इंडिया वेज रिपोर्ट 2018 के अन्तर्गत उपलब्ध नवीनतम डाटा के आधार पर भारत में कुल मिलाकर 62% नौमित्तिक एवम् दैनिक श्रमिक हैं। देशभर में कोविड 19 या कोरोना महामारी फैल जाने के कारण 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा से,ये दैनिक श्रमिक सबसे अधिक प्रभावित हुए।महामारी के कारण,कई दिनों तक भोजन पहुँचाने के अभियान में, विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद स्वयं सेवकों ने अपने क्षेत्रों में एकत्रित होकर भोजन एवम् राहत सामग्री पहुँचाना आरंभ कर दिया। यहाँ ज़मीनी कार्यवाही की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है,जो कई हफ्तों तक लगातार चली। आर्ट ऑफ लिविंग ने आई. ए. एच. वी (इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज ) और कई अन्य स्थानीय प्राधिकारी वर्ग के साथ मिलकर विशेषाधिकार से वंचित लोगों,प्रवासी और दैनिक श्रमिकों तक कई प्रकार से पहुँचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उत्तर • पश्चिम • दक्षिण • केंद्र • पूर्व • उत्तर पूर्व • अन्तर्राष्ट्रीय
उत्तरी राज्य
इस क्षेत्र के कई मुख्य राज्यों में दैनिक श्रमिक हैं।हमारे स्वयं सेवक इनके लिए पका हुआ भोजन,राशन और अन्य दैनिक आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
दिल्ली
दिल्ली एन सी आर में और इसके आसपास रहने वाले २.१३ लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों ,बस्तियों और गांवों में रहने वालों को २ अप्रैल को भोजन सामग्री वितरित की गई।आनंद विहार,पीतमपुरा और करोल बाग़ स्थित तीन रसोइयों में स्वयं सेवकों ने भोजन बनाया।भोजन का वितरण दिल्ली पुलिस , एन डी आर एफ और कई अन्य गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से किया गया।
देश की राजधानी ने यह देखा कि आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयं सेवक जरूरतमंदों की मदद करने के इस अभियान में एक साथ आए।अब तक स्वयं सेवकों की टीम,दिल्ली की गलियों में हज़ारों प्रवासी श्रमिकों और अन्य वंचित लोगों को आवश्यक सामग्री पहुंचा चुकी है।पूरी टीम ने ३० मार्च को एन डी एम एस कार्यकर्ताओं के सहयोग से आवश्यक राशन और दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुओं के ३००० भोजन पैकेट वितरित किए।इसके अलावा १५,००० से अधिक लोगों को पका हुए भोजन वितरित किया गया।मदद पाकर लाभार्थियों ने टीम का धन्यवाद किया।लोग यह समझ ही नहीं पा रहे थे कि भविष्य में लॉक डाउन में वे किस प्रकार से जीवनयापन कर पाएंगे?
२८ मार्च को,दिल्ली में दैनिक और प्रवासी मजदूरों को ७००० बिस्किट के पैकेट और ७००० केले वितरित किए गए।
पश्चिमी राज्य
इस क्षेत्र के मुख्य राज्यों में बहुत सारे दैनिक श्रमिक हैं।हमारे स्वयं सेवक उनके लिए पका हुआ भोजन,राशन और दैनिक प्रयोग की अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
गोवा
१५० भोजन के पैकेट
जरूरतमंदों को वितरित किए गए,जिसमें हफ्ते भर का राशन और सब्जियां थीं।
दक्षिणी राज्य
इस क्षेत्र के मुख्य राज्यों में कई दैनिक श्रमिक हैं।हमारे स्वयं सेवक उनके लिए पका हुआ भोजन,राशन और दैनिक प्रयोग में आने वाली अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
कर्नाटक
५००० पैकेट
आर्ट ऑफ लिविंग अन्तर्राष्ट्रीय केंद्र के कैंपस में प्रतिदिन २००० रोटियां,७०० किलो चावल के ५००० पैकेट बनाए गए,जिनका वितरण केंद्र के आसपास के गांवों में किया गया।कुछ दिनों में तो ,४००० रोटियां और १४,०० किलो से भी अधिक पका हुआ भोजन,दाल और सब्जी के साथ वितरित किया गया।
~ ५० भोजन के पैकेट
कलाबुरघी में राहत कार्यों के पहले चरण के अन्तर्गत भोजन के ५० पैकेट वितरित किए गए।ये किट एक बस्ती में ५० परिवारों को वितरित किए गए।
~ १००० सैनिटाइजर
बैंगलोर में १००० सैनिटाइजर भी वितरित किए गए।
५००० प्रवासी परिवारों
,जिन्हें शहर छोड़ने से रोका जा रहा था,को बैंगलोर में १० दिनों में १२ टन राशन वितरित किया गया।
केंद्रीय राज्य
इस क्षेत्र के कई राज्यों में बहुत सारे दैनिक श्रमिक हैं।हमारे स्वयं सेवक उनके लिए पका हुआ भोजन,राशन और दैनिक प्रयोग की अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
मध्यप्रदेश
इंदौर
यहां पर राहत कार्यों की शुरुआत प्रतिदिन ५०० दैनिक मजदूरों के लिए भोजन बनाकर की गई,लेकिन अब प्रतिदिन ३००० दैनिक मजदूरों के लिए भोजन बनाया जा रहा है।इंदौर में भोजन का वितरण इंदौर मुंसिपिल कॉर्पोरेशन के अफसरों की मदद से किया गया।
छिन्दवाड़ा
२००० किलो सब्जी
,जैसे पत्तागोभी,टमाटर और बैंगन का वितरण किया गया।
राजवाड़ा
६०० पैकेट
यहां पर स्थानीय प्रशासन की मदद से वरिष्ठ नागरिकों और जरूरतमंदों को ६०० पैकटों का वितरण किया गया।
पूर्वी राज्य
इस क्षेत्र के कई राज्यों में बहुत सारे दैनिक श्रमिक हैं।हमारे स्वयं सेवक उनके लिए पका हुए भोजन,राशन और दैनिक प्रयोग की अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
झारखंड
झांसी
३० भोजन के पैकेट
राजगढ़ क्षेत्र की बस्तियों में भोजन के ३० पैकेट बांटे गए।
धनबाद
४०० परिवार
अंबोना,प्रधानखांटा, पंडेडीह, ढोकरा,माझी बस्ती, बेलगाडिया,रानी रोड, भूडा कॉलोनी और कुष्ठ आश्रम बर्मासिया में भोजन एवम् आवश्यक सामग्री का वितरण किया गया।
उत्तर पूर्वी राज्य
इस क्षेत्र के कई राज्यों में बहुत सारे दैनिक श्रमिक हैं।हमारे स्वयं सेवक उनके लिए पका हुआ भोजन,राशन और दैनिक प्रयोग की अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
असम
भारत के उत्तर पूर्व प्रदेश के स्वयं सेवक जरूरतमंदों की मदद के लिए एकसाथ आगे आए।स्वयं सेवकों की पूरी टीम ने डिफू आश्रम के आसपास रहने वाले १६० परिवारों की मदद की। बाद में पूरी टीम ने कोरोना महामारी के समय में देश और इसके नागरिकों की सेवा करने के लिए सक्षम होने हेतु कृतज्ञता अभिव्यक्त की।और जब भी प्रदेश में आवश्यकता पड़ेगी,तब यह टीम अधिक से अधिक सेवा करने के लिए तत्पर रहेगी।अभी यह टीम असम के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत है।टीम ने ४० परिवारों को ४० राहत सामग्री के पैकेट वितरित किए।
अन्तर्राष्ट्रीय
इस क्षेत्र के कई राज्यों में बहुत सारे दैनिक श्रमिक हैं।हमारे स्वयं सेवक उनके लिए पका हुआ भोजन,राशन और दैनिक प्रयोग की अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं।
नेपाल
४००० भोजन के पैकेट
काठमांडू के विभिन्न स्थानों पर जरूरतमंद परिवारों को भोजन के ४००० पैकेट वितरित किए गए।
२०,००० किलो चावल
नारायणतर,कपान, नाखिपोट और गोदावरी में स्थानीय प्रशासन की मदद से ६००० किलो दाल,८००० किलो पोहा,४००० लीटर भोजन पकाने का तेल,४००० किलो नमक और ४०,००० पैकेट्स नूडल्स के वितरित किए गए।
५०० परिवार
अप्रैल के पहले हफ्ते में भक्तपुर की सूर्य विनायक मुंसिपल्टी में ५०० परिवारों को भोजन बनाने की सामग्री वितरित की गई।