उच्च रक्तचाप एक गंभीर रोग है जो हृदयघात, मस्तिष्काघात और यहाँ तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकता है। यह ‘मौन हत्यारा’ और भी खतरनाक है क्योंकि इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते। इसलिए इसका पता लगाने का एकमात्र उपाय है स्वयं की नियमित जाँच करवाते रहना। इसके पश्चात अगला कदम आता है इसको नियंत्रित कैसे किया जाए।
योग और प्राणायाम उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के दो प्राकृतिक उपाय हैं।
उच्च रक्तचाप क्या है
रक्तचाप हमारी रक्त धमनियों में प्रवाहित हो रहे रक्त की शक्ति (का दबाव ) है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए इसका सही नाप भिन्न हो सकता है, इसलिए इसको नियंत्रित रखना आवश्यक है। तभी हमारा शारीरिक तंत्र सुचारू रूप से कार्य कर पाएगा। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा 120/80 के स्तर को रक्तचाप की मानक इकाई माना गया है। जब रक्तचाप 120/80 और 140/90 के बीच में रहता हो तो उसे उच्च रक्तचाप से पूर्व की स्थिति के रूप में जाना जाता है। 140/90 से ऊपर होने पर यह उच्च रक्तचाप है और यह अवस्था भयावह भी है।
उच्च रक्तचाप के कारण
- उच्च रक्तचाप, एक पूर्णतः स्वतंत्र समस्या है जिसका अर्थ है कि यह किसी अन्य रोग, जैसे कि मधुमेह, हृदय संबंधी रोगों, अथवा गुर्दे का ठीक से काम न करना, आदि के कारण नहीं होता।
- उच्च रक्तचाप होने के लिए तनाव एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। जब भी आप तनाव में होते हैं, आपका हृदय तीव्र गति से धड़कता है और आपकी रक्त धमनियाँ सिकुड़ जाती हैं।
- कुछ अन्य कारण जैसे कि प्रतिकूल जीवनशैली, शराब का सेवन, नशीले पदार्थों की लत इत्यादि भी हानिकारक हैं।
- यदि आप पर्याप्त व्यायाम नहीं करते हैं अथवा आपका वजन सामान्य से अधिक है, तो भी आप उच्च रक्तचाप रोग की ओर अग्रसर हैं।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कैसे करें?
उच्च अथवा कम रक्तचाप, दोनों ही अवस्थाएँ अवांछित हैं; शरीर में संतुलन आवश्यक है। यद्यपि स्वस्थ खानपान की आदतों का, यह संतुलन बनाए रखने में योगदान होता है, तथापि इसमें आपकी मन:स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। फिर इन दोनों में समन्वय कैसे स्थापित किया जाए? इसका उत्तर हमारी प्राचीन परंपरा, योग विज्ञान में निहित है। कुछ साधारण आसनों का नियमित अभ्यास करने से योग हमारी उच्च रक्तचाप की समस्या का निदान करने में सहायक सिद्ध हुआ है।
उच्च रक्तचाप के लिए योग: क्यों?
- योगासनों में हम सजगतापूर्वक गहरी श्वासें लेते हैं, तथा समन्वय पूर्वक अपनी शारीरिक गतिविधियाँ करते हैं। यह क्रिया प्राकृतिक रूप से तनाव को कम कर के रक्तचाप को नियंत्रित करती है।
- योगासन करने से हमारी तंत्रिकाएँ शांत होती हैं तथा इससे असामान्य हृदय गति को धीमा करने में सहायता मिलती है।
- योग करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे हृदयाघात और मस्तिष्काघात (स्ट्रोक) जैसी समस्याओं की संभावना में कमी आती है
- पर्याप्त विश्राम की कमी तनाव और उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण है। योगाभ्यास करने से हमारी नींद की आदतें और निद्राशैली नियमित होती है।
- मोटापा भी उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देता है। योग का नियमित अभ्यास तथा खानपान की आदतों में सुधार कर हम अपने शरीर के भार को नियंत्रित कर सकते हैं।
- योग करने से शरीर तथा मन को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह आपके जीवन में प्रसन्नता और आशावाद की वृद्धि करता है। अंततोगत्वा यह रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होता है।
उच्च रक्तचाप के लिए योग
निम्नलिखित योगासन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकते हैं। इनको किसी प्रशिक्षित विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना श्रेयस्कर रहता है।
1. शिशुआसन (Shishuasana in Hindi)

शिशुआसन तनाव तथा थकान से राहत देता है। यह रक्त संचार को सामान्य करने में भी सहायक है।
2. वज्रासन (Vajrasana in Hindi)
वज्रासन दोपहर अथवा रात्रि का भोजन करने के उपरांत भी किया जा सकता है। यह आसन मोटापा कम करने तथा उदर के निचले भाग में रक्त संचार को बढ़ाने में सहायता करता है।
3. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana in Hindi)
पश्चिमोत्तानासन शरीर के उदरीय भाग में एकत्रित हुए अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायक है, जिससे वजन कम होता है। यह मोटापा कम करने तथा पेट के निचले भाग में रक्त संचार बढ़ाने में भी सहायता करता है।
4. शवासन (Corpse Pose in Hindi)

शवासन तनाव, अवसाद और थकान से राहत दिलाता है। यह शरीर को विश्राम देता है और उसे गहरी नींद के लिए तैयार करने में सहायक है। यह रक्त संचार को भी उत्प्रेरित करता है। आप भी योग निद्रा का अभ्यास कर सकते हैं।
5. सुखासन
यह एक ध्यानस्थ मुद्रा है जो शरीर और मन को एक करती है। यह आसन शरीर तथा मन को अधिक संतुलित, स्वच्छंद और प्रसन्नचित्त बना कर रक्तचाप कम करने में सहायक है।
6. अर्द्धमत्स्येंद्रासन (Ardha Matsyendrasana in Hindi)

अर्द्धमत्स्येंद्रासन हृदय तथा तंत्रिका तंत्र को सक्रीय करता है, जो उच्च रक्तछाप को सामान्य करने में सहायक है।
7. बद्धकोणासन (तितली आसन – Butterfly Pose in Hindi)

बद्धकोणासन हृदय को सक्रीय करता है जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से होता है। यह तनाव तथा थकावट से भी मुक्त करता है।
8. जानुशीर्षासन (Janu Shirasasana in Hindi)

जानुशीर्षासन उदरीय अंगों की मालिश कर के पेट की वसा पर अनुकूल प्रभाव डालता है। इस प्रकार वजन कम कर यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और उसे सामान्य स्तर पर रखने में सहायता करता है।
9. वीरासन
वीरासन दोनों टाँगों के आसपास रक्त प्रवाह को बढ़ाता है तथा रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है।
10. सेतु बंधासन (Bridge Pose in Hindi)

सेतु बंधासन गुर्दों को ऊर्जावान बनाता है तथा तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। शरीर के रक्तचाप को नियंत्रण में रखने में सहायता करता है।
11. अर्द्धहलासन
जंघाओं, पेट तथा कूल्हों की वसा को नष्ट करता है। यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक है।
उच्च रक्तचाप के लिए प्राणायाम
योगासनों के अतिरिक्त निम्न वर्णित प्राणायाम भी आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।
1. भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति में वृद्धि करता है जिससे रक्त संचार सुचारू होता है। यह तनाव और उच्च रक्तचाप से राहत प्रदान करता है।
2. कपालभाती प्राणायाम

कपालभाती प्राणायाम उदरीय भाग से वसा को हटाने का काम करता है और वजन कम करने के लिए लाभकारी है।
3. भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम से उत्पन्न होने वाले स्पंदन पूरे शरीर में गूंजते हैं तथा शरीर और मन को गहरा विश्राम मिलता है। यह तनाव और चिंता से राहत प्रदान करता है और उच्च रक्तचाप को संतुलित करने में सहायक है।
4. नाड़ी शोधन प्राणायाम (अनुलोम विलोम प्राणायाम)

नाड़ी शोधन प्राणायाम शांति प्रदान करने वाला एक सशक्त प्राणायाम है जो रक्त धमनियों में जमा रुकावट को बहुत हद तक दूर करता है। यह सिर के क्षेत्र में रक्त संचार को बढ़ाता है।
5. पूर्ण योगिक श्वास
पूर्ण योगिक श्वास आपको धीरे धीरे साँस लेने में सहायता करता है। यदि आपकी हृदय गति बहुत तीव्र है तो यह तकनीक उसे धीमा करने में सहायक है। यह पूरे शरीर को विश्राम देता है।
ध्यान रखने योग्य सावधानियाँ
शीर्षासन अथवा अधोमुख वृक्षासन जैसे उल्टे हो कर किए जाने वाले आसनों से बचें। इन आसनों में आपका सिर आपके हृदय के स्तर से नीचे होता है और यह स्थिति सिर की ओर अनियंत्रित रक्त प्रवाह कर सकती है।
योग और प्राणायाम को स्वस्थ जीवनशैली के अन्य उपायों के साथ मिला कर करना सदैव उत्तम होता है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अपने भोजन को नियंत्रित करें तथा धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें। एक एक कदम आगे बढ़ें और त्वरित परिणाम पाने की लालसा न करें। इस प्रकार आपकी रक्तचाप संबंधी समस्याओं के लिए समग्र स्वास्थ्य पाने का मार्ग सुगमता से मिलता जाएगा।