शीत ऋतु की ठंडक वसंत की शीतलता का मार्ग प्रशस्त करती है। ग्रीष्म ऋतु की गर्मी सावन को रास्ता देती है। जब मौसम बदलता है तो यह खूबसूरत होता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए, यह परिवर्तन खांसी और सर्दी की चपेट में आने के साथ आता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योगासन (Immunity Booster Yoga in Hindi)

मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता से मौसमी बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। योगासन थाइमस ग्रंथि को उत्तेजित कर के आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। छाती क्षेत्र में स्थित यह ग्रंथि निम्नलिखित आसनों के दौरान होने वाले छाती के विस्तार से सक्रिय होती है:

सेतु बंधासन (Bridge Pose in Hindi)

Setu Bandhasana - inline

सेतु बंधासन करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

  • छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है
  • फेफड़ों को खोलता है
  • अस्थमा, उच्च रक्तचाप और साइनसाइटिस को कम करने में मदद करता है

हस्तपादासन (Hastapadasana in Hindi)

Hastapadasana medium
  • सिर में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है
  • साइनस को साफ करता है
  • तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है और शरीर में तनाव से राहत देता है
    हस्तपादासन करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

मत्स्यासन (Fish Pose in Hindi)

Matsyasana- inline

मत्स्यासन करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

  • छाती और गर्दन में खिंचाव आता है
  • श्वसन संबंधी विकारों से राहत दिलाता है
  • पैराथाइरॉइड, पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों को टोन करता है

धनुरासन (Dhanurasana in Hindi)

Dhanurasana - inline

धनुरासन करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

  • छाती, गर्दन और कंधों को खोलता है
  • मासिक धर्म की परेशानी और कब्ज से राहत मिलती है
  • गुर्दे के विकारों से पीड़ित लोगों की मदद करता है

विपरीत करनी (Viparita Karani in Hindi)

  • सिर में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है
  • मन को शांत करता है
  • सिरदर्द और पीठ दर्द पर काबू पाने में मदद करता है

भुजंगासन (Cobra Pose in Hindi)

भुजंगासन करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

Bhujangasana cobra pose - inline
  • छाती फैलाता है
  • रक्त परिसंचरण में सुधार करता है
  • थकान और तनाव को कम करता है

सर्दी, खांसी और साइनस के लिए निवारक प्राणायाम (sardi jukam ke liye pranayam)

योग आसन के अलावा प्राणायाम या साँस लेने की तकनीक भी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा, इन में से कुछ साँस लेने की तकनीकें नाक के मार्ग को साफ करती हैं, जिससे आप संक्रमण से बचते हैं।

नाड़ी शोधन प्राणायाम (Anuloma Viloma Pranayama in Hindi)

नाड़ी शोधन प्राणायाम करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

Yoga Alternate Nostril Breathing (Nadi Shodhan pranayama) - inline
  • बंद नाक को खोलने में मदद करता है
  • ऑक्सीजन के बेहतर प्रवाह को सुगम बनाता है
  • सर्दी पर काबू पाने के लिए 7 – 8 चक्रोँ का अभ्यास दिन में दो या तीन बार करें

कपालभाती (Kapalbhati Pranayama in Hindi)

kapalbhati pranayama inline
  • श्वसन पथ को खोलने में मदद करता है
  • रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और दिमाग को स्वस्थ रखता है। 2 – 3 चक्र का अभ्यास दिन में दो बार करने से आपको सर्दी से लड़ने के लिए नई ऊर्जा मिलती है।

कपालभाती करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama in Hindi)

  • इसमें जोरदार साँस छोड़ना शामिल है जो नासिका मार्ग को साफ करने में सहायता करता है
    भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

उज्जायी प्राणायाम

उज्जायी प्राणायाम करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

  • फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है
  • प्रत्येक साँस छोड़ने के साथ अधिकतम विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं

जल नेति

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जल नेति नाक साफ करने की तकनीक है जो खांसी, सर्दी और साइनसाइटिस के प्रभाव से राहत दिलाने में मदद करती है। यह तकनीक नाक के मार्ग में जमा बलगम को साफ करने के लिए गर्म पानी का उपयोग करती है। एक बार जब मार्ग साफ हो जाता है, तो संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

जल नेति करने की विधि और इसके लाभ के विषय में विस्तार से जान लें।

योग का नियमित अभ्यास प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और वायरस से बेहतर ढंग से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। आयुर्वेद की प्राचीन समग्र एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्तर को बेहतर बनाने का एक प्रभावी उपाय है।

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