पालतू जानवर भी हमें योग सिखा सकते हैं! योगी अपनी गहरी नजर से दुनिया भर से विचारों को ग्रहण करते हैं। मार्जरी आसन, योग में एक उत्कृष्ट आसन है।
मार्जरी = बिल्ली
मार्जरी आसन कैसे करें?
- अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाएँ। एक मेज इस प्रकार बनाएँ कि आपकी पीठ मेज के ऊपरी भाग की तरह हो तथा आपके हाथ और पैर मेज के पैर जैसे हों।
- अपनी भुजाओं को फर्श पर लंबवत रखें, हाथों को कंधों के ठीक नीचे तथा जमीन पर सीधा रखें; आपके घुटने कूल्हों की चौड़ाई के बराबर दूरी पर हों।
- आगे की ओर देखें।
- जैसे ही आप साँस लें, अपनी ठोड़ी को ऊपर उठाएँ और सिर को पीछे झुकाएँ, अपनी नाभि को नीचे की ओर धकेलें और अपनी टेल बोन को ऊपर उठाएँ। अपने नितंबों को दबाएँ। क्या आपको यहाँ हल्की झुनझुनी महसूस हो रही है?
- बिल्ली की मुद्रा में रहें और लंबी गहरी साँस लें।
- इसके बाद विपरीत क्रिया करें: जैसे ही आप साँस छोड़ें, अपनी ठोड़ी को अपनी छाती तक ले आएँ और अपनी पीठ को जितना हो सके उतना ऊपर उठाएँ; नितंबों को आराम दें।
- प्रारंभिक मेज जैसी अवस्था में वापस आने से पहले कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में बने रहें।
- इस योग मुद्रा से बाहर आने से पहले पाँच या छह चक्र जारी रखें।
- श्री श्री योग विशेषज्ञ की सलाह: जब आप धीरे धीरे और सुन्दरता से क्रिया करते हैं, तो इसका प्रभाव अधिक शक्तिशाली और ध्यान तत्पर होता है।
मार्जरी आसन के लाभ
- रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाता है।
- कलाई और कंधों को मजबूत बनाता है।
- पाचन अंगों की मालिश करता है और पाचन में सुधार करता है।
- पेट को टोन करता है।
- पाचन में सुधार करता है।
- मन को आराम मिलता है।
- रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
निषेध
यदि आपको पीठ या गर्दन से संबंधित समस्याएँ हैं, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें और श्री श्री योग शिक्षक के मार्गदर्शन में मार्जरी आसन का अभ्यास करें।
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