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‘मुस्कुराइए आप धरती पर हैं’
हमारे शरीर में नकारात्मक भावनाओं के स्थान पर परमानन्द और शांति की तरंगों को लंबे समय तक बनाए रखने की क्षमता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सकारात्मकता हमारे अस्तित्व के केंद्र में है। जिस प्रकार से अणु की संरचना में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन केंद्र में रहते हैं और ... -
ध्यान' मेरे लिए नहीं है।
प्रश्न: गुरुदेव, ध्यान करते समय मेरे मन में बहुत सारे विचार आते हे, मुझे ध्यान लगाने मे काफ़ी मुश्किल होती है। श्रीश्री: देखिये, मन भटकता नहीं है, मन हमेशा “ और...कुछ और ” की चाह में रहता है। कुछ और पाने की चाह ही हमें हमारे “स्व” के सर्वोच्च पद पर आसी ...