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प्रेम और लड़ाई: प्रेम बढ़ाने के लिए लड़ना ज़रूरी है?
प्रश्न: कई बार लड़ कर भी लोग ज़्यादा पास आ जाते हैं । क्या लड़ने से भी प्रेम बढ़ता है? यदि हाँ, तो कितना लड़ना चाहिए? और क्या यह तरीक़ा गुरु के पास भी ले के जा सकता है? विवाद के साथ यदि ज्ञान की उपस्थिति हो तो फिर आनंद है भई लड़ने का कोई थर्मामीटर तो ह ... -
सत्संग क्यों आवश्यक है?
हमारा जीवन कैसा है? पानी जैसा। जिसमें डालोगे वैसा हो जाता है। सत्संग में डालते हो, तो सत्संग में, उस ऊर्जा में, तुम वैसे हो जाते हो। जिस संगत में होते हो, वैसे तुम्हारी जीवन धारा बहने लगती है। जहाँ पर भी मन डालते हैं, वो उस रूप को ले लेता है। इसलिए भी सत ... -
होली का रहस्य: कैसे जन्मे कार्तिकेय
दक्षिण भारत में यह कहावत है कि होली के दिन शिव जी आँख बंद कर के तपस्या में बैठे हुए थे। फिर जगत में आसुरी शक्ति बहुत बढ़ने लगी। एक ताराकासुर नाम का एक असुर था। वह सब को बहुत पीड़ा दे रहा था। उस को पता चल गया कि शिव जी तो अकेल बैठे हैं। अब शिव जी की संतान से ... -
दिवाली समय है ज्ञान का दीपक जलाने का, भीतर व बाहर उत्सव मनाने का
दिवाली शब्द का अर्थ संस्कृत से उत्पन्न दिवाली शब्द, का वस्तुतः अर्थ है पंक्तियाँ(आवली) प्रकाश (दीप) की। भारतीय पंचांग के अनुसार यह प्रकाश उत्सव कार्तिक मास कि कालरात्रि(अमावस्या) को मनाया जाता है और यह अज्ञानता (अंधकार) पर ज्ञान (रौशनी) की विजय का प्रती ... -
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन की पूर्णमासी सिद्ध-महापुरुषों को, ऋषियों को समर्पित है। इसे रक्षा बंधन कहते हैं। बंधन का अर्थ है अधीनता और रक्षा का मतलब है सुरक्षा- जो बंधन तुम्हारी रक्षा करता है। ज्ञान के प्रति, गुरु के प्रति, सत्य के प्रति और आत्मा के प्रति तुम्हारा बंध ... -
श्री आदि शंकराचार्य | About Sri Adi Shankaracharya in Hindi
आदि शंकराचार्य जी का जन्म एक गरीब मलयाली ब्राह्मण परिवार में सन 788 ई में, केरल के आधुनिक एर्नाकुल्लम ज़िले में कलादी नामक एक गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम शिवगुरु था जो कि शास्त्रों में प्रवीण थे और माता का नाम आर्यम्बा था। शिवगुरु और आर्यम्बा के विवा ... -
अध्यात्म और विज्ञान | Science and Spirituality
जब आप संसार की किसी वस्तु को जानने की जिज्ञासा में यह प्रश्न करते हैं कि "यह क्या है?" तो दरअसल किसी चीज़ को इस दृष्टिकोण से जानने की उत्सुकता रखना आपको विज्ञान की ओर अग्रसर करता है। और यदि आप ये प्रश्न करते हैं कि "मैं कौन हूँ?" तो यह ... -
गुरु पूर्णिमा
"मनुष्य जन्म मिलना भाग्य की बात है, मनुष्य जन्म में ज्ञान मिलना उससे भी बड़ा भाग्य है परन्तु आध्यात्मिक पथ मिलना सबसे बड़ा सौभाग्य है |"-गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, गुरुपूर्णिमा २०१९ की संध्या पर | आप सभी ने प्रचुरता में आशीर्वाद प्राप्त किया है, ... -
गोस्वामी तुलसीदास जी की संक्षिप्त जीवनी | कवि तुलसीदास का जीवन परिचय इन हिंदी|
तुलसीदास जी के जन्म की कथा ही अद्भुत है जो उनके महापुरुष होने का उनके जन्म के समय ही इंगित करती है। आज के भारत वर्ष के उत्तरप्रदेश के चित्रकूट जिले में राजापुर नाम का एक गांव है जहां तुलसीदास जी के पिता, आत्मा राम दुबे निवास करते थे। वे एक सम्मानित ब्राह् ...