आर्ट ऑफ लिविंग के बृहद कार्यक्रम विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के प्रभाव पर विस्तृत शोध हुआ।विभिन्न सरकारी विभागों(पर्यटन विभाग, आर्थिक मामलों का विशेष विभाग)में उपलब्ध निर्दिष्ट सामग्री पर आधारित अध्ययन से इस कार्यक्रम का प्रभाव ज्ञात होता है।इस से पता चलता है कि-
- विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान मात्र अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन से ही 4 करोड़ 20 लाख डॉलर की आय हुई।
- दिल्ली की 21% विदेशी आय मार्च में WCF के दौरान हुई।
- मार्च में प्रति 6 में से 1 पर्यटक दिल्ली में WCF में भाग लेने के लिए आया।
- कर्नाटक से प्रति 8 में से 1 पर्यटक मार्च में WCF में भाग लेने के लिए आया।
- मार्च में विदेशी आय में 9.8% वृद्धि हुई, जो वर्ष की उच्चतम है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन की उच्चतम वृद्धि 12% वर्ष के मार्च के मास में ही हुई।
- 32 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, मंत्री, राजदूत आदि प्रमुख राजनयिक WCF में उपस्थित हुए।
- विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में GA(75%), G20(35%), BRICS(50%), UN(18%), IORA(29%), ACD(50%) और SAARC(75%)की उपस्थिति रही।
- विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में हिन्दू, बौद्ध, यहूदी, ईसाई, मुस्लिम, जैन, मूल अमेरिकी आदि धार्मिक व आध्यात्मिक नेता व संत समागम में सम्मिलित हुए।
कार्यकारी सारांश
2016 भारत के लिए बहुत सी नई घटनाओं का वर्ष रहा। भारत को पठानकोट के आतंकी हमले, भारत-पाक सीमा पर निरंतर तनाव व आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा।इस प्रकार की उथल पुथल में आर्ट ऑफ लिविंग ने एक अनूठे ढंग के कार्यक्रम 'विश्व सांस्कृतिक महोत्सव' का दिल्ली में आयोजन किया।
आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा आयोजित विश्व सांस्कृतिक महोत्सव ने 155 देशों से कलाकारों को एक मंच पर एकत्रित कर न केवन महान सांस्कृतिक प्रभाव डाला बल्कि अगोचर प्रभाव भी सम्पूर्ण विश्व पर पड़ा। इस रिपोर्ट में बृहद व आंतरिक दोनों तरह का शोध किया गया है। विभिन्न सरकारी विभागों( पर्यटन विभाग, आर्थिक मामलों के विभाग) द्वारा उपलब्ध निर्दिष्ट सामग्री का विवेचन इस कार्यक्रम के प्रभाव को समझने के लिए किया गया।
सभी संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाने और विविधता में एकता का उत्सव मनाने के उद्देश्य से यमुना नदी के किनारे 155 देशों से 35 लाख लोगों की उपस्थिति इस भव्य सांस्कृतिक महोत्सव में हुई।
अध्ययन
संस्कृति के पुनरुत्थान और लोगों को अध्यातम से जोड़ने पर भी डाला। इस रिपोर्ट में महोत्सव के संपूर्ण होने के बाद के प्रभाव को भी प्रभाव का भी विवेचन किया गया। प्राथमिक व गहन किया गया कि आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्र में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के सफलता पूर्ण आयोजन का कितना गहरा प्रभाव पड़ा।
कुछ धारणाएं
- अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में दिल्ली में कर्नाटक का लगभग वही स्तर जो 2015 में था 10.2% दिल्ली का व 2.7% कर्नाटक का।
- विदेशी पर्यटकों व्यय की प्रवृत्ति यहां पिछले वर्ष 5 वर्षों की उपलब्ध निर्दिष्ट सामग्री पर आधारित है जिसके अनुसार औसतन एक विदेशी पर्यटक अपने देश की मुद्रा 140800 भारतीय रूपए में यहां आकर खर्च करता है।
आर्थिक प्रभाव
जब विश्व संस्कृति महोत्सव के भव्य स्तर के कार्यक्रम कहीं आयोजित होते हैं तो उस राज्य की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है WCF के आर्थिक क्षेत्र में प्रभाव को इस तरह से देखा जा सकता है।
- विदेशी पर्यटकों का आगमन।
- विदेशी मुद्रा।
पर्यटन
विदेशी मुद्रा
लाख लोग आए अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन आयोग का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव विदेशी मुद्रा अर्जन की दृष्टि से देखा जा सकता है। सरकारी निर्दिष्ट सामग्री के आधार पर पता चलता है कि मार्च 2016 के मांस में भारत के विभिन्न शहरों में 8.17 लोग आए। पर्यटन विभाग द्वारा विदेशी मुद्रा अर्जन पर उपलब्ध निर्दिष्ट सामग्री नीचे दर्शाई गई है:-
राजनयिक प्रभाव
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में 32 देशों से राजनयिक आए। जिन्होंने महोत्सव के दौरान मंच से या Global Leadership forum के मंच से लोगों को संबोधित किया इस तरह से अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर ही नहीं WCF से राजनयिक प्रभाव भी पड़ा।