शराब की लत छोड़कर अब युवा व्यसन मुक्ति कार्यक्रम चला रहे हैं डॉ वयाल

डॉक्टर पुरुषोत्तम वयाल कभी खुद भी दिन रात शराब का नशा किया करते थे। अपनी मज़बूत इच्छाशक्ति  उन्होंने असाधारण साहस के साथ मुकाबला किया एवं एक करिश्माई सामाजिक कार्यकर्ता एवं जन नायक के रूप में उभर कर आगे आये। डॉ वयाल अपनी मार्मिक यात्रा पर प्रकाश डालते हैं,  जिससे उनको महाराष्ट्र के हजारों युवा एवं ग्राम वासियों के जीवन को परिवर्तित करने की प्रेरणा मिली।

प्रारंभिक दिन

महाराष्ट्र में जलना के निकट वाटुर के निवासी डॉ वयाल का लालन-पालन नैतिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले एक सरल मध्य वृत्त परिवार में हुआ । भारतीय राजनीतिक विचारधारा -  लाला लाजपत राय विषय पर अपनी डॉक्टर की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात वे एक डिग्री कॉलेज से प्रोफेसर के रूप में जुड़ गए एवं सभी गृहस्थी की तरह अपने जीवन को व्यवस्थित कर लिया।

"मेरा जीवन सुचारू रूप से चल रहा था । किंतु मैं अपने मूल्यों के साथ समझौता करना प्रारंभ कर दिया।" उन्होंने बताया -"जैसे जैसे मैं आगे बढ़ते बढ़ते समृद्ध होता गया, मेरे मित्र मंडली में बदलाव आता गया एवं मैं एक सरल व्यक्ति से अभिमानी व्यक्ति बन गया । मैं लोगों पर आक्षेप लगाने लगा एवं उनका मजाक उड़ाने लगा । देर रात तक पार्टी में रहना मेरे जीवनचर्या की अंग बन गया एवं शीघ्र ही शराब का नशा करने लगा । लोग मुझे अक्सर नशे में धुत पाने लगे ।

निराशा के क्षण

जल्दी ही डॉ वयाल एक शराबी बन गए। शराब पर बहुत सारा पैसा गंवा दिया एवं अन्य व्यसनों के भी आदी हो गए । इन सब के कारण वे डिप्रेशन में चले गए। "मामला चरम पर पहुँच गया और मैं अपनी जीवन की डगर पूर्ण रूप से भूल गया। एक तरफ मुझे अफसोस होता था कि मैं अपने परिवार एवं कॉलेज की गरिमा को धूमिल कर रहा था। दूसरी तरफ चिंता एवं तनाव को दूर करने के लिए मैं शराब का सेवन करता रहा "- डॉक्टर वयाल ने बताया।

एक आशा की किरण

अगले 11 वर्षों तक डॉक्टर वयाल का जीवन घुमावदार सीढ़ी में नीचे की तरफ जाता रहा। वह खोए-खोए रहते एवं निराशा की भावना से ग्रस्त हो गए।" इस समय मेरे जीवन में एक अनपेक्षित मोड़ आया"- उन्होंने बताया। "संयोग से मैंने आर्ट आफ लिविंग द्वारा संचालित तनाव मुक्ति कार्यक्रम में भाग लिया। यह 6 दिन का कार्यक्रम मुझे सिर्फ मेरे अनिद्रा से ही मुक्ति नहीं दिलवाया बल्कि मेरे लिए यह जीवन परिवर्तन करने वाला साबित हुआ। 11 वर्षों में मैं पहली बार  बेफिक्री से सो पाया -" डॉ वायाल ने बताया ।

बड़ा परिवर्तन

इस कार्यक्रम के बाद फिर वे मुड़कर नहीं देखे। वह शराब से दूर रहने लगे एवं स्वस्थ भोजन करना प्रारंभ कर दिया । धीरे-धीरे अपनी बुरी आदतों पर काबू पा लिया एवं अपने जीवन एवं कार्यों पर ध्यान देने लगे।

"यह बदलाव एक दिन में नहीं हुआ। कार्यशाला में सीखे गए तकनीक से मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला। मैंने युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी भाग लिया जिससे मैंने अनेक प्रकार के जीवन कौशल सीखें। मुझे आश्चर्य हुआ कि 12 दिनों के अंदर ही मेरी ऊर्जा का स्तर दुगना हो गया।" डॉक्टर वयाल ने बताया।

2 महीने के अंदर डॉक्टर वयाल अपनी सभी बुरे व्यसनों से मुक्त हो गए। उन्होंने अपने जीवन की बागडोर अपने हाथ में ले ली एवं अपने वास्तविक उम्र की तुलना में युवा दिखने लगे । उनके जीवन के मकसद बदल गए  वे अब एक बदले हुये इंसान थे।

" मेरा ध्यान अब पथ भ्रष्ट युवा शराबियों को एकत्रित करके उन्हें प्रेरणा देने में रहने लगा।" उन्होंने बताया

युवाओं का सशक्तिकरण

डॉ वयाल ने युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम(YLTP) के साथ प्रारंभ किया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य युवाओं को भावनात्मक,आध्यात्म एवं मानसिक स्तर पर मजबूती प्रदान करना है ।

"महाराष्ट्र के अनेक गाँव में हमने हजारों व्यसनी युवाओं की सेवा की है। हमें अभिभूत करने वाले प्रतिक्रिया मिली है ।महाराष्ट्र के सेलू नामक गाँव में मैं वहाँ के युवाओं एवं ग्राम वासियों के साथ काम कर रहा था। 40 हजार से अधिक लोग अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रेरित हुए हैं । उन्होंने मद्यपन एवं कुटिल गतिविधियों का त्याग कर दिया एवं एक बेहतर समुदाय गढ़ने के लिए काम कर रहे हैं। मेरा लक्ष्य है कि ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक युवा को सशक्त किया जाए एवं गाँव को आत्मनिर्भर बनाया जाए"।

विजेता - सब तरह से

फिलहाल महाराष्ट्र के एक सम्मानीय सामाजिक संगठन ने डॉ वायाल के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की है एवं उन्हें पहचान दिया है।

"सच में मेरे परिवार और मेरे लिए यह गर्व का क्षण था। योग्यता का प्रमाण पत्र समाज में हुए रूपांतरण का प्रमाण है। मैं और अधिक जोश और उत्साह के साथ काम करना चाहता हूँ" - उन्होंने कहा ।

वे जो भी काम भी करते हैं उसमें वे अपना शत-प्रतिशत देते हैं और यही उनकी सफलता का राज है। "एक बच्चे के रूप में मैं शत प्रतिशत ऊर्जा के साथ खेलता था। यहाँ तक कि जब मैं मद्यपान करता था तो मैं शत-प्रतिशत करता था और जब  मेरा ध्यान अपने काम पर केंद्रित है तो मैं शत प्रतिशत समर्पित हूँ"।

डॉक्टर वायल का युवाओं एवं उनकी क्षमता पर विश्वास है एवं उनके रूपांतरण को और अधिक गतिशील करने के लिए उन्हें उनके द्वारा सीखे गए नए नए तकनीक के कारण यह विश्वास और अधिक पुख्ता हुआ है।

"देश के भविष्य को बदलने के लिए युवाओं में भीषण क्षमता है। दुर्भाग्य पूर्वक उनमें से अधिकतर दबाव में पीस रहे हैं। वे मद्यपान एवं ड्रग के शिकार हैं एवं असामाजिक गतिविधियों में संलग्न है। पर युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ने के लिए हम लोग अथक प्रयास कर रहे हैं। युवा शक्ति के पुनरुत्थान से स्वच्छ तनाव रहित एवं भ्रष्टाचार रहित भारत का निर्माण होगा। भारत को वैश्विक पटल पर नई ऊंचाई पर ले जाने का मेरा सपना है। हम लोग प्रत्येक दिन अवश्य ही कुछ ना कुछ ऊपर चढ रहे हैं" - डॉक्टर वयाल ने कहा।

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