दुरस्त पाचन तंत्र, उत्तम स्वास्थय प्राप्ति का एक महत्व पूर्ण स्तम्भ है। अगर व्यक्ति का पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करे तो वह पेट दर्द, कब्ज, पेट के घाव, कील मुहांसे व वायु-विकार आदि अनेक व्याधियों से बच सकता है।
कारण व उपचार पाचन तंत्र दुरस्त करने के लिए
अधिक मात्रा में तथा असमय भोजन करने, प्रकृति विरुद्ध पदार्थों के सेवन व तनाव आदि के फलस्वरूप पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। इसे दुरस्त करने के लिए हम एक दो समय का उपवास करते है या कुछ एंटासिड (अम्ल-रोधी) गोलियां खा लेते है। इन सबसे से लाभ तो होता है पर यह अस्थायी होता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने के ६ उपाय |6 tips to improve digestive system in Hindi
- भोजन से आधा घंटे पूर्व व पश्चात् पानी न पिए
- रात में गरिष्ठ भोजन का सेवन न करें
- भोजन के तुरंत बाद लेटें नहीं
- नियमित योगाभ्यास करें
- फ़ास्ट फ़ूड या जंक फ़ूड से बचें
- अधिक रेशे वाले पदार्थों का सेवन करें
पाचन शक्ति बढ़ाने के योग | Yoga asana to improve digestive system in Hindi
हालाँकि,अपने दैनिक जीवन-चर्या में समूल परिवर्तन करना बड़ा कठिन है फिर भी अपने पाचन तंत्र को सशक्त बनाने व पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए कुछ प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। शरीर को अपनी पूर्व स्वस्थ अवस्था में लौटाने में योग से अधिक कारगर कोई और उपाय हो नहीं सकता। यह किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव से रहित एक प्रामाणिक तकनीक है। जो जीवन चर्या में बिना कोई विशेष परिवर्तन के, शरीर को प्राकृतिक व सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ करने में सक्षम है।
निम्न योगासनों का अभ्यास उदर सम्बन्धी अंगो को शिथिलता प्रदान कर, उनको तनाव मुक्त कर, पाचनतंत्र को स्वस्थ सुचारू व सक्रिय बनाता है:
- उस्ट्रासन |Camel pose
- पद्मासन | Lotus pose
- धनुरासन | Dhanurasana
- नौकासन |Naukasana
- सेतुबंधासन |SetuBandhasan
- पवन मुक्तासन | Pavanamuktasana
1. उस्ट्रासन
उस्ट्रासन शरीर के अग्र-भाग में खिंचाव उत्पन्न करता है जिससे उदार के सभी अंग सक्रिय हो जाते है। यह आसन शारीरिक मुद्रा (उठते बैठते समय शरीर की स्थिति) को संतुलित करता है, तथा महिलाओं को मासिक स्त्राव में होने वाले कष्ट से मुक्ति प्रदान करता है।
2. पद्मासन
यह बैठ किया जाने वाला एक सरल आसन है जो पाचन क्रिया को उन्नत करता है। मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
3. धनुरासन
धनुरासन उदर की मांसपेशियों में खिंचाव कर उन्हें बल प्रदान करता है। इससे शरीर कब्ज से मुक्त होता है और मासिक धर्म के कष्ट से भी छुटकारा मिलता है।
4. नौकासन
यह आसन भी पेट के समस्त अंगो को बल प्रदान करता है जिसके फलस्वरूप पाचन क्रिया में सुधार होता है। यह शरीर में इकट्ठे हुए तनाव को कम करता है तथा पीठ को सुदृढ़ करता है।
5. सेतुबंधासन
यह आसन पेट की मांसपेशियों को उत्प्रेरित करता है जिससे पाचन बेहतर होता है। इस के अभ्यास से व्यक्ति तनाव, निराशा व चिंता से मुक्त हो जाता है।
6. पवन मुक्तासन
पवन मुक्तासन से उदर के अंगों की मालिश होती है और उन्हें बल प्राप्त होता है। यह शरीर में जमा होने वाली वायु के निस्सरण में सहायक है और पाचन क्रिया को उद्दीप्त करता है।
आयुर्वेद (Ayurveda) – उत्तम स्वास्थ्य की कूंजी
योग के अभ्यास के साथ साथ अपनी जीवन चर्या में आयुर्वेद को अपनाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद हमारे शरीर की प्रकृति को संतुलित रखने के लिए उचित जीवन-चर्या निर्धारित करने में सहायक है। आयुर्वेद हमें रोगों के निवारण के उपाय बताने के साथ-साथ उनके उत्पन्न होने के मूल कारणों को इंगित करता है।
योग एक प्रभावी तकनीक है जो न केवल पाचन तंत्र के लिए उपयोगी है अपितु वह सम्पूर्ण शरीर को सुगठित गठन करता है। अगर आप किसी प्रकार का शारीरिक व्यायाम करते है तो उसमें आप योग आसनों का समावेश कर सकते हैं। किसी भी व्यायाम की तरह योग का असर नजर आने में भी समय लगता है। नियमित अभ्यास आपके पाचन तंत्र को सुदृढ़ कर आपके शारीरिक सौष्ठव को बढाता है तथा शरीर को लचीला पन प्रदान करता है।
अत: नित्य आधा घंटे का समय अपनी योग चटाई पर बिताइये, उपरोक्त योगासनों में स्वयं को स्थिर कर पेट अपने पाचनतंत्र को उसके उच्चतम स्तर पर पुनर्स्थापित कीजिये।
यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही हैl योगासनों का अभ्यास श्री श्री योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और श्री श्री योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करेंl श्री श्री योग कोर्स (Sri Sri Yoga Course) आपके नज़दीकी आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आप सीख सकते हैंl अगर आप विविध कोर्सों के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें info@artoflivingyoga.in