन न केवल एक निवारक (प्रिवेंटिव) उपाय है बल्कि उपचारात्मक (क्यूरेटिव) तौर पर भी फायदेमंद है। और बिना किसी दुष्प्रभाव के आप अधिक शांति और स्वास्थ्य की अनुभूति की अपेक्षा कर सकते हैं।
स्वस्थ हृदय के लिए योग
योग जीवन का अध्ययन है। आपके शरीर, श्वास, मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार का अध्ययन; आपकी आंतरिक क्षमताओं का अध्ययन।
– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर
ज्ञान और दर्शन के अलावा योगासन, श्वास तकनीकों और ध्यान का एक आरामदायक मिश्रण है। प्रत्येक योग मुद्रा का श्वसन तंत्र पर एक विशेष प्रभाव पड़ता है और इसलिए हृदय को प्रभावित करती हैं। लाभों में शामिल हैं:
- रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) में कमी
- फेफड़ों की क्षमता में बढ़ोतरी
- बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी
- हृदय गति में सुधार
- बेहतर रक्त संचार
योग तनाव और प्रेशर से निपटने में कारगर है। यह स्वयं ही एक हृदय रोगी को ठीक कर सकता है।
स्वस्थ हृदय के लिए 20 योगासन
हृदय संबंधी समस्याओं के लिए योग में विशिष्ट आसन हैं। स्वस्थ हृदय के लिए निम्नलिखित 20 योगासनों का एक क्रम में अभ्यास किया जा सकता है। हृदय स्वास्थ्य के लिए योग श्रृंखला सरल आसनों से शुरू होती है और धीरे-धीरे उन आसनों की ओर बढ़ती है जिनमें अधिक बल की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया सौम्य है और कायाकल्प करने वाली है।
1. ताड़ासन
ताड़ासन रीढ़ की हड्डी और हृदय को मजबूत करने में मदद करता है। इसमें शामिल गहरी श्वासों से फेफड़े भी फैलते हैं।
2. वृक्षासन
![Vrikshasana tree pose inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2023/09/Vrikshasana-tree-pose-inline.jpeg)
वृक्षासन के लाभ
वृक्षासन एक स्थिर व संतुलित पोस्चर विकसित करने में मदद करता है। यह कंधों को चौड़ा करता है और दिल को खोलता है, जिससे व्यक्ति आत्मविश्वास और खुशी महसूस करता है।
3. उत्थिता हस्तपादासन
उत्थिता हस्तपादासन में संतुलन बनाने के लिए ध्यान और बल की आवश्यकता होती है। यह वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे आपके दिल का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
4. त्रिकोणासन
![Trikonasana-inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/05/Trikonasana-inline.jpg)
त्रिकोणासन एक हृदय खोलने वाला, खड़े होकर किया जाने वाला योगासन है जिसे कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम के लिए बनाया गया है। जैसे-जैसे श्वास गहरी और लयबद्ध होती जाती है, छाती चौड़ी होती जाती है। इससे बल भी बढ़ता है।
5. वीरभद्रासन
![Veerbhadrasna warrior pose - inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/05/veerbhadrasana.jpeg)
वीरभद्रासन शरीर में संतुलन व बल बढ़ाता है। यह रक्त संचार भी बेहतर करता है तथा तनाव से राहत देता है। यह हृदय गति को नियंत्रण में रखता है।
6. उत्कटासन
![utkatasana inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/05/utkatasana.jpeg)
उत्कटासन में आप हृदय और श्वसन दर में वृद्धि महसूस कर सकते हैं। यह आसन छाती को फैलाता है और हृदय को सक्रिय करता है।
7. मार्जरी आसन
![Marjariasna cat pose -inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/05/Marjariasna-inline.jpg)
उत्कटासन के बाद मार्जरीआसन एक स्वागतयोग्य राहत है। यह हृदय गति को सामान्य तथा मृदु और लयबद्ध होने देता है। यह रक्त संचार को भी बेहतर करता है।
8. अधोमुखश्वानासन
![adho mukh shwanasana - inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/06/adhomukhshwanasan.jpg)
यह योगासन छाती की मांसपेशियों को मजबूत करता है और फेफड़ों का विस्तार करता है, जिससे उनकी क्षमता बढ़ती है।
अधोमुख श्वानासन के बारे में और पढ़ें।
9. भुजंगासन
![Bhujangasana cobra pose - inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/06/Bhujangasana-1.jpg)
भुजंगासन छाती को फैलाता है और हृदय को बेहतर करता है।
10. धनुरासन
![Dhanurasana - inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/06/Dhanurasana.jpg)
धनुरासन हृदय क्षेत्र को खोलता है तथा मजबूत बनाता है। यह स्फूर्तिदायक है और पूरे शरीर को लचीला बनाता है।
11. सेतु बंधासन
![Setu Bandhasana - inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/06/Setu-Bandhasana.jpg)
सेतु बंधासन गहरे श्वास लेने में मदद करता है। यह रीढ़ और छाती को फैलाता है। यह छाती क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में भी सुधार लाता है।
12. सलम्ब सर्वांगासन
यह आसन शरीर को आराम देने के लिए जिम्मेदार पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को शांत व सक्रिय करता है। यह छाती में जगह बनाता है तथा आरामदायक व तरोताजा करने वाला होता है।
13. अर्ध मत्स्येन्द्रासन
![Ardha Matsyendrasana inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/05/Ardha-Matsyendrasana-Sitting-Half-Spinal-Twist-1-2-inline.jpg)
यह ट्विस्ट पूरी रीढ़ पर काम करता है तथा बाईं व दाईं ओर करने पर छाती के किनारे खोलता है। यह हृदय में स्फूर्ति लाता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन के बारे में और जानें।
14. पश्चिमोत्तानासन
![Paschimottanasana inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/05/Paschimottanasana-inline.jpg)
पश्चिमोत्तानासन सिर को हृदय से नीचे लाता है। यह पूरे सिस्टम को विश्राम देते हुए हृदय गति और श्वसन को कम करने में मदद करता है।
15. दंडासन
यह आसन पीठ को मजबूत बनाता है। साथ ही यह कंधों और छाती को भी फैलाता है।
16. अर्ध पिंच मयूरासन
अर्ध पिंच मयूरासन अधो मुख श्वानासन की तुलना में थोड़ा कठिन है। यह बल में काफी बढ़ोतरी करता है और शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाता है। यह आपको दिल खोलने वाले अन्य आसनों के लिए तैयार करता है।
17. मकर अधो मुख श्वानासन
![Dolphin plank pose - Makara Adho Mukha Svanasana - inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/08/Dolphin-plank-pose-Makara-Adho-Mukha-Svanasana-inline.jpeg)
मकर अधो मुख श्वानासन कंधों और पेट को मजबूत बनाता है। यह शरीर को विश्राम देता है और मन को संतुलित करता है।
18. सलम्ब भुजंगासन
![Salamba Bhujangasana pose - inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/01/Salamba-Bhujangasana-or-Sphinx-Pose.jpg)
सलम्ब भुजंगासन छाती को खोलता है। यह एक हल्का पीछे झुकने वाला आसन है जो सौम्यता से छाती को खोलता है तथा फेफड़ों व कंधों को फैलाता है।
19. शवासन
![Shavasana-inline](https://www.artofliving.org/in-en/app/uploads/2024/05/Shavasana-inline.jpg)
शवासन के लाभ
गहन विश्राम सभी योग आसनों के लिए प्रतिवर्ती मुद्रा है। यह शरीर और श्वास को आराम देता है। यह एक अद्भुत स्ट्रेस बस्टर है। यह हृदय और शरीर के समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
20. अंजलि मुद्रा
अंजलि मुद्रा हृदय को खोलती है और मस्तिष्क को शांत करती है। यह प्रभावी रूप से तनाव व चिंता को कम करती है। यह शरीर को प्राणायाम और ध्यान के लिए भी बेहतर ढंग से तैयार करती है।
हर बार इस क्रम को कुछ मिनटों के ध्यान के साथ समाप्त करना चाहिए। इस सूची में से कोई भी निर्देशित ध्यान आप चुन सकते हैं। हृदय के लिए इन सरल आसनों का नियमित अभ्यास आपको जीवन में बहुत से लाभ देगा। एक स्वस्थ और जिंदादिल जीवन जिएं!
योगाभ्यास शरीर और मन को विकसित करने में मदद करता है और इसके कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं। पर यह दवा का विकल्प नहीं है। किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में योगासन सीखना और उनका अभ्यास करना महत्वपूर्ण है। किसी भी चिकित्सीय स्थिति में डॉक्टर और श्री श्री योग शिक्षक से सलाह लेने के बाद ही योगासनों का अभ्यास करें।