चुनौती

20 करोड़ भारतीयों को बिजली उपलब्ध नहीं है|
रणनीति

ग्रामीण भारत में, लाईट के स्वच्छ और सस्ते विकल्प सोलर लाईट का प्रबंध
प्रभाव

165,000+ से अधिक 720 गावों में 165,000 से अधिक लोगों को सोलर लाइट प्राप्त हुई|
अवलोकन
विश्व बैंक के आँकड़े बताते हैं कि भारत में लगभग 200 करोड़ लोगों के पास बिजली नहीं है। ये लोग किरोसीन तेल और अन्य ईंधनों की मदद से अपने घरों में रोशनी करते हैं। ये ईंधन के स्त्रोत स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। साथ ही पर्याप्त प्रकाश न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में बाधा आती है और रात्रि के समय चिकित्सा सम्बंधी इंतज़ाम भी मुश्किल हो जाते हैं।
रोशनी की इन समस्याओं को दूर कर गाँवों में बसे भारत को एक साफ़ और किफ़ायती समाधान पेश करने की कोशिश में हमारा यह ‘लाइट ए होम’ प्रोजेक्ट 2012 में तैयार किया गया। इस प्रोजेक्ट ने पूरे भारत में ऊँचे स्तर के किफ़ायती सौर ऊर्जा से जलने वाले सौर लालटेनों को, घर रौशन करने की व्यवस्थाओं और सौर कूकर को प्रदान करने का कार्य शुरू किया। इस पहल के साथ हमने दूर दराज के दुर्गम गाँवों जैसे अरुणाचल प्रदेश के आँजा ग्राम, जहाँ पैदल चलकर ही पहुँचा जा सकता है और असम के रिवर आइलैंड समूहों तक रौशनी पहुँचाई है। आज हमने दूरस्थ क्षेत्रों में 90,000 से भी ज़्यादा लोगों के घरों में सौर ऊर्जा संचालित रौशनी की सुविधा पहुँचाई है और उनमें कई लोगों को आजीविका का अवसर प्रदान किया है।
ग्रामीण विकास
ग्रामीण भारत का विकास करें
सोलर लाइट, स्वच्छता सुविधाएँ, मज़बूत स्थानीय सरकार और भी बहुत कुछ लायें|

“ लगभग 821 घरों में बी. आर. रेंज में कोई बिजली नहीं है और हमने उन तक रौशनी पहुँचाने का निश्चय किया । मैं सोलार बत्तियों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की आभारी हूँ। यह हमारे लिये एक चमत्कार जैसा ही है!”
- आइवी कू, आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक, ताइवान
नीतियाँ
योजना के अमल की नीतियाँ:
योजना के अमल की नीतियाँ: हमारी योजना के अमल की नीति में ये सारी बातें शामिल हैं। हम भारत के उन गावों में जहाँ बिजली नहीं है व्यक्तिगत घरों में प्रकाश हेतु सौर लालटेन का वितरण करते हैं । हम सोलर हब यानी सौर ऊर्जा केंद्रों की स्थापना भारत के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में करते हैं ताकि हर मील का अंतिम कोना उत्तम और किफ़ायती सौर लालटेनों से प्रकाशित रहे, हर घर में सौर प्रकाशन व्यवस्था हो, सौर कुकर और बैटरी चार्ज की व्यवस्था हो।
सोलार माइक्रोग्रिड की व्यवस्था: हम मैक्रोग्रिड का निर्माण करते हैं और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में उनका संचालन करते हैं साथ ही आदर्श ग्रिड रहित गावों का निर्माण करते हैं जिनमे सूर्य ऊर्जा से प्राप्त प्रकाश के उत्तम समाधान प्राप्य हैं। हमारी योजना के तहत हम हर घर की उपयोगिता के अनुसार माइक्रोग्रिड की ऐसी डिज़ाइन बनाकर अमल करते हैं जिसमें रोशनी और मोबाइल चार्जिंग की पूरी सुविधा रहे। इस डिज़ाइन में पहले से चले आ रहे सौर ग्रिड के मुक़ाबले प्रति ग्राहक 90 % कम क्षमता सौर ऊर्जा उत्पादन में लगती है।
नये ऊर्जा पुनरुत्पादन केंद्र, ग्रामीण इंजिनियर और स्वतंत्र रोज़गार: हम बेरोज़गार युवा को इन ग्रिड के कार्यान्वयन,रख-रखाव, संयोजन, मरम्मत, सोलर ऊर्जा के सिंचाई पंप, बायोगैस इकाई तथा घरों की सौर व्यवस्था जैसे सूर्य ऊर्जा के संसाधनों के पुनरूपयोग की इन सुविधाओं की स्थापना के लिये प्रशिक्षित करते हैं। आज कई ग्रामीण युवा हमारे कौशल विकास केंद्रों में प्रशिक्षित होकर स्वतंत्र रूप से अपने इलाक़ों में रोज़गार कर रहे हैं।
हमारे तीन चरण के तरीके:
अंतिम मील तक ऊर्जा दिलाने की पहल

दुर्गम क्षेत्रों में सोलार रौशनी पहुँचाने का प्रयास
सोलर मैकरोग्रिड की स्थापना

बेहतर दक्षता
सोलार इंजिनीरों का निर्माण

नए स्वतंत्र उद्योगपतियों का निर्माण

आर्ट ऑफ़ लिविंग ने, 'लाईट ए होम प्रोजेक्ट' द्वारा, भारत के सुदूर क्षेत्रों के 90,000 लोगों तक सोलर लाईट पहुँचाई है|
Impact
165,000 + से अधिक
लोगों को लाभ
720 गाँवों
को सौर विद्युत का लाभ
152 स्कूलों
में बिजली
310 स्त्रियों
को सौर बिजली व्यवस्था में प्रशिक्षण और स्वतंत्र रोज़गार
4,100 युवा नेताओं
को सौर ऊर्जा के पुनरूपयोग की विधियों का तकनीकी प्रशिक्षण
समाज के कुछ प्रेरणादायी क़िस्से
हमसे सम्पर्क करें
info@projects.artofliving.org+91 80 67433684






