सिर दर्द के घरेलू उपाय (Sar Dard ka ilaaj)

सिर दर्द क्या है? 

सिरदर्द क्यों होता है? 

सिरदर्द के कारण 

अनुभव 

श्री श्री रवि शंकर जी द्वारा निर्देशित ध्यान 

सिरदर्द के घरेलू उपाय

सिर दर्द क्या है? 

सिरदर्द, ये शब्द सुनते ही हम पिछली बार के सिरदर्द की यादों में चले जाते हैं। दर्द जो हल्का-हल्का शुरू होता है और धीरे-धीरे थोड़ा बढ़ जाता है और कभी-कभी असहनीय भी हो जाता है। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि दवाईयाँ लेने के बावजूद भी हमको सिर के दर्द से राहत नहीं मिलती।
बहुत से लोग तो नियमित सर-दर्द को अपने जीवन की सच्चाई ही समझ लेते हैं परन्तु इस समस्या का इलाज है और वह इलाज है 'ध्यान'। सुनने में शायद थोड़ा अटपटा लगे परन्तु ध्यान द्वारा सिर के दर्द से छुटकारा पाना संभव है।

सिर दर्द क्यों होता है? 

सिरदर्द मुख्य रूप से तनाव, अत्यधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम, अपर्याप्त नींद और भूख, मोशन सिकनेस, अत्यधिक शोरगुल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अधिक प्रयोग के कारण सिरदर्द हो सकता हैं। कभी-कभी अधिक सोचना, अपर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी सिरदर्द के कारण हो सकता है ।

सिर दर्द के कारण 

तनाव 

मन व शरीर की थकावट 

असंतुलित शारीरिक तंत्र 

सिर में अल्प रक्त प्रवाह 

अपर्याप्त नींद 

अत्यधिक शोर 

फ़ोन पर ज़्यादा देर बात करना

ज़रूरत से ज़्यादा सोचना 

सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए कौन से योगासन उपयोगी हैं ? अगला लेख पढ़ने के लिए यहाँ देखें :

1. तनाव

जब शरीर व मन में तनाव संभालना मुश्किल हो जाए, तब ये सिरदर्द का स्वरूप ले लेता है। ध्यान तनाव का प्रति-अनुपाती (ध्यान करने से तनाव कम होता है) है। जितना ज़्यादा और जितनी बार आप ध्यान करते हैं, उतना ही तनाव आपसे दूर हो जाता हैl कुल मिलाकर तात्पर्य यह है कि 10-20 मिनट का प्रतिदिन ध्यान अवश्य करें।

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2. मन व शरीर की थकावट

दिनभर घर व काम पर भागते-भागते बहुत से काम निपटाने होते हैं। ऐसे समय ध्यान, आपको तरो-ताज़ा कर ऊर्जा से भर देता है। आपकी मुस्कराहट लौट आती है और सुबह जैसी ताज़गी शाम को बस 20 मिनट के ध्यान से आ जाती है। ये आपको पूरी तरह विश्राम देता है ताकि आप अपने परिवार के साथ अच्छे से आनंदपूर्ण समय बिता पाएँ।

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3. असंतुलित शारीरिक तंत्र

आपने ध्यान दिया होगा कि जब आपका पेट खराब होता है, आपको सिरदर्द होने लगता हैl हमारे शरीर के सब अंग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए एक अंग में किसी भी प्रकार का असंतुलन, दूसरे अंग को प्रभावित करता है।

ध्यान शरीर के विभिन्न अंगो में उपस्थित विष से शरीर को मुक्त करता है और तनाव को दूर कर पुनः संतुलन को स्थापित करता है। यह शरीर के पाचन तंत्र पर नज़र रखने में सहयोग करता है। जब आप प्रतिदिन ध्यान रखते हैं कि आप क्या खा रहे हैं और कितना खा रहे हैं। आप अपने आहार पर ध्यान रख, इस बारे में सजग रहने लगते हैं तो पाचन में सुधार आता है और शरीर भी संतुलित हो जाता है। इस प्रकार सिर दर्द की संभावना कम हो जाती है।

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4. सिर में अल्प रक्त प्रवाह

दिन में प्रति दिन दो बार 10-20 मिनट का ध्यान, न केवल शरीर व मन को गहरा विश्राम देता है बल्कि सिर के क्षेत्र में रक्त का प्रवाह भी बढ़ाता है। इस क्षेत्र में बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह सिरदर्द की संभावना को कम कर देता है।

ध्यान के अतिरिक्त आप कुछ योग-आसन भी कर सकते हैं, जो रक्त संचार को बढ़ाते हैं, जैसे कि हस्तपादासन, सर्वंगासन और हलासन।

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5. अपर्याप्त नींद

लंबे समय तक काम करना, अत्यधिक काम करने की आदत या टीवी व इंटरनेट की लत, ये सभी रात को देर से सोने के बहाने हैं । यद्यपि इन्हे आदत बनाया जाना बिलकुल भी अच्छा नहीं है | लेकिन  कई बार हमें किसी कारणवश रात को सोने में देरी हो जाती है। जब भी किसी प्रॉजेक्ट की समय सीमा समाप्त हो रही हो या देर रात क्लाइंट की मीटिंग हो, तब आपको समय से सोने में देरी हो जाना लगभग सामान्य  है। ऐसे में, कई बार केवल 20 मिनट का ध्यान आपको इस तरह के काम के दवाब का सामना करने में मदद करता है।

ध्यान आपको विश्राम देता है, ऊर्जा से भर देता है और साथ ही कार्यक्षमता को बढ़ाता है। वास्तव में ध्यान का नियमित अभ्यास आपकी उत्पादकता बढ़ाता है। आप अपना काम जल्दी ख़त्म कर लेते हैं और देर रात तक रुकना नहीं पड़ता है।

ध्यान नींद आने का एक ऐसा घरेलू उपाय है, जिससे तुरंत फायदा होता है।

ध्यान आपकी नींद की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। क्या आपको पता है कि 20 मिनट का ध्यान आपकी 8 घंटे की नींद से भी ज़्यादा गहरा विश्राम दे सकता है? इसका तात्पर्य यह नहीं है कि ध्यान नींद का विकल्प है, बल्कि जब आप ध्यान करते हैं तो आप बेहतर सो पाते हैं।

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6. अत्यधिक शोर

हम सभी ने कभी न कभी अत्यधिक शोर का अनुभव किया होगाl हम में से कुछ बिल्कुल भी शोर सह नहीं पाते हैं और जल्दी ही सिरदर्द की शिकायत करने लगते हैं।

ध्यान आपको किसी भी परिस्थिति को स्वीकार करने की योग्यता देता है। जिससे आप हर तरह की परिस्थिति में शांत और सहज रह पाते हैं। इसलिए अगर आपके आसपास ज़ोर का शोर है तो वो भी आपको प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि आप ध्यान करते हैं और भीतर से विश्राम में हैं।

नोट: जब आप नियमित ध्यान करते हैं तब आपके भीतर एक ठहराव की अनुभूति आने लगती है। ऐसी स्थितियाँ आएँगी जब आपके आसपास बहुत शोर होगा जो कि सिरदर्द कर देने वाला भी हो सकता है लेकिन नियमित ध्यान के अभ्यास से आप इस स्थिति का सामना कर पाएँगे और उसे आसानी से स्वीकार कर पाएँगे।

7. फ़ोन पर ज़्यादा देर बात करना

यह एक ऐसी स्थिति है जिससे बचना कई बार मुश्किल हो जाता है। दिन भर की क्लाइंट कॉल या देश - विदेश के दोस्तों के हालचाल लेना, ये सब काम हम अपने जीवन में हर दिन करते हैं। कभी-कभी फ़ोन पर ज़्यादा देर बात करना भी सिरदर्द का कारण बन जाता है।

चिंता मत करेंl जब भी आपको चक्कर आए बस कुछ मिनट ध्यान करें। यह आपके तनाव को दूर करेगा और इलेक्ट्रॉनिक चीज़ों के प्रयोग से दुष्प्रभावित तंत्रिका तंत्र को गहरा विश्राम देगा ।

8. ज़रूरत से ज़्यादा सोचना

सिर दर्द से निवृत्त होने का एक कारगर उपाय है - ज़्यादा सोचना बंद कर दें। लेकिन कई बार सोचना आवश्यक हो जाता है। रोजमर्रा की जिंदगी का तनाव, काम का दबाव, परिवार का दबाव, सम्बंधों के विवाद, इन सबके बीच ये कहाँ ही संभव है कि हम बिलकुल न सोचें? लेकिन आप दिन में कुछ समय निकाल कर आँख बंद कर, निश्चित ही विश्राम कर सकते हैं। कुछ समय के लिए बाहरी संसार को अलग रख, अपने साथ रहें| इसे अपना समय समझ कर प्रयोग करें और फिर अंतर देखें।

अनुभव

पोलेंड से सारा जोसेफ बताती हैं: - “मुझे करीब 10 सालों से माइग्रेन था| ये इतना तीव्र था कि कई बार मैं हिल भी नहीं पाती थी, दर्द जान निकालने वाला होता था। जब मैंने ध्यान करना शुरू किया, मुझे कुछ ही दिनों में अंतर दिखने लगा। पहले दर्द की तीव्रता कम हुई और ध्यान के नियमित अभ्यास से अब दर्द की आवृत्ति भी कम हो गयी है।"

सिरदर्द के घरेलू उपाय

1. योग का नियमित अभ्यास- जिस में उपरोक्त योगासन और प्राणायाम (नाड़ी शोधन प्राणायामभ्रामरी

प्राणायाम) सम्मिलित हैं, अत्यंत प्रभावी हैं l उसके बाद 20 मिनट का ध्यान करें।

2. अधिक पानी पीएँ – पर्याप्त मात्रा में पानी पियें। शरीर में पानी की कमी से भी सिरदर्द हो सकता है। योग

और ध्यान करने के अभ्यास के बाद भी कभी-कभी हमें सिरदर्द हो सकता है। इसका कारण यह है कि

ध्यान शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। इसके बाद, आपको शारीरिक तंत्र

प्रणाली को शुद्ध करने के लिए अधिक पानी चाहिए। सिरदर्द से राहत पाने के लिए पानी, रोग निवारक एक आसान उपचार है।

3. आयुर्वेद की सहायता– आयुर्वेद की जड़ी बूटियाँ जो सिरदर्द को दूर करने में मदद करती हैं, जैसे पान,

लौंग, अदरक और मेहंदी इत्यादि। अपने स्वादानुसार एक स्वस्थ आहार की सूची बनाएं । यह एक 

ऐसा तरीका है जिसे आप लंबे समय तक जारी रख सकते हैं।

भारती हरीश, सहज समाधि ध्यान शिक्षिका और निशा मनिकन्तन, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से प्राप्त सूचनाओं पर आधारित । - श्री श्री रविशंकर जी की ज्ञान वार्ता से उद्धृत

सिरदर्द पे सामान्य प्रश्न 

 
Founded in 1981 by Sri Sri Ravi Shankar,The Art of Living is an educational and humanitarian movement engaged in stress-management and service initiatives.Read More