आपके विचार में किस स्तर का व्यायाम आपके लिए श्रेष्ठ है – माध्यम, जोरदार या आरामदायक?

योग में सबके लिए, हर स्तर के अभ्यर्थी के लिए कुछ न कुछ करने को है।

इसमें पीठ को घुमाना, पीछे झुकाना और आगे झुकाना, सब हैं। आप योगासन खड़े होकर, बैठकर या लेटकर भी कर सकते हैं। आपका मन एरोबिक व्यायाम करने का है? इसके लिए आप तीव्र गति से सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। आप कुछ सुस्ती अनुभव कर रहे हैं? आप अपने बिस्तर से उतरे बिना भी योग कर सकते हैं!

आइए, हम पीठ के बल लेट कर किए जाने वाले कुछ योगासनों पर दृष्टि डालें। इसमें सशक्त बनाने वाले आसनों से लेकर शांत करने और तनाव कम करने वाले आसन भी हैं।

विष्णु आसन

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  • श्रोणी तल की माँसपेशियों को सशक्त बनाता है।
  • हैमस्ट्रिंग को लचीला बनाता है।

नटराज आसन

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  • मेरुदंड और चतु:शिरक्त (जाँघ के सामने की माँसपेशियाँ) को खिंचाव देता है।
  • पीठ को आराम देता है।
  • शरीर तथा मन को अगाध विश्राम देता है।

नौकासन

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  • पीठ को सशक्त करता है।
  • टाँगों और भुजाओं की माँसपेशियों को टोन (स्वस्थ) करता है। 
  • पेट की वसा को कम करता है।
  • पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है।
  • रक्त में शकर के स्तर को नियंत्रित करता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए उत्तम आसन है।

मत्स्यासन

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  • छाती को खोलता है।
  • गर्दन, गले और कंधों के तनाव को कम करने में सहायक है।
  • पीठ के ऊपरी भाग तथा गर्दन के पृष्ठ भाग को सशक्त बनाता है।
  • गहरी साँसे लेने को बढ़ावा देता है। श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान करता है।
  • पाराथायरॉइड, पिट्यूटरी और पिनियल ग्रंथियों को टोन करता है।
  • तनाव से मुक्त करता है।

पवनमुक्तासन

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  • बड़ी आँत में फँसी हुई गैस से मुक्ति दिलाता है।
  • पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है।
  • उदरीय क्षेत्र के लिए एक उत्कृष्ट व्यायाम है।
  • जननेंद्रियों तथा श्रोणी क्षेत्र की अच्छी मालिश कर देता है।
  • माहवारी संबंधित दुश्वारियों से राहत देने में सहायता करता है।

शवासन

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  • शवासन गहरा, ध्यान जैसा विश्राम देता है।
  • ऊतकों (टिश्यू) तथा कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में सहायक हो सकता है।
  • रक्त चाप को नियंत्रित करता है। चिंता और अनिद्रा से राहत देता है।
  • शरीर में वात दोष (वायु तत्व का असंतुलन) को कम करने के लिए एक उत्कृष्ट तकनीक है।
  • यह आसन इससे पहले किए गए योगाभ्यास को गहरे आत्मसात करने के लिए समय देता है।
  • योगाभ्यास सत्र को विशेष रूप से यदि यह अभ्यास द्रुतगति से किया गया हो, समाप्त करने का यह पूर्णतया सही ढंग है।

सेतु बंधासन

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  • पीठ की माँसपेशियों को सबल बनाता है।
  • थकी हुई पीठ को तुरंत राहत प्रदान करता है।
  • छाती, गर्दन और मेरुदंड को भली प्रकार से खिंचाव देता है।
  • फेफड़ों को खोलता है।
  • मस्तिष्क को शांत करता है। चिंता, तनाव और अवसाद कम करता है।
  • थायरॉइड की समस्याओं से निपटने में सहायक है।
  • पाचन तंत्र को सुदृढ़ करता है।
  • माहवारी में होने वाले दर्द से राहत देता है।
  • रजोनिवृत्ति को सुगम करता है।
  • अस्थमा, उच्च रक्तचाप, ऑस्टियोपोरोसिस तथा साइनसाइटिस जैसे रोगों से लड़ने में सहायक है। 

हलासन

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  • टाँगों को टोन करता है।
  • गर्दन, कंधों और पीठ की माँसपेशियों को खोलता है।
  • भूख बढ़ाता है और पाचन क्रिया को सुचारू करता है।
  • उदरीय भाग की माँसपेशियों को सुदृढ़ करता है।
  • मेरुदंड का लचीलापन बढ़ाता है।
  • थायरॉइड को उत्प्रेरित करता है।
  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। 
  • रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करता है।
  • तनाव और थकान को दूर रखता है।
  • तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
  • मधुमेह के लिए उत्तम आसन है

सर्वांगासन

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  • मस्तिष्क की कोशिकाओं और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।
  • थायरॉइड, पाराथायरॉइड और थाइमस ग्रंथियों को उत्प्रेरित करता है।
  • चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को संतुलित करता है।
  • रोग प्रतिरोधक तंत्र को सशक्त बनाता है।
  • भुजाओं और कंधों को टोन करता है।. 
  • मेरुदंड के लचीलेपन को बनाए रखता है।
  • मलबद्धता, अपच तथा वेरिकोज़ वेंस में राहत देता है।
  • हल्के अवसाद के लक्षणों में राहत प्रदान करता है।
  • सिर दर्द और मलबद्धता को ठीक करता है।
  • तनाव से मुक्त करता है।
  • विश्राम देने के साथ साथ ऊर्जावान भी बनाता है।

लेट कर किए जाने वाले आसन आरामदायक होते हैं। जब कभी भी आप थकान से चूर होते हैं तो यह आसन आपको पुनः ऊर्जावान बनाते हैं। यह किसी बीमारी से उभरने में भी आपको प्रेरित करते हैं। इस प्रकार धीमी गति से किए गए आसन आपके शरीर को अधिक सशक्त और लचीला बनाते हैं। यदि आप नियमित रूप से इनका अभ्यास करते हैं तो आप को स्वतः ही अंतर दिखाई देने लगेगा। आप व्यायाम के लिए फर्श से उठे बिना ही शक्ति और ऊर्जा से भर जाएँगे। 

योगाभ्यास शरीर तथा मन को विकसित करने के साथ साथ अनेक  प्रकार से स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। फिर भी, यह किसी दवा अथवा उपचार पद्यति का विकल्प नहीं है। यह आवश्यक है कि योग सीखने और उसका अभ्यास किसी सुयोग्य योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही किया जाए। यदि आप पहले से किसी रोग अथवा स्वास्थ्य संबंधी समस्या से ग्रस्त हैं तो आप अपने चिकित्सक से और श्री श्री योग प्रशिक्षक से परामर्श लेकर ही आगे बढ़ें।

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