विश्व शान्ति दिवस: अहिंसा, मैत्री व सहयोग

"किसी भी दीर्घकालीन संघर्ष में अधिकांशतः पीड़ित व्यक्ति परिवर्तित हो कर उत्पीड़क बन जाता है और उत्पीड़क पीड़ित हो जाता है। एक व्यापक व आध्यात्मिक दृष्टिकोण ही इस दुष्चक्र को भेद सकता है" - गुरुदेव श्री श्री रविशंकर

श्री श्री को उनकी मध्यस्थता-निरपेक्ष व उदार छवि के लिए जाना जाता है तथा इसी लिए समस्त सम्बंधित पक्षों का उन पर विश्वास व स्वीकार्यता रहती है। उनकी पद्धति सदैव से ही व्यष्टि व समष्टि, दोनों पर ही समुचित ध्यान देने की रही है। उनकी संस्था आध्यात्मिक व पदार्थिक, दोनों ही प्रकार के सशक्तिकरण में संलग्न है। तनाव मुक्ति तथा मन, भावनाओं व मानव देह का प्रबंधन, इन सब कार्यक्रमों के समानांतर सेवा प्रकल्प जैसे ग्राम विकास कार्यक्रम, नदी पुनर्जीवन परियोजनाएं, युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम, कौशल विकास आदि अनेक प्रकल्प तीव्र गति से चल रहे हैं।

कश्मीर घाटी में चल रहे शांति विकास कार्य में श्री श्री ने कश्मीरियों का अभिवादन किया


सीरिया युद्ध में करीब ५४ लाख लोग विस्थापित हुए हैं तथा ४ लाख से अधिक लोग मारे गए हैं, जिस कारण एक अत्यधिक भयावह शरणार्थी संकट आ खड़ा हुआ है। कोलम्बियाई संघर्ष में ढाई लाख लोगों का प्राणांत हो चूका है व सत्तर लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। अपने देश भारत में आतंकवाद व उग्रवाद के कारण क़ानून व्यवस्था प्रभावित होती ही रहती है। इसलिए इस विश्व शान्ति दिवस पर यह आवश्यक हो जाता है कि अब ध्यान उस पद्धति पर लाया जाए जिसके पास हिंसा को समाप्त करने की कुंजी है और वह पद्धति आध्यात्मिक तरीका ही है जिसके द्वारा पूर्व में भी निश्चित रूप से द्वंद्व निस्तारण में सहायता मिली है।


श्री श्री थे फ़ार्क के नेताओं के साथ एक प्रेस सम्मेलन में जहां पे फ़ार्क ने ये घोषित किया के वह महात्मा गांधीजी के अहिंसा सिद्धांत को ग्रहण करने का विचार करेंगे।

ऐतिहासिक संवाददाता सम्मेलन में फार्क (बागी गुरिल्ला संगठन) के नेताओं ने कहा, "गुरुदेव व आर्ट ऑफ़ लिविंग के संपर्क में आना वास्तव में एक चमत्कार था। हम गुरुदेव से किये गए अपने वायदे कि हम अहिंसात्मक गांधीवादी सिद्धांतों पर चलेंगे, का पालन करेंगे। शान्ति व संधि हेतु गुरुदेव तथा आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा की गयी सहायता के लिए हम अत्यधिक कृतज्ञ हैं। ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था।

" इस घोषणा के पश्चात अब तक कोई सीज़फायर उल्लंघन नहीं हुआ है।


गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर को मिला कोलंबिया का सरवुच्च असैनिक पुरस्कार – “ओरदेन द ला डेमोक्रासिया साइमोन बोलिवार” जून २०१५.

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने कोलंबिया सरकार व फार्क (गुरिल्ला आंदोलन) के मध्य ५३ वर्ष पुराने इस युद्ध को समाप्त करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यर सशस्त्र संघर्ष जिसमें दो लाख लोग मारे जा चुके हैं, फार्क व लंबिया सरकार के मध्य शांति संधि से समाप्त हुआ। २६ सितंबर २०१६ को इस संधि पर गुरुदेव की उपस्थिति में दोनों पक्षों ने सहमति दी।


इराक़ी प्रधानमंत्री नौरी अल-मलिकी गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के साथ चर्चा करते हुए

श्री श्री से मिलने के पश्चात नूरी अल मलिकी, भूतपूर्व इराक़ी प्रधानमन्त्री ने कहा, "बहुत सारी बड़ी शक्तियां हैं जिनके पास बल है परन्तु वे लोगों के हृदय व मन जोड़ने में सफल नहीं हुई हैं ये कार्य केवल एक आध्यात्मिक नेता द्वारा ही हो सकता है।"


गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर इराक़ में राहत शिविरों में ठहरे लोगों से मिलते हुए

अपनी सहोदर संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज़ के सहयोग से आर्ट ऑफ़ लिविंग ५०००० से अधिक इराक़ी नागरिकों को अपने 'ट्रॉमा रिलीफ कार्यक्रम', समग्र चिकित्सा, महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम, कौशल विकास व अन्य मदद द्वारा लाभान्वित कर चुका है।


श्री श्री ने वैज्ञानिक रूप से श्वास तकनीक, ध्यान, परामर्श, व्यावहारिक ज्ञान और योग को एक व्यापक कार्यक्रम में बुना है जो व्यक्तियों को जीवन की कठिन चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। मध्य पूर्व में आर्ट ऑफ लिविंग ट्रेनर मावाहिब अल शाबानी के मुताबिक, "जो तकनीक हम सिखाते हैं वे सार्वभौमिक हैं। इनमें श्वांस का उपयोग होता है जिसका किसी धर्म से सम्बन्ध नहीं है"।


सीरिया और जॉर्डन की सीमा पर युद्ध से प्रभावित बच्चों के लिए शांति शिविर आयोजित किए गए

आर्ट ऑफ़ लिविंग तथा इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज़, सीरियाई शरणार्थियों व जॉर्डन, लेबनान, इराक़ के युद्ध प्रभावित लोगों के लिए कार्य कर रहे हैं जिससे वे इस दीर्घकालीन संघर्ष के मानसिक आघात से बाहर आ सकें।


लेबनान में युद्ध से प्रभावित बच्चों के लिए अहिंसा का महत्त्व और सशक्तिकरण शिविर आयोजित किए गए

आर्ट ऑफ़ लिविंग के कार्यक्रम द्वारा बच्चों को आत्मघाती प्रवृत्ति व युद्ध के आघात से उबरने में सहायता मिल रही है। उनको सशस्त्र संघटनों द्वारा हिंसात्मक प्रवृत्तियों से बचाने हेतु भी संस्था कार्यरत है।


पैग़ाम ए मोहब्बत

आपसी अविश्वास को मिटाने, दिलों को जोड़ने व लोगों में पुनः मैत्री स्थापित करने हेतु एक विलक्षण व नवीन प्रयास करते हुए आर्ट ऑफ़ लिविंग ने १० नवंबर २०१७ को बैंगलोर में 'पैगाम ए मुहब्बत' नामक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें मारे गए आतंकवादियों के परिजन, कश्मीर के सभी हिस्सों से गोलीबारी से मारे गए लोगों के परिजन व घाटी में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों के परिवार सम्मिलित हुए।

मानवीय मूल्यों के विकास व पुनरोत्थान हेतु किये जा रहे गुरुदेव के प्रयासों में हम उनके साथ हैं। हम उनके मार्ग पर चलेंगे व राजनीति को दरकिनार कर उनके सभी उपक्रमों को सम्पूर्ण सहयोग देंगे।
                                                                    --- ज़फर अकबर भट, अध्यक्ष, जम्मू एंड कश्मीर साल्वेशन मूवमेंट

मैं एक आतंकवादी संगठन का नायक था। हर समय मेरे पास बन्दूक रहती थी। चिंताओं व अपराध बोध से ग्रस्त रहने के कारण मैं स्वयं को सोने में भी असमर्थ पाता था तथा नींद की गोलियों का सहारा लेता था। आर्ट ऑफ़ लिविंग के कार्यक्रम को करने के बाद मुझे अपने कार्यों की व्यर्थता समझ आयी और मैंने हिंसा का मार्ग त्याग दिया। मेरा जीवन ही परिवर्तित हो गया।
                                                                                                                   --- मंसूर अहमद, पूर्व आतंकवादी


श्री श्री द्वारा प्रेरित ऐतिहासिक कश्मीरी नागरिक आंदोलन

कश्मीर में एक अभूतपूर्व आम नागरिक शान्ति आंदोलन प्रारम्भ हुआ है। समाज के सभी तबकों से लोग आतंकवाद, भ्रष्टाचार व नशे के विरुद्ध आगे आ रहे हैं। "हिंसा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त व नशा मुक्त कश्मीर", यह नवीन नारा उठ रहा है। यह अद्वितीय आंदोलन आर्ट ऑफ़ लिविंग के ऐतिहासिक कार्यक्रम 'पैगाम-ए-मुहब्बत' के बाद शुरू हुआ है। पिछले दो दशक से श्री श्री कश्मीर घाटी में शान्ति स्थापना व आपसी विश्वास के निर्माण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों से सम्बद्ध हैं।


दशकों से, दुर्गम क्षेत्रों में तनाव-राहत और कौशल निर्माण प्रदान करने के कार्य करते हुए ,मणिपुर, असम, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड में श्री श्री ने सरकार और विभिन्न अलगाववादी समूहों के बीच विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए कड़ी मेहनत से काम किया है.

231 उल्फ़ा उग्रवादी आर्ट ऑफ़ लिविंग आश्रम में

2013 में बैंगलोर में ,700 पूर्व गुरिल्ला सेनानियों के एक विविध समूह को एक महीने का पुनर्वास प्रशिक्षण दिया गया था जिसमे 231 प्रशिक्षु उल्फा से संबंधित थे। कुछ ने खेती शुरू की है व् दूसरों ने चंदन का सहकारी व्यवसाय शुरू कर दिया है, और कुछ आज आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक हैं।

68 उग्रवादियों ने मणिपुर में समर्पण किया

14 अगस्त 2107 को, मणिपुर के 68 सशस्त्र आतंकवादियों ने हिंसा का मार्ग छोड़ दिया, जिनको अब AOL पुनर्वास में मदद कर रहा है।

चाहे समूचे प्रदेश बंद के दौरान 12,000 कश्मीरियों की शांतिपूर्ण सभा को सम्बोधित करना हो या फिर नागरिक समाज जो भय में जी रहा था, को एक साथ लाना हो, या फिर सात उत्तरपूर्वी प्रदेशों के ६७ मुख्य अलगाववादी संगठनों को साथ लाकर गुवाहाटी समझौते द्वारा विकास व मैत्री का नया अध्याय प्रारम्भ करना हो, या फिर कोलंबिया के नागरिक संघर्ष में फार्क के बागियों को गांधीवादी विचारधारा अपनाने के लिए तैयार करना हो (जिसके लिए उन्हें कोलंबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया), श्री श्री रविशंकर आपसी वार्तालाप के लिए द्वार खोल रहे हैं।