21 January 2016 - QA 8

गुरुदेव, क्या लोगों के ऊपर पत्थर फेंककर उनकी हत्या करना वैध है? यदि कुछ लोग इस पर आपत्ति उठाते हैं तो इसे असहिष्णुता कहा जाता है| ये अंतर क्यों?

Sri Sri Ravi Shankar:

श्री श्री रविशंकर –

एक बात याद रखिये – जितने लोग हैं, उतने विचार हैं और उतनी ही मान्यताएं हैं| सब सही नहीं हैं, और न ही आप प्रत्येक व्यक्ति की धारणा को बदल सकते हैं| और लोगों को अपनी अज्ञानता प्रदर्शित करने का पूरा अधिकार है!

श्री मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले इस देश में कितना बड़ा तूफ़ान आ गया था! कितने सारे लोगों ने, यहाँ तक कि महान बुद्धिजीवियों ने भी यह कहा था कि यदि मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए तो वे देश छोड़कर चले जायेंगे| ये सभी धारणाएं और समझ अदूरदर्शी हैं| मैं चाहता हूँ कि हमारे बुद्धिजीवियों को थोड़ा सहज बोध (intuition) भी हो| उससे वे ज्यादा प्रसन्न रहेंगे और उनकी बातों में थोड़ी बुद्धि झलकेगी| हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों में यह सहज बोध विकसित होना चाहिए, सिर्फ बुद्धिजीवी बकबक नहीं! जहाँ सहज बोध होता है, वहां शब्दों में कुछ वजन होता है|

कुछ लोग प्रश्न कर रहे हैं कि गुरुदेव ने ऐसा क्यों कहा कि US डॉलर का रेट INR 40 हो जायेगा| ऐसा मैंने नहीं कहा था, ऐसा तो उस समय सारे बैंक कह रहे थे| सिटी बैंक ने ऐसी रिपोर्ट दी थी| मैंने कहा था, कि यदि एक वित्तीय विश्लेषक (Financial Analyst) ऐसा कह रहा है, तो यह देश के लिए अच्छा है| हाँ, अब ऐसी चीज़ें रातों-रात तो नहीं होती| लेकिन हम सही दिशा में जा रहे हैं, अभी तो देश को बहुत आगे जाना है| इस देश के बुद्धिजीवियों को राजनीति छोड़कर, आपस में मिलकर कुछ ठोस सुझाव देने चाहिए जिससे देश की स्थिति में सुधार आये|

आज हमें एक भ्रष्टाचार-मुक्त समाज चाहिए, हमें चाहिए कि हर क्षेत्र का विकास हो और समाज के पिछड़े हुए वर्गों को सहायता मिले| ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के हर हिस्से में होना चाहिए| हाँ, परिस्थिति पहले से काफी बेहतर है, लेकिन अभी और भी बहुत कुछ बाकी है|

आज सीरिया, ईजिप्ट और इराक़ में जो भी कुछ हो रहा है, वह सबके लिए चिंता का विषय है| हमें विश्व के इन भागों में और अधिक सहिष्णुता लाने की आवश्यकता है| वे सब लोग जो भारत देश में असहिष्णुता की बात कर रहे हैं, जो देश को छोड़कर जाना चाहते हैं, उन सबको ऐसे स्थानों में जाना चाहिए| वहां जाकर लोगों से बात करनी चाहिए और वहां सहिष्णुता सिखानी चाहिए! हम वहां उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था कर देंगे; इन लोगों को वहां जाकर शान्ति, एकता और सहिष्णुता का सन्देश देना चाहिए, जिसकी आज इतनी आवश्यकता है|

झगड़ा पैदा करना बहुत आसान है, उसमें बिलकुल समय नहीं लगता| बल्कि, सिर्फ अनजाने में कहे गए कुछ शब्द आपके स्थाई शत्रु बना सकते हैं| आपकी कोई मंशा भी नहीं है, लेकिन आपने कुछ बकबक कर दिया है, और आपके कई दुश्मन बन जायेंगे| लेकिन मित्र बनाना एक बिलकुल अलग बात है, और आपको मालूम है कि उसके लिए क्या करना है|