किशोरावस्था में जब कभी भी मैं जमीन से कुछ भारी वस्तु उठाता था तो मेरे दादाजी हमेशा मुझे टोकते थे कि अपनी शारीरिक मुद्रा ठीक करो। मुझे उनका इस प्रकार टोकना बिलकुल अच्छा नहीं लगता था। मैं सोचता था, शारीरिक मुद्रा से क्या फर्क पड़ता है? लेकिन अब, जब मैं 40 वर्ष का हो गया हूँ तो समझ में आ रहा है कि इससे बहुत फर्क पड़ता है, क्योंकि शरीर की गलत मुद्राओं से पीठ के निचले भाग में दर्द की शिकायत हो सकती है।

कुछ आँखें खोल देने वाले सत्य

भारत में पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत इतनी अधिक है कि 60 से 80 प्रतिशत लोगों ने अपने जीवन काल में कभी न कभी कमर दर्द का सामना अवश्य किया है। और इनमें से भी सबसे अधिक दिखाई देने वाला लक्षण पीठ के निचले भाग में दर्द का होना पाया गया है।

पीठ के निचले हिस्से में दर्द से छुटकारा कैसे पाएँ (Lower Back Pain Exercise in Hindi)

कुछ साधारण चीजें, यदि सही तरीके से की जाएँ तो दर्द से राहत मिल सकती है तथा डॉक्टरों अथवा अस्पतालों के चक्कर से बचा जा सकता है या उन में कमी आ सकती है। यहाँ हम ऐसे पाँच उपायों पर बात करेंगे।

एक्सरसाइज / थेरेपी बॉल पर बैठें

अपने ऑफिस/घर मे सोफे पर विश्राम की अपेक्षा थेरेपी बॉल पर बैठें। थेरेपी बॉल पीठ दर्द की समस्याओं के लिए एक व्यायाम उपचार है। पीठ के निचले भाग में दर्द निवारण उपचार का यह एक अभिन्न अंग है जिसका दर्द की समस्या को रोकने अथवा और विकट होने से बचाने में प्रभावी योग दान है।

नियंत्रित गतिविधियों के साथ अपनी मुद्रा को ठीक करें

सही शारीरिक मुद्रा के साथ विश्राम के पलों में नियंत्रित शारीरिक अभ्यास करने का इस समस्या से बचाने और पुराने दर्द का निदान करने में महत्वपूर्ण योगदान है। जब आप खड़े हैं तो पीठ पर बिना दबाव बढ़ाए, अपना सिर सीधा ऊपर, कंधे सीधे व शिथिल अवस्था में और छाती की ओर झुके हुए न हों, छाती सामने की ओर, शरीर का वजन दोनों पैरों पर समान अनुपात में रखें और यह भी महत्वपूर्ण है कि आपके कूल्हे अंदर की ओर सिमटी हुई अवस्था में हों।

गतिवान रहना पीठ के लिए मलहम का काम करता है : नियंत्रित गतिविधियाँ अथवा खिंचाव के आसन एक मुद्रा में अधिक समय तक रहने से पीठ में होने वाले तनाव से राहत प्रदान करते हैं।

अपनी पुरानी खराब आदत को पहचानें और उसको सजगतापूर्वक ठीक करें: अपने शरीर की मुद्राओं के प्रति सजग रहो और देखें कि किस खूबसूरती से हमारा शरीर स्वयं को ठीक कर लेता है। घर पर जब कभी भी मैं अपनी पीठ को सजगतापूर्वस्क सीधा कर के बैठता हूँ तो मेरा पुत्र भी मुझे देख कर सीधा ही बैठेगा।

जब कभी आपको लगे कि आपको अधिक समय तक खड़ा होना पड़ सकता है, तो आप कोई फोल्डिंग स्टूल या कुर्सी साथ ले जाने को प्राथमिकता दें। एक ही स्थिति में लंबे समय तक खड़े रहने से बचें। अपना शरीर का वजन दोनों पैरों पर समान रूप से संतुलित करें।

अपने कार्यस्थल की मेज को भी आवश्यकतानुसार अपने अनुकूल अवस्था में रखें। इस पर ध्यान दें कि आपकी पीठ के निचले भाग को आराम मिल रहा है।

जब भी आप कुर्सी पर बैठें तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ का निचला भाग, जहाँ से रीढ़ की हड्डी आरंभ होती है, कुर्सी के पिछले भाग को छू रहा है। आप पीठ के लिए किसी कुशन अथवा तौलिए को भी गोलाकार मोड़ कर पीठ के घुमाव को सहारा दे सकते हैं। आपके दोनों पैर जमीन पर टिके हों, यह कदापि न भूलें, अन्यथा कोई स्टूल या पायदान रख कर पैरों को उन पर टिकाएँ। अपनी दोनों टांगों को अधिक देर तक कैंची की अवस्था में न रखें। आपके घुटने कूल्हों की तुलना में समकोण पर मुड़े हों। बेहतर होगा कि आपकी कुर्सी की चौड़ाई आपके घुटनों के नीचे के भाग को छू रही हो।

अधिकतर आप अपनी करवट पर और कभी कभी पीठ के बल सोएँ। जब भी आप करवट ले कर सो रहे हों तो आपके दोनों पैरों के एड़ियाँ और पंजे आपस में छूते रहने चाहिएँ। घुटनों को थोड़ा मोड़ कर रखें। आपका एक हाथ बगल की ओर से कूल्हे पर हो तथा दूसरे हाथ को कोहनी से मोड़ कर तकिए के समीप रखें।

क्या पीठ के दर्द का पुरानी, दीर्घकालिक कब्ज या “संधिगत वात” अथवा एंडोमेट्रोसिस जैसी किसी बीमारी से कोई सम्बंध है? “निदान परिवर्जन” द्वारा इस बीमारी का जड़ से इलाज किया जाता है। शरीर की प्रकृति और विकृति को जान कर, पीठ के निचले भाग में दर्द की समस्या से राहत पाई जा सकती है अथवा उसे रोका भी जा सकता है।

वात असंतुलन के कारण पीठ के निचले भाग में होने वाले दर्द में महानारायणा, कपूरादि, मुरिवेन, कोट्टमचुकादी अथवा धन्वंत्रम आदि तेलों से अभ्यँग (स्वयं की मालिश) करना एक प्रभावी उपाय है।

विशेष रूप से तैयार किए गए औषधियुक्त जल से स्नान (शाही स्नान) करना इसके लिए अति प्रभावशाली उपचार है।

पीठ की माँसपेशियों को सुदृढ़ करने हेतु योगासन (Back Pain Yoga in Hindi)

पीठ की सभी माँसपेशियों को सुदृढ़ बनाने और पीठ दर्द से राहत के लिए पद्म साधना से निचली कमर के किए पर्याप्त व्यायाम हो जाता है। इसके अतिरिक्त मार्जरी आसन, शिशु आसन, आनन्द बालासन, हस्त पादासन, पश्चिमोत्थान आसन तथा उत्थानासन कमर के निचले भाग के लिए लाभकारी आसन हैं। इन्हें करने से पीठ का सब दिशाओं में खिंचाव व्यायाम हो जाता है।

ध्यान

अच्छी पाचन शक्ति के लिए गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर संग निर्देशित ध्यान करें। इससे वात असंतुलन के कारण हो रहे निचली कमर के दर्द से राहत मिलती है। ध्यान करना अभी, यहीं आरंभ करें।

सारांश 

आप अपनी जीवनशैली को पूरी तरह से नहीं बदल सकते परंतु कुछ छोटी छोटी बातों पर ध्यान दे कर, उनमें समय लगा कर, अपने  मेरुदंड के निचले भाग के अस्थिखण्ड को एकीकृत और सुदृढ़ अवश्य कर सकते हैं।

कृतज्ञता पत्र

मुझे पीठ और कंधों के दर्द से मुक्ति दिलाने में श्री श्री योग ने जादुई रूप से असर किया। मैं अब कहीं अधिक सशक्त एवं स्वस्थ हूँ।

– कृतिका कृष्णन, 28, लोक संपर्क प्रबंधक

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