Archive
Search results
-
सुदर्शन क्रिया के बारे में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी का भाष्य।
प्रकृति विभिन्न लय और चक्रों से परिपूर्ण है। दिन रात के बाद आता है, रात दिन के बाद आती है, मौसम आते हैं और चले जाते हैं। इसी तरह, हमारे शरीर, मन और भावनाओं में जैविक लय होती है। जब ये लय तालमेल में होते हैं, तो हम सद्भाव और कल्याण की भावना महसूस करते है ...