विष्णु भगवान, जिनको प्रायः करवट के बल लेटा हुआ दर्शाया जाता है।
विष्णु आसन करने की विधि
- नीचे सरकते हुए अपनी दायीं करवट लेट जाएँ।
- अपनी दायीं कोहनी को फर्श पर रखें और सिर को उठा कर दायीं हथेली पर टिका दें।
- बायीं हथेली को छाती के निकट फर्श पर रख दें। संभव हो तो दोनों टाँगों को सीधा कर लें।
- अपनी बायीं टाँग को धीरे धीरे ऊपर उठाएँ और धीरे धीरे ही नीचे ले कर आएँ।
- इस प्रक्रिया को तीन बार दोहराएँ।
- अब पूरी बायीं टाँग को कूल्हों से वृत्ताकार में घुमाएँ।
- इस प्रक्रिया को लगभग 5 से 6 बार एक दिशा में और फिर दूसरी दिशा में दोहराएँ।
- टाँग को धीरे से नीचे लाएँ।
- सीधा होते हुए अपनी बायीं करवट पर आ जाएँ।
- क्रम संख्या 1 से 8 तक की प्रक्रिया को दोहराएँ।
- तत्पश्चात् पीठ के बल लेट जाएँ और विश्राम करें।
विष्णु आसन के लाभ
- कूल्हों के जोड़ों को खिंचाव देता है।
निषेध
यदि आप के पेट अथवा कूल्हों की सर्जरी हुई है, तो यह आसन न करें।
सब आसनों को देखें – तैयार हो जाएँ : पीठ के बल लेट कर किए जाने वाले आसनों के लिए।
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