हमारी शारीरिक बनावट में लंबाई का विशेष स्थान है और इसका हमारे आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। हालांकि आनुवंशिक कारण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन लंबाई को उसके अधिकतम अंतर्निहित स्तर तक बढ़ाने के अनेक प्राकृतिक उपाय उपलब्ध हैं। लंबाई बढ़ाने का एक सरल और प्राकृतिक उपाय है योग।
तो, लंबाई को सहज रूप से कैसे बढ़ाएँ? आपको उत्सुकता हो रही है न कि लंबाई बढ़ाने के लिए क्या करें?
यदि आप अपनी लंबाई सहज रूप से बढ़ाना चाहते हैं तो योग इसके लिए उपयुक्त उपाय है। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से हमारी रीढ़ की हड्डी को खिंचाव मिलता है, वह लंबी होती है, उसमें अधिक लचीलापन आता है और शरीर में वृद्धि हार्मोन्स प्रचुर मात्रा में बनने लगते हैं। इस लेख में हम लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ योग आसनों पर चर्चा करेंगे।
लंबाई बढ़ाने के लिए योगासन
भुजंगासन (Cobra Pose in Hindi)
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लंबाई बढ़ाने के लिए किए जाने वाले आसनों में भुजंगासन एक उत्तम आसन है। इस आसन में मेरुदंड को खिंचाव मिलता है जिससे लंबाई बढ़ती है। यह खिंचाव हमारे शारीरिकमुद्रा में सुधार करता है, मेरुदंड के लचीलेपन में वृद्धि होती है, जो समय के साथ लंबाई बढ़ाने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त, भुजंगासन हमारे शरीर में संबंधित ग्रंथियों को सक्रीय करता है जिससे वृद्धि हार्मोन्स का स्राव बढ़ता है और जो लंबाई बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। भुजंगासन का नियमित अभ्यास हमारे सामान्य शारीरिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी हितकर है।
नटराजासन (Natarajasana in Hindi)
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नटराजासन एक योगासन है जो लंबाई बढ़ाने वाले योगासनों के समूह का अंग है। इस आसन में संतुलन, लचक और शक्ति की आवश्यकता होती है। शरीर को विस्तार देने वाला यह आसन मेरुदंड की लंबाई बढ़ाने और टाँगों तथा कूल्हे की माँसपेशियों, स्नायुबंधनों (लिगमेंट्स) और स्नायुओं (टेंडन) को खिंचाव देने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त शरीर के मुख्य भाग को सशक्त बनाता है और शरीर की मुद्रा में सुधार लाता है। नटराजासन का नियमित अभ्यास समग्र रूप से लंबाई बढ़ाने और शरीर की शक्ति, लचीलापन तथा संतुलन बढ़ाने में भी सहायक है।
ताड़ासन
ताड़ासन खड़े हो कर किए जाने वाला एक मूलभूत योगासन है जो खड़े हो कर ही किए जाने वाले अनेक अन्य आसनों का आधार भी है। लंबाई बढ़ाने के लिए किए जाने वाले योगाभ्यास में सम्मिलित करने के लिए यह एक उत्कृष्ट आसन है क्योंकि यह शरीर के संरेखण (सीध) में भी सुधार करता है। अपने शरीर और साँसों के प्रति सजगता बढ़ाने के लिए ताड़ासन एक साधारण, किंतु शक्तिशाली आसन है।
मार्जरी आसन (Marjariasana in Hindi)
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लंबाई बढ़ाने के लिए एक और आसन है मार्जरी आसन हैं। यह आसन भी प्राकृतिक रूप से लंबाई बढ़ाने में सहायता करता है। इस आसन में मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) को वृत्ताकार चाप में घुमाव देकर खिंचाव दिया जाता है जिससे पीठ की माँसपेशियाँ, स्नायुओं तथा स्नायुबंधनों में सुदृढ़ता आती है। मेरुदंड में होने वाले खिंचाव और मालिश से हमारे शरीर की मुद्रा में सुधार लाता है, लचीलेपन में वृद्धि होती है और समय के साथ लंबाई भी बढ़ती है।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार, वास्तव में 12 योगासनों का एक सामूहिक आसन है जो सूर्यदेव के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का एक अनुष्ठान है और यह सहज रूप में लंबाई बढ़ाने के लिए एक संपूर्ण आसन है। इस आसन को सही ढंग से किया जाए तो यह शरीर, साँस और मन में पूर्ण रूप से सामंजस्य बैठा सकता है। इस आसन में शरीर को आगे-पीछे की ओर झुकाने तथा नीचे-ऊपर करने की क्रियाओं से धारा प्रवाह गतिशीलता, रक्त संचार में सुधार, पाचन शक्ति में सुधार होता है तथा वृद्धि हार्मोन्स का स्राव बढ़ता है। इसके अतिरिक्त सूर्य नमस्कार शरीर की मुद्रा, संतुलन और लचीलेपन में सुधार लाता है जो ऊँचाई बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। सूर्य नमस्कार एक शक्तिशाली आसन है जो सिर से पाँव तक, पूरे शरीर में खिंचाव देता है और जिससे लंबाई बढ़ती है। यह न केवल माँसपेशियों और जोड़ों के लिए, अपितु शरीर के सभी अंगों के लिए भी एक उत्तम योगासन है।
यदि आप अपनी लंबाई में होने वाली वृद्धि से असंतुष्ट हैं तो आप पौष्टिक आहार नियमित रूप से लेने के साथ साथ उपरोक्त लंबाई बढ़ाने के योगासनों को अपना कर जरुर देखें। यह आसन करने से निश्चित ही मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) में खिंचाव आता है जिससे लंबाई बढ़ती है। यह आसन शरीर में इकट्ठा हुए विषैले तत्त्वों को बाहर निकालने में सहायता करते हैं जिससे कोशिकाओं तथा हार्मोन्स का स्वस्थ विकास होता है। तथापि यह आवश्यक है कि इन आसनों को दोष रहित रूप में और एक निश्चित सारणी के अनुसार समर्पित हो कर किया जाए।
उचित देखरेख में अभ्यास
लंबाई बढ़ाने के लिए व्यक्ति के शारीरिक विकास के वर्षों में योग विशेष रूप में सहायक होता है। तथापि यह आवश्यक है कि योगाभ्यास किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में ही किया जाए। हमारा श्री श्री योग कार्यक्रम नए अभ्यर्थियों के लिए आठ घंटे की सर्वांगीण विकास कार्यशाला है जो आपके मन, शरीर और साँस, तीनों में, परस्पर संपर्क को सुदृढ़ करता है। इसमें सिखाए जाने वाले विभिन्न योग आसनों के लिए आपको हमारे योग्य प्रशिक्षकों से पेशेवर मार्गदर्शन मिलता है जो सारे शरीर में एकत्रित तनाव को दूर करने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त श्री श्री योग प्रशिक्षक आपकी शारीरिक और जीवनशैली के अनुरूप आवश्यकता अनुसार विशेष योगाभ्यास की रुचिकर दिनचर्या तैयार करने में भी सहायता कर सकते हैं।