मकरासन अर्थात् मगरमच्छ आसन, एक गहरा विश्राम देने वाली आसन है, जो पद्म साधना योगासन श्रृंखला का ही एक आसन है। मकरासन पूरे तंत्रिका तंत्र को विश्राम देता है और पीठ को सुदृढ़ता प्रदान करने वाले आसनों के बीच में उपयोग करने के लिए उत्कृष्ट आसन है।
मकरासन करने की विधि
- पेट के बल लेट जाएँ।
- अपनी दायीं टाँग को इस प्रकार से मोड़ें कि आपकी जँघा और पिंडली 45 डिग्री का कोण बनाएँ।
- अपनी बायीं टाँग को अपने पीछे सीधा ही रहने दें।
- अपने बाएँ गाल को चटाई पर रखें और दायीं ओर देखें।
- अपने हाथों को बाएँ गाल के नीचे रख कर उसका तकिया बना लें।
- इस मुद्रा में 15 मिनट तक विश्राम करें। लंबी, गहरी साँसे लेते रहें।
मकरासन के लाभ
- गहरा विश्राम देता है।
- पीठ के खिंचाव से राहत प्रदान करता है।
- तनाव दूर करता है।
निषेध
- गर्भावस्था में यह आसन न करें।
परिवर्तन और विविधताएँ
- इसमें परिवर्तन के लिए: यदि आपको घुटनों की समस्या है, तो दोनों टाँगों को अपने पीछे सीधा रख कर इस आसन को करें।
इस आसन से पहले तथा बाद में किए जाने वाले आसन
- पद्म साधना
- भुजंगासन (पहले)
- शलभासन (पहले)
- विपरीत शलभासन (पहले)
- बालासन (बाद में)
- शवासन (बाद में)
योग एक निरंतर किया जाने वाला अभ्यास है। इसलिए इसका अभ्यास करते रहें! योगाभ्यास में जितना गहरा आप जाएँगे, उतने ही अगाध उसके परिणाम आपको मिलेंगे। इसलिए आनन्द से मकरासन करते रहें और इससे लाभान्वित होते रहें।
यद्यपि योगाभ्यास शरीर तथा मन को विकसित करने में सहायक है और इसके अनेक लाभ भी होते हैं, तथापि यह किसी दवाई या किसी उपचार पद्यति का विकल्प कदापि नहीं है। यह भी आवश्यक है कि हम योग का प्रशिक्षण किसी श्री श्री योग शिक्षक की देखरेख में ही लें। आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो, तो योगासनों का अभ्यास अपने चिकित्सक और श्री श्री योग प्रशिक्षक से परामर्श करने के उपरान्त ही करें।