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  1. मर्म चिकित्सा: शरीर के 107 मूल बिदुओं में छिपा है अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य

    मर्म चिकित्सा क्या है? मर्म चिकित्सा आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण अंग है जो की शरीर की बाधित ऊर्जा केन्द्रों की सफाई कर शरीर के स्वास्थ्य को बनाये रखता है। मर्म शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘मृण मणआय’ से हुई है। संस्कृत के वाक्यांश ‘मृणआयते अस्मिन इति मर्म’ ...
  2. कफ असंतुलन- आयुर्वेद के साथ शरीर को संभालें और स्वस्थ रहें

    'कफ' जड़ शब्द 'स्लिश' में से आता है जिसका अर्थ है बांधना या एक साथ रखना। इसमें पृथ्वी और जल के तत्व शामिल हैं और, यह शरीर की कोशिकाओं को एक साथ रखने के लिए गोंद प्रदान करता है। अष्टांग हृदयँ सूत्रस्थान में कफ का इस प्रकार वर्णन किया गय ...
  3. आयुर्वेद द्वारा बढ़ती उम्र के लक्षणों को नियंत्रित करें

    बढ़ती उम्र के साथ बालों का सफ़ेद होना, जल्दी थकान हो जाना, और चेहरे पर झुर्रियां आ जाना प्रकृतिक है। हर व्यक्ति बढ़ती उम्र के साथ तंदुरुस्त रहना पसंद करता है ताकि वह एक आनंदमई जीवन जी सके और ऐसा मुमकिन है, यदि आप अपने जीवन में दो चीज़ों को जोड़ ले- योग व आयुर् ...
  4. अभ्यंग- आयुर्वेदिक मालिश | Abhyanga- Ayurvedic Massage

    अभ्यंग (मालिश) शरीर और मन की ऊर्जा का संतुलन बनाता है, शरीर का तापमान नियंत्रित करता है और शरीर में रक्त प्रवाह और दूसरे द्रवों के प्रवाह में सुधार करता है, इस प्रकार प्रतिदिन अभ्यंग करने से हमारा स्वास्थ्य बना रहेता है। प्रत्येक मनुष्य को नियमित अभ्यंग आ ...