20मिनट के लिए दिन में 2 बार ध्यान काफी लाभदायक होता है, आप सुबह और शाम के समय इसे कर सकते है।
इस संसार मे जब हम पुरे दिन इन्वॉल्व रहते है, तो हम मानसिक और शारीरिक रूप से एग्जॉस्ट भी हो जाते है। हमें वापस अपनी ऊर्जा बढ़ाने के लिए और स्वयं से साक्षात्कार करने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए।
ध्यान के लाभों को महसूस करने के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है। यह कुछ ही समय लेता है। दिन में एक बार आत्मसात कर लेने पर, ध्यान दिन का सर्वश्रेष्ठ अंग बन जाता है। ध्यान एक बीज की तरह है। जब आप बीज को प्यार से विकसित करते हैं तो वह उतना ही खिलता जाता है.
आप आर्ट ऑफ़ लिविंग के आगामी प्रोग्राम्स में मेडिटेशन सीख सकते है. पर भी गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी द्वारा निर्देशित ध्यान कर सकते है।
आप आर्ट ऑफ़ लिविंग के आगामी प्रोग्राम्स में सही तरीके से ध्यान योग साधना सीख सकते है।
आप जिस आसन में एक दम आरामदायक महसूस करते है उसमें बैठे। अगर आपको कुर्सी या सोफे पर आरामदायक महसूस होता है तो आप वहां बैठे। हमें बस इतना ख़्याल रखना है कि हम अपने आसन में स्थिर रहे।
ध्यान के कारण शरीर की आतंरिक क्रियाओं में विशेष परिवर्तन होते हैं और शरीर की प्रत्येक कोशिका प्राण तत्व (ऊर्जा) से भर जाती है। शरीर में प्राण तत्व के बढ़ने से प्रसन्नता, शांति और उत्साह का संचार भी बढ़ जाता है।
आपको ध्यान मे कुछ नहीं सोचना है, अगर आप गाइडेड मेडिटेशन कर रहे है, तो मेडिटेशन के वक़्त आपको जो निर्देश दिए जा रहे उन पर बस थोड़ा सा गौर करें, ध्यान अपने आप लगने लगेगा। हाँ, आपको एक दम ध्यान से निर्देश सुनने की ज़रुरत नहीं है, बस हल्का सा गौर करें।
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