पद्म साधना क्या है?

प्राय: जब कोई कमल के बारे में सोचता है तो उसके मन में क्या आता है? एक पूरा खिला हुआ फूल, जिनमें प्रत्येक पंखुड़ी आकाश की ओर खुलती है। अब गौर करें कि कमल कहां से उत्पन्न होता है? कीचड़ में। फिर भी कमल तालाब से अछूता और बेदाग है। सोचिए, हम भी अगर इस कमल की तरह बन जाए – रोज की घटनाओं से अछूते और प्रेम और प्रसन्नता में खिले हुए। पद्म साधना एक ऐसी साधना है जो इस प्रकार के खिलने को संभव बना सकती है। यह सुंदर योग साधना गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर द्वारा रचित है, जिसमें सरल योग आसनों, नाड़ी शोधन प्राणायाम और ध्यान का एक साधारण क्रम शामिल है।

पद्म साधना से अपने सामर्थ्य को जानें

गुरूदेव श्री श्री रवि शंकर कहते है, पद्म साधना करने से आप अपनी भीतरी शक्ति तक पहुंच सकते हैं। जब इसे नित्‍य करते हैं तो इस 45 मिनट के योगासनों का अनुक्रम शांत मन, स्वस्थ तन और अतिरिक्त शांति की ओर ले जाता है। यह सुंदर योगासन मन और शरीर को गहरे ध्यान के लिए तैयार करता है । एक महत्वपूर्ण सुझाव यह है कि पूरे अभ्‍यास के दौरान शांत रहें । सुदर्शन क्रिया करने से पहले पद्म साधना करने से आपका अनुभव और गहरा होगा जिससे कि आप सारे दिन हल्का महसूस करेंगे, आपके आस-पास के कीचड़ से अछूता।

‘पद्म’ का मतलब कमल और ‘साधना’ है आपका प्रयास। इसलिए यह अभ्‍यास, सहज और एक कमल जैसा हल्का होना चाहिए। साधना है, योग में जाने के लिए एक मृदु आमंत्रण और ‘पद्म’ है आपके भीतर की क्षमता का परत दर परत खुलना। योगासनों के द्वारा पद्म साधना आपको भीतर से समृद्ध होने में मदद कर सकती है।

पद्म साधना में आनंदमयी अनुभव के लिए 5 तत्व

आगम परम्परा* के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि देवी एक पांच परत वाली आसन पर बैठती है । इस आसन का आधार एक कछुआ है, जो स्थिरता को दर्शाता है। स्थिरता अकेले काफी नहीं है। आपको सजगता भी चाहिए। अत: दूसरी परत सांप है जो सतर्कता को दर्शाता है। सतर्कता मन में गतिविधि ला सकती है। अतएव, सांप के ऊपर शेर स्थित होता है जो कृपा का प्रतीक है। शेर के ऊपर स्थित होता है सिद्ध, परिपूर्ण ज्ञानी। और फिर परिपूर्ण ज्ञानी के ऊपर स्थित होता है कमल, संपूर्ण खिला हुआ होने का प्रतीक चिन्ह। जब हमारे योगासनों में यह सभी पांचों गुण होते हैं – स्थिरता, सतर्कता, कृपा, परिपूर्णता और संपूर्ण खिल जाना, तब हमारे भीतर दिव्यता का उदय होता है और यही है पद्म साधना।

पद्म साधना वीडियो


पद्म साधना आप सीख सकते हैं एडवांस्ड मेडिटेशन प्रोग्राम एवं डी.एस.एन. कार्यक्रम में।

वजन नाशक

इसके मानसिक और भावनात्मक फायदों के अलावा, पद्म साधना की संरचना पूरे शरीर के वर्क आउट के लिए की गई है। योगासनों में लंबा अवलंबन/संयम, सुदृढ शरीर का मार्ग बनाता है। यह वर्क आउट आपका करीब 20 मिनट का समय लेता है लेकिन वर्क आउट की प्रबलता इतनी होती है कि यह बाद के 20 मिनटों में भी शरीर पर कार्य करते रहता है और वर्कआउट के बाद भी कैलोरीज का नाश करता रहता है।

पद्म साधना के लाभ

  1. शरीर को शक्ति और लचीलापन प्रदान करता है।
  2. प्रतिरोधक क्षमता और नींद की गुणवत्ता को सुधार लाता है।
  3. तनाव से मुक्त करता है, विश्राम और ऊर्जा प्रदान करता है।
  4. भावनात्मक स्थिरता और मानसिक स्‍पष्‍टता लाता है।
  5. समग्र स्‍वास्‍थ्‍य और रचनात्मकता में सुधार लाता है।

पद्म साधना एक गहरी और प्रभावी साधना है जो व्यक्ति के चंचल मन को शांत करने में मदद करती है और उसे वर्तमान क्षण में लाती है, जहाँ शरीर के हर एक कोशिका को ऊर्जा मिलती है और पुनः स्फूर्ति से भर जाता है। यह व्यक्ति के भीतर सत्त्व को बढ़ाने में भी मदद करती है। सत्त्व सकारात्मकता, उत्साह और सामंजस्य का गुण है। यदि इसे नियमित रूप से किया जाए, तो यह व्यक्ति में अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली को बढ़ावा देता है।

पद्म साधना को अपने सुबह और शाम के योगाभ्यास का हिस्सा बनाएं और अपनी आंतरिक ऊर्जा को जानें।

*आगम परंपरा समुदाय के मंदिर पूजा का पारंपरिक रूप है।

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