"श्वास मन और शरीर के बीच कड़ी है। अगर मन पतंग है तो श्वास धागा है। जितना लंबा धागा होगा उतनी ऊंची पतंग उड़ेगी ।" - श्री श्री रवि शंकर
प्राणायाम के लाभ | Benefits Of Pranayama
- प्राण शक्ति को बढ़ावा देता है।
- अवरुद्ध प्राण नाड़ियों को साफ करता है।
- शरीर,मन और आत्मा में लयबद्धता लाता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है।
- शरीर और मन को तरोताज़ा कराता है।
- उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
प्राणायाम के कुछ प्रकार और उपयोग | Types of Prayanama & it's Uses
प्राचीन भारत के ऋषि मुनियों ने कुछ ऐसी सांस लेने की प्रक्रियाएं ढूंढी जो शरीर और मन को तनाव से मुक्त करती है। इन प्रक्रियाओं को दिन में किसी भी वक़्त कर सकते है। देखते है कौन सी प्रक्रिया किस परिस्थिति में उपयोगी है:
अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !
भ्रामरी प्राणायाम | Bhramari pranayama
अगर आपका मन किसी बात को लेके विचलित हो या आपका किसी की बात से अपना मन हठा ही नहीं पा रहे हो तो आपको यह प्राणायाम करना चाहिए। यह प्रक्रिया उक्त रक्तचाप से पीड़ित लोगो के लिए बहुत फायेदमंद है।
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कपाल भाति प्राणायाम | Kapalbhati pranayama
नाड़ियों की रुकावटों को खोलने हेतु यह प्राणायाम उपयुक्त है। यह प्रक्रिया शरीर के विषहरण के लिए भी उपयुक्त है।
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भस्त्रिका प्राणायाम | Bhastrika pranayama
अगर आप कम ऊर्जावान महसूस कर रहे है तो भस्त्रिका प्राणायाम के तीन दौर करे, आप खुद को शक्ति से भरपूर पाएंगे।
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नाड़ी शोधन प्राणायाम | Nadi shodhan pranayama
अगर आप अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे तो यह प्राणायाम के नौ दौर करे और उसके पश्चात दस मिनट ध्यान करें।
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तनाव को श्वास द्वारा छोड़े और सुख को श्वास द्वारा अंदर ले |Release the Stress through Outgoing breath & Take the Blissfull Breath In!!
क्या आपको पता है की हम अपने शरीर से ९० प्रतिशत विषाक्त पदार्थ श्वास द्वारा निकाल सकते है? शर्त ये हे की आप सही तरीके से साँस लेते हो। सही तरीके से साँस लेना सीखने के लिए नन्हे बच्चो को देखे। जैसे वह साँस अंदर बाहर करते है, उनका पेट मृदुता से ऊपर नीचे होता है। जीवन तभी सुखी बन सकता है जब हम सही तरीके से साँस ले और उस पर ध्यान दे।
श्री श्री रवि शंकर जी समझाते है "साँस और भाव जुड़े हुए है। हर भाव के लिए साँस की एक विशेष लय है। इसलिए जब तुम अपने भावनाओं पर स्वयं नियंत्रण न कर सको तो साँस का सहारा ले सकते हो। थिएटर में निर्देशक गुस्से को दिखलाने के लिए तेज़ साँसे लेने का निर्देश देता है और एक शांत सीन को दर्शाने के लिए लंबी साँसे लेने के लिए निर्देश देता है। अगर हम अपनी साँस की लय को समझे तो हम अपने मन पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं और नकारात्मक भावनाओं पर विजय प्राप्त कर सकते है। ऐसा करने से हम अपने ह्रदय से मुस्करा पाएंगे।"
क्या आपकी श्वास गहरी है या उथली है? |Is Your Breath Deep or Shallow?
बहुत लोग छाती से श्वास लेते है। ऐसा करने से दिमाग पर यह संकेत जाता है की हम तनाव में है या कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विकल्पतः जब हम उदर भाग से श्वास लेते है तो श्वसन बढ़ता है, दिमाग में भरपूर ऑक्सीजन जाता है और दिमाग को संकेत मिलता है की सब ठीक है।
अपनी साँस का निरिक्षण करे और जाने की वह गहरी है या उथली है।
श्वास की शक्ति: प्राण | Prana The Power of Breath
पुरातन समय के योगियों ने श्वास की शक्ति को प्राण शक्ति के रूप में पहचाना। उन्होंने जाना की प्राण शक्ति से ज़िन्दगी है। खाना, विश्राम, श्वास, और सुखी मन प्राण के स्तोत्र है। पर सबसे महत्वपूर्ण स्तोत्र श्वास है क्योंकि जब हमारी श्वास रूकती है तब हम ज़िंदा नहीं रहते। यह जाना गया की हमारे मन की स्थिति प्राण शक्ति की मात्रा, गुणवत्ता और उसका हमारी नाड़ियों में प्रवाह करने के तरीके पर निर्भर है।
ज्ञान के अभाव और सांस पर ध्यान न रखने की वजह से प्राण के प्रवाह में रूकावट आ सकती है। ऐसी स्थिति में मन में आशंका, चिंताएं और डर उत्पन्न होता है। जब प्राण शक्ति की मात्रा ऊंची, प्रवाह सतत और नियमित होता है तो मन शांत, सुखी और उत्साही होता है।
योग शरीर व मन का विकास करता है।इसके अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ हैं परंतु इसका उपयोग किसी दवा आदि की जगह नही किया जा सकता। यह आवश्यक है की आप यह योगासन किसी प्रशिक्षित श्री श्री योग (Sri Sri yoga) प्रशिक्षक के निर्देशानुसार ही सीखें और करें। यदि आपको कोई शारीरिक दुविधा है तो योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर या किसीभी श्री श्री योग प्रशिक्षक से अवश्य संपर्क करें।श्री श्री योग कोर्स करने के लिए अपने नज़दीकी आर्ट ऑफ़ लिविंग सेण्टर पर जाएं। किसी भी आर्ट ऑफ़ लिविंग कोर्सके बारे में जानकारी लेने के लिए हमेंinfo@artoflivingyoga.org पर संपर्क करें ।