प्रतिदिन सुबह उठने के बाद, हमारा स्वास्थ्य ही पूरे दिन के लिए हमारी कार्यशैली को निर्धारित करता है। शरीर में किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो यह हमारे उत्साह को कम कर सकती है और हमारी दैनिक कार्यों में बाधा बन सकता है। बहुत से योगासन हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में सहायक हो सकते हैं किंतु सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए केवल यही आवश्यक नहीं है। हमारे मानसिक स्वास्थ्य की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
हमारे मस्तिष्क दैनिक कार्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीजों को समझने, उन्हें जानने, उन पर प्रतिक्रिया देने तथा ठीक से कार्य करने में हमारी योग्यता और क्षमता हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है।
हममें से अधिकांश यह नहीं जानते कि शरीर के अन्य अंगों की तरह, हमारे मस्तिष्क को भी प्रतिदिन पोषण तथा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार व्यायाम करने से हमारा शरीर हृष्ट-पुष्ट रहता है, उसी प्रकार मस्तिष्क के व्यायाम भी हमारी बुद्धिमता के इस शक्ति पुंज को स्वस्थ रखते हैं। योगासन, विशेष रूप से मानव शरीर की कार्यक्षमता को बेहतर करने में सहायक हैं।.
मस्तिष्क को कुशल बनाने के लिए योगासन और प्राणायाम
योग एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे शरीर में ही अंतर्निहित प्राकृतिक योग्यता का उपयोग कर इसकी शक्तियों और कार्य पद्यति में सुधार लाता है। यह तत्काल संज्ञानात्मक कुशलता को बढ़ा सकता है। यह आपको तनाव मुक्त कर के मस्तिष्क की क्रियात्मक शक्ति को बढ़ाने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त, बायीं नासिका से साँस लेने से दिमाग का दायाँ भाग तथा दायीं नासिका से साँस लेने से दिमाग का बायाँ भाग सक्रिय होता है। सुपर ब्रेन योग कुछ साधारण योगिक आसनों की एक शृंखला है जो आजकल पेशेवरों तथा शिक्षकों में लोकप्रिय हो रहे हैं।
तीक्ष्ण मस्तिष्क के लिए कुछ योगासन और प्राणायाम नीचे दिए जा रहे हैं:
भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama in Hindi)

भ्रामरी प्राणायाम के लाभ
- क्रोध, उत्तेजना, कुंठा तथा चिंता जैसी नकारात्मक भावनाओं से मुक्त करता है।
- एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार लाता है।
- आत्मविश्वास बढ़ाता है।
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana in Hindi)

- रीढ़ की हड्डी को खिंचाव देता है और तनाव से राहत प्रदान करता है।
- चिड़चिड़ाहट और क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाओं को दूर कर के मन को विश्राम देता है।
पश्चिमोत्तानासन के विषय में विस्तार से जानें।
सेतु बंधासन (Bridge Pose in Hindi)

- यह आसन गर्दन और रीढ़ को सशक्त बनाता है और उनमें खिंचाव देता है।
- जंघाओं की माँसपेशियों में ढीलापन लाता है।
- मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाता है।
- मस्तिष्क और स्नायु-तंत्र को शांत कर के चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को कम करता है।
सेतु बंधासन के विषय में अधिक विस्तार से जानें।
सर्वांगासन (Shoulder Stand in Hindi)

सर्वांगासन के लाभ
- थायरॉयड और पैराथायरॉयड ग्रंथियों को नियंत्रित करके उनकी कार्यशैली को सामान्य बनाता है।
- इस आसन से पीनियल तथा हाइपोथैलेमस ग्रंथियों में रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे मस्तिष्क को पोषण मिलता है।
- सभी संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार होता है।
हलासन (Halasana in Hindi)

हलासन करने की विधि सीखें।
- इस आसन से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह सुचारू होता है तथा स्नायु-तंत्र को शांत करता है।
- पीठ तथा गर्दन में खिंचाव लाता है; तनाव तथा थकान को कम करता है।
सुपर ब्रेन योग करने की विधि
- सीधा खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को सामान्य स्थिति में रखें।
- अपने बाएं हाथ को उठाये और अपने दाहिने कान को पकड़े। ध्यान रहे अगूंठा सामने की ओर रहे।
- अब दायें हाथ को उठाये और अपना बायां कान पकड़े आपकी दायीं भुजा बायीं भुजा के ऊपर होनी चाहिए
- गहरी श्वांस ले और धीर-धीरे बैठें।
- इस स्थिति में 2-3 सेकंड रहें।
- साँस छोड़ते हुए खड़े हो जाएँ यह एक चक्र पूर्ण हुआ।
- आप दिन में ऐसे 15 चक्र कर सकते हैं।
सुपर ब्रेन योग के लाभ
सुपर ब्रेन योग कान की लोब पर स्थित एक्यूप्रेशर बिंदुओं को सक्रिय करता है। यह अभ्यास मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार करता है और निम्नलिखित तरीकों से मदद करता है:
- दायें और बायें मस्तिष्क में समन्वय लाता है।
- ऊर्जा के स्तरों को समान रूप से बाँट कर शांति प्रदान करता है।
- सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाता है।
- मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
- रचनात्मकता बढ़ती है
- संज्ञानात्मक शक्तियों का विकास होता है
- केंद्रित होने, एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार लाता है।
- निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
- तनाव तथा व्यवहार से जुड़ी समस्याओं से राहत प्रदान करता है।
- मनोवैज्ञानिक रूप से आपको अधिक संतुलित बनाता है।
सुपर ब्रेन योग अल्जाइमर, हल्के अवसाद, अटेंशन-डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर (ADHD), डाउन सिंड्रोम, ऑटिजम और डिस्लेक्सिया सहित कुछ और रोगों से ग्रस्त मरीजों के लिए भी लाभदायक है। आप यह व्यायाम करने के उपरांत निर्देशित ध्यान का सत्र भी कर सकते हैं।
ध्यान से अपनी मस्तिष्क शक्ति को बढ़ाएँ
मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल, बोस्टन में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से संबद्ध शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा वर्ष 2011 में किए गए शोध की रिपोर्ट के अनुसार आठ सप्ताह के ध्यान शिविर में भाग लेने के उपरांत प्रतिभागियों के मस्तिष्क के स्मृति, स्वयं की भावना, संवेदनाओं, तथा तनाव से संबद्ध भागों में मापनीय परिवर्तन देखे गए।
ध्यान का संबंध सेरिब्रल कॉर्टेक्स (प्रमस्तिष्क प्राणतस्था) और अधिक धूसर द्रव्य (बुद्धिमानी के लिए आवश्यक द्रव्य) के निर्माण से है। मस्तिष्क के इन क्षेत्रों का संबंध स्मृति, ध्यान अवधि, निर्णय क्षमता और नया कुछ सीखने जैसी क्रियाओं से है। इस प्रकार ध्यान मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने का एक प्रभावी उपाय है।
इसलिए, योगासन, सुपर ब्रेन योग, श्वसन प्रक्रियाएँ और ध्यान, यह सब मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाते हैं। अतः प्रतिदिन कुछ समय निकालें और एक बुद्धिमता वाला जीवन जिएँ!