पानी हमारे अस्तित्व का केंद्र है ओर हमारे जीवन के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है । त्वरित विकास की लागत, जलवायु परिवर्तन और बढ़ती हुई पानी की मांग इन्हीं नदियों और पानी के विभिन्न स्त्रोतों दोबारा पूरा किया गया है और उसकी कीमत अदा की है । बहुत सी नदियाँ आज भारत के नक्शे से गायब ही हो गयी हैं । हमारा उद्देश्य इन्ही नदियों को पुनर्जीवित करना है औरयह प्रयास करना है कि वो निरंतर बह्ती रहें ।इस तरह हम पानी की कमी दूर कर सकेंगे और जलवायु परिवर्तन के लिय सकारात्मक प्रभाव ला सकेंगे । सकारात्मक प्रभाव वाली वैज्ञानिक कार्यप्रणाली और हमारे विशेषज्ञों की टीम इस कठिन कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं ।
हमारी कार्यप्रणाली : एक विशेष दृष्टिकोण
हमारा अनूठा दृष्टिकोण
प्रकृति एक बहुत अच्छी गुरु है । और जब हम इसे बहुत पास से निरीक्षण करते हैं तब हम प्रकृति से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसीलिये हमने प्रकृति की नकल करने का निर्णय लिया और इस निर्णय ने अच्छे परिणाम दिये ।हमने प्राकृतिक हाइड्रोलॉजिकल संतुलन को ईको रेस्टोरेशन सेल के रुप मे पुनर्जीवित किया है। ये ही सेल वास्तव मे उन 47 नदियों के लिये असली उत्प्रेरक बने, जिन्हे हम पुनर्जीवित कर रहे थे ।
वैज्ञानिक तरीके
जियोस्पेशल तकनीकें और रिमोट सेंसिंग
समावेशी दृष्टिकोण
किसानों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी हितधारकों को साथ लिया गया |
पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना
हम प्राकृतिक हाइड्रोलॉजिकल संतुलन को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं
प्रभाव

48
47 नदियों और पानी के स्त्रोतों को पुनर्जीवन

21,875+
रिचार्ज (पुनर्भरण) संरचनायें बनायी गयीं

7 लाख+
6186 से अधिक गाँवों की जनसंख्या को लाभ मिला
समाचार

पुरस्कार
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स
सबसे व्यापक नदी पुनरुद्धार कार्य के लिए
अंतर्राष्ट्रीय भू-स्थानिक उत्कृष्टता पुरस्कार
40 नदियों को पुनर्जीवित करने में उन्नत भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोग करने के लिए
समाजिक प्रेरणा
दानकर्ताओं
संपर्क करें
कर्नाटक मनरेगा परियोजनाओं के लिए - नागराज गंगोली - 9663085224
तमिलनाडु मनरेगा परियोजनाओं के लिए- चंद्रशेखर कुप्पन - 9566009453
अन्य सभी परियोजनाओं के लिए, संपर्क करें - भव्यता जेठवा - 7348976452 या रवींद्र देसाई - 9845224624