
सांस्कृतिक उत्सव
हम सब एक ही संस्कृति के विविध रूप हैं ; फिर भी सब एक दूसरे से अलग पर अपने आप में अद् भुत और अनोखे । यदि गहराई में जा कर देखें तो पाएँगे कि हर वस्तु का मूल स्वरूप एक ही है। हम सब उस एक निराकार ईश्वर की ज्योति से प्रकाशित हैं। मानव सभ्यता पर नज़र डालें तो हर जगह विविधता ही पाएँगे । हमारा रूप-रंग, वेश-भूषा, खान-पान, त्योहार-पर्व सब अलग हैं। यहां तक कि कला क्षेत्र में भी गीत-संगीत, नृत्य इत्यादि में भी बहुत भिन्नता है। एक संस्कृति दूसरी से अलग लेकिन अपने आप में विशिष्ट और अद् भुत । हमारी संस्कृति हमें जोड़ कर एक करती है। उस एकता में छुपी अनेकता और ख़ुशी की झलक हमें विश्व की हर संस्कृति में देखने को मिलती है। जब भी हम कोई सांस्कृतिक पर्व मनाते हैं तो, वह हर समुदाय की समानता में विभिन्नता की ही अभिव्यक्ति होती है।
संस्कृति विश्व के विभिन्न लोगों और राष्ट्रों को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है और हमारी जड़ों को मजबूत कर उस बंधन को और गहरा करती है। पिछले दशक में आर्ट ऑफ लिविंग ने बड़ी प्रमुखता से विभिन्न समुदायों को अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इसमें बैगपाइप वाद्य यंत्र कलाकारों की विश्व की सबसे बड़ी संगीत सभा का आयोजन और दुनिया के सबसे अधिक शाकाहारी व्यंजनों के प्रदर्शन के आयोजन जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। समय के साथ साथ इन कार्यक्रमों का समर्थन करने वाले और इन में रूचि रखने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने भी इनको एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में मान्यता दी है।
हमारे कुछ गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स
९ जनवरी - हॉर्न्स - (संगीत वाद्य ) : ४४४ हॉर्न्सवादको की सबसे बड़ी संगीत सभा का कोल्लम ,केरल ,भारत में आयोजन करने का श्रेय आर्ट ऑफ लिविंग को प्राप्त है। सभी ४४४ वादकों ने इस सी (C) आकार के वादक ,जिसे कोम्ब या श्रृंगा भी कहा जाता है ,लगभग २५ मिनट तक बजाया।
१३ नवंबर - दिवाली मोमबत्तियां: आर्ट ऑफ लिविंग ने एक स्थल पर १२,१३५ एक साथ मोमबत्तियां जलाने का श्रेय अहमदाबाद,भारत में प्राप्त किया।
१६ मई – बैगपाइप: बैगपाइप वाद्य यंत्र बजाने वाले कलाकारों की सबसे बड़ी संगीत सभा का आयोजन बुल्गारिया में हुआ। आर्ट ऑफ लिविंग संगठन द्वारा बुल्गारिया देश के सोफिया शहर में इस संगीत महासभा का आयोजन किया गया। नैशनल पैलेस ऑफ कल्चर में आयोजित इस संगीत सभा में ३३३ कलाकारों नें भाग लिया।
१७ जनवरी - ताल निनाद: भारत के सोलापूर नगर की हंबरवाड़ी इस्टेट में आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा आयोजित तबलावादन का सबसे बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस में १,२३० तबला वादकों नें हिस्सा लिया।
२१ फरवरी - अभंग नाद: भारत के कोल्हापुर शहर में स्थित शिवाजी विश्वविद्यालय के मैदान में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा ढोल बजाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें १,३५६ ढोल वादकों नें हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम की अवधि २३ मिनट थी।
१२ फरवरी - नाट्य विस्मय: केरल के तिरुवनंतपुरम शहर के पुथारिकंदम मैदान में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा कथककली नृत्य के सबसे बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें १५० नर्तकों नें हिस्सा लिया। इसमें २०-२० मिनट की अवधि के दो नृत्य प्रस्तुत किए गए।
३० जनवरी - नाद वैभवम्: गायन (क्वायर )के इस सबसे बड़े कार्यक्रम का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा भारत के चेन्नई शहर में पेरुंगुल्थुर नामक स्थान पर किया गया। इसमें १२१,४४० लोगों नें भाग लिया।
११ नवंबर - मेहरां दे रंग: भांगड़ा नृत्य के इस सबसे बड़े कार्यक्रम में २,१०० लोगों नें हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा पंजाब के लुधियाना शहर में स्थित कृषि विश्वविद्यालय में किया गया। इस कार्यक्रम की अवधि १५ मिनट थी।
२ नवंबर - अन्नम् ब्रह्म: भारत के अहमदाबाद शहर में स्थित श्री श्री धाम में आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा सबसे बड़े शाकाहारी व्यंजनों के प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस भोज में ५,६१२ प्रकार के व्यंजन परोसे गए थे।
१२ जनवरी - अंतर्नाद: इस कार्यक्रम का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा पुणे में किया गया। एक साथ मिलकर गाने का कीर्तिमान इस कार्यक्रम में स्थापित किया गया। इसमें १,०४,६३७ लोगों नें मिलकर 'वन्दे मातरम्' गीत गाया। इस की अवधि ५ मिनट से ऊपर थी।
२१ नवंबर - ब्रह्मनाद: सितार वादन के इस सबसे बड़े कार्यक्रम में १,०९४ सितार वादकों नें भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा नई दिल्ली के पास स्थित नोएडा शहर में किया गया।
२८ नवंबर - मोहिनीअट्टम: सबसे अधिक नर्तकों द्वारा इकट्ठा मिलकर मोहिनीअट्टम नृत्य के प्रदर्शन का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग संगठन के २५ वर्ष सम्पूर्ण होने पर जो उत्सव मनाया गया ,उसके अंतर्गत इस नृत्य का आयोजन भारत में स्थित केरल के कोचिन शहर में जवाहर लाल नेहरू अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में किया गया। इसमें १४०० नर्तकों नें भाग लिया। यह लगभग ८ मिनट का नृत्य था।