रवि मैहर की यात्रा : एक अनजान मोती से साक्री के मेयर बनने तक की

 वर्ष 2000

17 वर्षीय रवि मेहर बिलासपुर छत्तीसगढ़ के एक छोटे गांव साकरी के एक सरकारी विद्यालय में दिन पूरा होने पर अपने किताबों का बस्ता बांध लिया और चल पड़ा फुटपाथ पर स्थित एक छोटे से झोपड़ी की तरफ जहां उसके पिताजी बैठते हैं। उसके पिताजी जो कि एक साधारण मोची हैं, एक राहगीर के जूते को पॉलिश लगाकर चमका रहे थे। पोलिस एवं ब्रश हाथ में लेकर रवि बैठे-बैठे भीड़ की ओर देखने लगा एवं सोच रहा था कि किसी दिन वह बदलाव का एजेंट बनेगा । अपने एवं अपने परिवार के जीवन में बदलाव लाने की ईरादे से वह चतुराई पूर्वक जूतों पर ब्रश चलाने लगा । 

वर्ष 2009 

एक 26 वर्षीय रवि ने अपने घर से बाहर कदम रखा। दिसंबर की ठंडी हवा ने उसका स्वागत किया। कदमों में ऊर्जा के साथ वह नई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हो गया क्योंकि अब वह साकरी का नवनिर्वाचित मेयर है। एक अनजान मोची के रूप में रवि साकरी के कम भीड़ भाड़ वाले रास्तों से गुजरते हुए उसी गांव के मेयर तक की यात्रा में उसके साहस की विशिष्टता,बुद्धिमता, ज्ञान, दृढ़ निश्चय, इरादे एवं एक अभिन्न पहलु - आर्ट आफ लिविंग बिखरे पड़े हैं । 

स्मृतियों के झरोकों से 

एक धुंधले से कृषि प्रधान गांव के स्थानीय लड़के के रूप में उसने अपने परिवार को गौरवान्वित किया। रवि अपनी2006 की स्मृतियों का स्मरण करता है कि किस प्रकार उसका जीवन बदल गया जब उसने युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम (YLTP) में अपना दाखिला लिया।

 दिसंबर की शाम को चार व्यक्तियों का दल गंदी बस्ती स्थित मेहर के छोटे से घर में प्रवेश करते हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्य के रूप में अपना परिचय दिया ।

" उन्होंने मुझे वाईएलटीपी कार्यक्रम में दाखिला लेने के लिए कहा। यह कार्यक्रम व्यक्तियों में नेतृत्व क्षमता का विकास करता है और उनकी ऊर्जा को उनके इलाके के सेवा परियोजना को नेतृत्व प्रदान करने में उपयोग करता है। मैंने सोचा कि जब इतने सारे अच्छे एवं अच्छे कद के लोग इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं तो फिर मैं क्यों नहीं?" रवि ने बताया

आगे के रास्ते में उज्जवल प्रकाश 

 10 दिनों के उस कार्यक्रम ने उसके अपने सपने एवं लक्ष्य को साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए स्पष्ट रास्ता तैयार कर दिया।"सदैव से मेरी इच्छा थी कि कुछ ऐसा करूँ, जिससे मैं अपने एवं साथ-साथ दूसरों के जीवन में बदलाव ला सकूं। पर पता नहीं था कि कहां से शुरू करूं ? इस कार्यक्रम ने मुझ में नेतृत्व कौशल प्रज्वलित कर दिया एवं मुझ में यह विश्वास भर दिया कि मैं कहीं से भी शुरू कर सकता हूँ और बहुत बड़े बदलाव लाने के लिए एक उत्प्रेरक बन सकता हूँ।" उसने कहा 

उसके बाद से रवि ध्यान पूर्वक आध्यात्मिक अभ्यास करने लगा। "मैं यह अभ्यास नियमित तौर पर करने लगा एवं 1 महीने के अंदर ही महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करने लगा। मेरे प्रति मेरे मित्रों, परिवार एवं संबंधियों का रवैया इतना काफी बदल गया कि मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे क्या हो गया है" - उसने बताया। अचानक घटित हुए उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव से वह खुश एवं रोमांचित था। अब रवि गाँव में अन्य लोगों के जीवन में अति आवश्यक बदलाव लाने के कार्य में संलग्न हो गया।

" मेरा साथी और मैं अन्य ग्राम वासियों से मिलना प्रारंभ कर दिया एवं अनेक लोगों के लिए  श्वास जल ध्वनि कार्याक्रम का आयोजन किया। मैंने बी ए. एवं एलएलबी (कानून) की डिग्री भी हासिल कर ली" - उसने बताया।

 शीघ्र ही साकरी गाँव में चुनाव (ग्राम स्तर के चुनाव) होने की तैयारी प्रारंभ हो गई।" अच्छे विचार एवं इरादे वाले स्थानीय लोगों की एक सभा हुई, जहां पर उन व्यक्तियों का चयन किया गया जो समाज के लिए कुछ कर सकते हैं )।उसने बताया चुनाव में मेरे विरोध में 5 उम्मीदवार खड़े थे। मेरी आस्था एवं मेरे आध्यात्मिक अभ्यास के लाभ के कारण मुझे 550 मत मिले और चुनाव में मैंने शानदार जीत हासिल की " - नए मेयर रवि ने बताया।

 उसके बाद से उसे पीछे मुड़कर मुड़ कर देखना नहीं पड़ा। उत्साह एवं उमंग के साथ उसने उन रास्तों पर यात्रा प्रारंभ की जिस पर चलने की इच्छा उसमें सदेव से थी। आज साकरी गाँव में बेहतर सुविधाएं, जल संचयन प्रणाली, बेहतर ढांचा, विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध हैं।गाँव में बेहतर रूपांतरण वाले बदलाव के लिए रवि के प्रयासों की सराहना करते हुए 2010 में गाँव में एक दौरे के दौरान बिलासपुर के कलेक्टर ने कहा" जब रवि जैसे शिक्षित युवा जो कि आप आर्ट ऑफ लिविंग जैसी संस्था के साथ भी जुड़ा हो, आगे आकर जिम्मेदारी लेते हैं तो समाज को अवश्य नई दिशा मिलती है। जितना भी संभव होगा हम लोग उसकी सहायता करने को प्रस्तुत है।"

 रवि का विश्वास है कि यह सब कुछ आध्यात्मिक शक्ति के कारण ही संभव हो पाया।" इसी से मेरे सपनों को साकार करने के लिए मेरी आत्मा प्रज्ज्वलित हुई। मेरा जीवन एक उत्सव बन गया। इसका पूरा श्रेय गुरुदेव श्री श्री रविशंकर को जाता है। मैं समझता हूं कि किस प्रकार का उल्लेखनीय बदलाव अध्यात्म ने मेरे जीवन में लाया है एवं आज ऐसा ही बदलाव सभी के जीवन के लिए कामना करता हूं।" रवि ने कहा 

एक ध्यान कक्ष शीघ्र ही गाँव में बनने जा रहा है। उस ध्यान कक्ष में सभी आयु के लोगों को समान प्रकार के नेतृत्व एवं ध्यान कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा, जिससे उनका जीवन समृद्ध होगा एवं भविष्य में एक संदर समाज संरचना की रूपरेखा तैयार होगी। 

युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सन 1999 में हुई थी । तब से 203220 से भी अधिक युवा नेता इस कार्यक्रम में प्रशिक्षित हुए हैं । वाईएलटीपी भारत के 40212 से अधिक गाँव में पहुंचा है ।अधिक जानकारी एवं ग्रामीण भारत को रूपांतरण करने के प्रयासों में भाग लेने के लिए हमें लिखें: webteam.india@artofliving.org