पाचन क्रिया सुधरने के लिए ६ आसान से योगासन

20th of अप्रैल 2015

भोजन पचाना उन लोगो के लिए बहुत बड़ी समस्या है जो प्रतिदिन ९ घंटे डेस्क पर बैठ कर काम करते हैं। अपच से असहजता का अनुभव होता हैं। अम्लता की समस्या आजकल के आधुनिक समय में सामान्य हो गयी हैं। दुर्भाग्य से मेज पर खाना खाने का विपरीत असर दिन भर रहता हैं। योग इसके लिये साधारण और प्राकृतिक इलाज हैं।

बंगलुरु में स्थित आर्ट ऑफ़ लिविंग इंटरनेशनल सेण्टर ( जिसे गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने १९८१ में स्थापित किया था) में जीवन को प्राकृतिक तरीके से जीने की अनेक विधियां सिखाई जाती हैं। निम्नलिखित ६ योगासन पेट की समस्यायों से राहत पाने का बहुत अच्छा उपाय है।

Pavanamuktasana in Hindi
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पवनमुक्तासन

यह आसन पेट से गैस निकलने के लिए सर्वोत्तम हैं। यह आसन आपकी आंतो को आराम देता हैं और पेट के अंगों को शक्ति प्रदान करता हैं। साँस छोड़े। साँस लेते समय अपने पैरों को उपर उठाकर भूमि से 90 डिग्री का कोण बनाये। घुटनो को मोड़कर जंघाओं को पेट की ओर दबाये। पैरो को हाथ से पकड़े रहे। अपनी ठुड्डी को घुटनो के बीच रखे।

 

Trikonasana
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त्रिकोणासन

इसे त्रिभुज पोज़ भी कहते हैं। यह पाचन तंत्र को सुधारता हैं और पेट के अंगो की कार्यकी सुधारता हैं। यह पेट को सामान्य रखता हैं। वसा कम करता हैं।

 

Utkatasana (Chair Pose)
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उष्ट्रासन

इसे कैमल पोज़ भी कहते हैं। यह पेट के अंगो को सशक्त बनाता हैं। इसके अतिरिक्त पीठ दर्द और मासिक धर्म की तकलीफों से राहत देता हैं।

 

Paschimottasana (Seated Forward Bend)
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पशिमोतआसन

यह आसान आपके कंधो के साथ साथ पेट और कमर के अंगों को शक्ति प्रदान करता हैं। अपने पैरो को सीधा फैलाइये। अंगूठो को अपनी ओर खीचे। श्वास लेते हुए हाथ ऊपर की ओर फैलाये। श्वास छोड़ते हुए कमर को आगे की ओर इस प्रकार झुकाये की ठुड्डी अंगूठे को छुए। कमर सीधी रखे। हाथ पैरो पर रखे। ध्यान आगे की ओर झुकने पर लगाये।

 

Bhujangasana in Hindi
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भुजंगासन

यह आसान थकन दूर करने के लिए बहुत उत्तम है। इसे कोबरा पोज़ भी कहते हैं क्यूंकि यह आसान उस नाग की तरह हैं जो अपना फन उठाकर बैठा हैं। यह कंधे और गर्दन की जकड़न को दूर करता हैं और पेट को संतुलित करता हैं। यह उन लोगो के लिए उपयोगी हैं, जिन्हें श्वास की समस्या हैं। इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल इस प्रकार लेट जाइये आपका माथा, पेट, पंजे अंगूठे सहित जमीन को स्पर्श करे। हथेली नीचे की ओर रहे। श्वास लेते हुए शारीर के ऊपरी भाग को इस प्रकार उठाये हथेली जमीन को स्पर्श करे। श्वास छोड़ते हुए वापस भूमि पर आ जाये।

 

Kapal bhati Pranayama in Hindi
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कपाल भाती प्राणायाम

यह आसन न केवल आपकी परिसंचरण तंत्र को सुधरता है बल्कि पाचन क्रिया को भी सक्रिय बनाता है। यह पोशाक तत्वों के अवशोषण एवं शवांगीकरण को संतुलित करता हैं और शारीर के भार में कमी लाता हैं। श्री श्री योग शिक्षक डॉ सेजल शाह के अनुसार, “शरीर के 80 प्रतिशत हानिकारक पदार्थ शारीर से श्वास द्वारा बहार निकलते हैं। कपालभाति का नियमित अभ्यास आपके शरीर के संपूर्ण तंत्र को हानिकारक तत्वों से मुक्त करता हैं। “

Courtesy: The Huffington Post

 

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