योग और जीवनशैली सुझाव जो आपको मौसम के साथ आने वाली कुछ सामान्य समस्याओं का सामना करने में सहायता करेंगे और आपको सर्दियों का बेहतर आनंद लेने देंगे।
सर्दियों की ठंडी सुबह में कम्बल लपेट कर सोना, आलसी पन में जागकर गर्म कॉफी का कप लेना और उसके घूंट पीते हुए खिड़की के बाहर कोहरे को देखना या शाम को अखरोट या खजूर चबाना – इनके आनंद की तुलना किसी भी चीज से नहीं की जा सकती। सर्दियाँ अपने साथ ये सभी सुखद अनुभव लेकर आती है। हालांकि इनके साथ अनायास सूखी त्वचा, फटें होंठ, बदन दर्द, सर्दी, खांसी, विषाणुजन्य संक्रमण और जोडों के दर्द भी आते हैं। साथ ही, उदासी और सुस्ती का अहसास भी मौसम का एक अनचाहा उपहार होता है।
अपने आप को जकड़न से मुक्त करें
- एक छोटी चम्मच भर के नींबू का रस लें, एक छोटी चम्मच अदरक का रस लें और एक खाने का चम्मच शहद लें। इन्हें एक कप गुनगुने पानी में मिलाएं और इस पेय को पीएं।
- तुलसी के 20 पत्ते, 5 ग्राम अदरक और 7 कालीमिर्च के दाने 2 प्याले पानी में तब तक उबालें जब तक वह एक प्याला ना रह जाए। स्वाद के अनुसार मीठा मिलाएं और इस पेय को पीएं।
योग इन सर्दियों में आप को गर्माहट और सामान्य संक्रमणों से लड़ने के लिए मजबूती देने वाला अतिरिक्त सुरक्षा कवच बन सकता है। हम आपके लिए कुछ योग के उपचार लाए हैं जो आपको इस मौसम का भरपूर आनंद लेने में मदद करेंगे।
1. गर्माहट रखें
सोए रहने की कल्पना चाहे कितनी भी लुभावनी हो, अपने रोज के योग का समय न टालें। यह आपको गर्म रखने में और सामान्य दर्द व स्नायु के जकड़न से बचाने में सहायक है। अपने दिन की शुरुआत सूर्यनमस्कार से करें और उसके बाद कुछ वार्म-अप व्यायाम करें। अपने अभ्यास में सूक्ष्म व्यायाम को भी शामिल करें। यह जोड़ों की अकड़न को रोकने में मदद करेगा, जो सर्दियों में खासतौर पर बुजुर्गों में आम समस्या होती है।
2. जीवाणुओं को दूर रखें
जब सर्दियाँ आती हैं तो उसके पीछे सर्दी, खाँसी, विषाणुजन्य बुखार इत्यादि भी आते हैं। नियमित योग का अभ्यास शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है ताकि आप जीवाणुओं को दूर रखें।
मैं सर्दियों से नफरत करती थी क्यूंकि मैं हर सर्दी में बीमार पड़ती थी। यह सर्दी के साथ शुरू होता था और बदतर होता जाता था और अंत में, मैं विषाणुजन्य बुखार के कारण पांच दिन बिस्तर में रहती थी। मैं इससे ऊब चुकी थी। हालाँकि तीन साल पहले श्री श्री योग कार्यक्रम किया और योग का घर पर अभ्यास करने के बाद, मैं अब बार बार सर्दियों बीमार नहीं पड़ती हूँ। मुझे इससे बहुत राहत मिली है!
नीता सिंघवी, महाविद्यालय छात्रा
प्राणायाम का अभ्यास सीने की जकड़न को दूर करने में सहायता करता है, जो सर्दियों के दौरान सामान्य है। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में भी सहायता करता है। इस मौसम के लिए सर्वोत्तम है सूर्य भेदन प्राणायाम (दाहिनी नासिका से श्वसन)। कपाल भाति प्राणायाम भी आपके शरीर को गर्म करती है और एक अच्छा अभ्यास है। इसके साथ जल नेति का भी पालन करें। यह सामान्य संक्रमणों से लड़ने की एक पुरानी योगिक तकनीक है जो श्री श्री योग लेवल 2 में सिखाई जाती है।
3. उदासी से लड़ें
बाहर का सुस्त और उदास मौसम हमारे मन-मस्तिष्क पर भी असर डालता है और बिना किसी कारण के हम निराश और सुस्त महसूस करने लगते हैं। इस मौसम में ध्यान के लिए कुछ समय निकालें। यह तुरंत मनोदशा बदलने का काम करता है और आप खुद बदलाव महसूस कर सकते हैं! आप के योग के रोज के अभ्यास के अंत में (आसन और प्राणायाम के बाद) कुछ मिनट ध्यान करना एक अच्छा विचार है। यह दिन की एक आदर्श शुरुआत है जो आपको दिन का सामना मजबूती और हास्य के साथ करने के लिए तैयार करती है।
4. स्वादिष्ट व्यंजनो का आनंद लें साथ ही योग भी करें
सर्दियाँ जैसे अनगिनत स्वादिष्ट और मीठे व्यंजनो का आनंद लेंने का बहाना प्रदान करती हैं! लेकिन इसे अपना वजन बढ़ाने का बहाना न बनने दें। जो भी आपको पसंद है, वह खाएं लेकिन यह सुनिश्चित करें कि आप योगासनों के माध्यम से उसे पसीने में बहा रहे हैं। यह आपका वजन घटाने के साथ आपके अंगों को भी टोन करते हैं।
सर्दियों में इन योग आसनों का अभ्यास करें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं:
पश्चिमोत्तानासन

- पेट के अंगों को मसाज और टोन करता है।
- पीठ के निचले हिस्से, जांघ के पीछे की मांसपेशियां और नितम्बों को खींचता है।
पश्चिमोत्तानासन के लाभ
त्रिकोणासन

त्रिकोणासन के लाभ
- पाचन को सुधारने में और तनाव को दूर करने में सहायता करता है।
- चिंता, कटिस्नायुशूल और पीठ का दर्द कम करता है।
सर्वांगासन

सर्वांगासन के लाभ
- थायरॉइड और पैराथायरॉइड ग्रंथिओं को सक्रीय करता है।
- कब्ज और पेट की समस्याओं से मुक्ति देता है।
भुजंगासन

- पेट को टोन करता है और रक्त संचार को सुधारता है।
- पीठ के मध्य और ऊपरी हिस्से के लचीलेपन में सुधार और मजबूती लाता है।
भुजंगासन के लाभ
धनुरासन

धनुरासन के लाभ
- पैरों और हाथों की मांसपेशियों को टोन करता है।
- पीरियड की समस्याओं और कब्ज से मुक्ति देता है।
शलभासन

शलभासन के लाभ
- तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को टोन करता है, विशेष रूप से गर्दन और कंधों में।
- पेट के अंगों को टोन करता है।
स्वस्थ सर्दियों के लिए आहार और जीवनशैली सलाह
- कफ प्रकृति वाले लोगों के लिए सर्दियों में खास तौर पर सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि कफ का असंतुलन सर्दियों के दौरान सामान्य तौर पर सर्दी और खासी के स्वरुप में होता है। अदरक वाली चाय कफ के लोगों के लिए सर्वोत्तम होती है। इसके साथ धान्यों का आहार कम करें।
- बाहर की ठण्ड के कारण शरीर स्वाभाविक रूप से संकुचित अवस्था में रहता है। नियमित रूप से तेल मालिश करें जो आपकी त्वचा को भाता हो। ऐसा करने से मांसपेशियों की जकड़न से मुक्ति पाने में सहायता मिलती है।
- अपने आप को सुगंध चिकित्सा से खुश करें और कमरे में नीलगिरि के तेल का दिया जलाएं। यह श्वसन में सहायक है और गले और छाती में हुए संकुलन से राहत दिलाता है।
- आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में दिन में झपकी लेना टालना चाहिए। साथ ही लम्बे समय तक सोना टालें, क्यूंकि वह शरीर में ढिलाई को बढ़ावा देता है। रात में 6-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें। सोने से पहले गुनगुने पानी से गरारा करें – इसमें हल्दी और नमक मिलाएं, यह गले की सफाई करता है और संक्रमण से बचाता है।
- यह सुनिश्चित करें कि आप प्रतिदिन धूप जरूर लें – सुबह या शाम की धूप में टहलें, बागवानी करें।
- अन्न पदार्थ जिन में दूध, मख्खन, घी, गन्ने का रस शामिल हैं वे इस मौसम के लिए अनुशंसित हैं। आपके आहार में गर्म सूप, दम लगाई हुई सब्जियां, पके हुए चावल, और जई के दलिया का प्रयोग करना अच्छा है। यह पदार्थ प्रणाली को सुखदायक गर्माहट प्रदान करते है। चमकने वाली त्वचा के लिए सर्दियों के अन्न के बारे में अधिक जानें।
- दानें – जैसे बादाम, काजू, अखरोट, पिस्ता ठन्डे मौसम में अच्छे आहार बनते हैं। खजूर, अंजीर, पालक, हरी पत्तों वाली सब्जियां भी आदर्श हैं।
- जड़ीबूटी जैसे च्यवनप्राश और दासमूल रसायन ठण्ड के मौसम में खास तौर पर अनुशंसित हैं क्योंकि वे शरीर की ठण्ड से लड़ते हैं।
डॉक्टर सेजल शाह, श्री श्री योग अध्यापक और डॉक्टर निशा मणिकंठन, श्री श्री आयुर्वेद की तज्ञ से मिली जानकारी पर आधारित।