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  1. आयुर्वेद की दृष्टि से दैनिक जल सेवन

    पानी, सोम का प्रतिनिधित्व है, पौष्टिक, शीतलन गुण जो चंद्रमा की ऊर्जा से जुड़ा है। यह पाचन में मदद करता है, पित्त दोष को शीतल एवं संतुलित करता है, कफ प्रकृति का सहयोग करता है, और वात की शुष्कता का प्रतिकार करता है। यह पोषण करता है, शरीर में चिकनाई देता है ...
  2. गले की खराश के लिए 7 घरेलू नुस्खे

    क्या आपके गले में गांठ है जिससे आपको निगलने में कठिनाई हो रही है? शायद आप अपने गले में दर्द, कोमलता, स्वर बैठना, सूखापन या खोखलापन महसूस कर रहे हैं? यदि हां, तो आप शायद गले में खराश की शुरुआत का अनुभव कर रहे हैं। गले की खराश के कारण  गले में खराश के कारण ...
  3. असंतुलित पित्त को संतुलित करने की 5 सरल व्यंजन विधियां

    हमारा जन्म एक अनूठी शारीरिक संरचना के साथ हुआ है। आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर 5 तत्वों तथा 3 दोषों (जैव गतिकीय  अथवा बायोडायनेमिक शक्तियां) वात, पित्त और कफ से मिलकर बना है। जब यह तीनों दोष संतुलित अवस्था में होते हैं, तब हमारे शारीरिक और मानसिक लक्षण भ ...