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  1. कृष्ण के "उपदेश" का और राम के "आदर्शों" का अनुकरण करो

    प्रश्न:  गुरुदेव प्रणाम। कृष्ण पांडव की तरफ थे। उनको मालूम था जहाँ मैं रहूँगा वहीं जीत है। फिर भी उनकी सेना उन्होंने कौरवों को दे दी। तो उस टाईम उनके राजधर्म की कोई अलग परिभाषा थी या कोई और वजह थी? उनको मालूम है मेरी सेना का ध्वंस होना तय है। फिर भी उन्हो ...
  2. होली का रहस्य: कैसे जन्मे कार्तिकेय

    दक्षिण भारत में यह कहावत है कि होली के दिन शिव जी आँख बंद कर के तपस्या में बैठे हुए थे। फिर जगत में आसुरी शक्ति बहुत बढ़ने लगी। एक ताराकासुर नाम का एक असुर था। वह सब को बहुत पीड़ा दे रहा था। उस को पता चल गया कि शिव जी तो अकेल बैठे हैं। अब शिव जी की संतान से ...
  3. दिवाली समय है ज्ञान का दीपक जलाने का, भीतर व बाहर उत्सव मनाने का

    दिवाली शब्द का अर्थ  संस्कृत से उत्पन्न दिवाली शब्द, का वस्तुतः अर्थ है पंक्तियाँ(आवली) प्रकाश (दीप) की। भारतीय पंचांग के अनुसार यह प्रकाश उत्सव  कार्तिक मास कि कालरात्रि(अमावस्या) को मनाया जाता है और यह अज्ञानता (अंधकार) पर ज्ञान (रौशनी) की विजय का प्रती ...
  4. रक्षा बंधन

        रक्षा बंधन की पूर्णमासी सिद्ध-महापुरुषों को, ऋषियों को समर्पित है। इसे रक्षा बंधन कहते हैं। बंधन का अर्थ है अधीनता और रक्षा का मतलब है सुरक्षा- जो बंधन तुम्हारी रक्षा करता है। ज्ञान के प्रति, गुरु के प्रति, सत्य के प्रति और आत्मा के प्रति तुम्हारा बंध ...