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सुदर्शन क्रिया के बारे में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी का भाष्य।
प्रकृति विभिन्न लय और चक्रों से परिपूर्ण है। दिन रात के बाद आता है, रात दिन के बाद आती है, मौसम आते हैं और चले जाते हैं। इसी तरह, हमारे शरीर, मन और भावनाओं में जैविक लय होती है। जब ये लय तालमेल में होते हैं, तो हम सद्भाव और कल्याण की भावना महसूस करते है ... -
सुदर्शन क्रिया के बारे में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी का भाष्य!! | Sri Sri Ravi Shankar on Sudarshan kriya
प्रकृति विभिन्न लय और आवर्तन (चक्र) से परिपूर्ण है। जैसे रात के बाद दिन आता है और दिन के बाद रात आती है। मौसम आते जाते रहते हैं। उसी तरह शरीर, मन और भावनाये की जैविक लय होती है। जब यह लय समकालिक होती है, तो आप सामंजस्यता और परिपूर्णता महसूस करते हैं। जब त ...