नवरात्रि के दौरान जो यज्ञ संपन्न होते हैं, वे क्या हैं? और उनका एक व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- गणेश होम
- सुब्रमण्य होम
- नवग्रह होम
- रुद्र होम
- सुदर्शन होम
- चंडी होम
- ऋषी होम
नवरात्रि में पूजाओं की तैयारी कैसे की जाती है ? यह जानने हेतु यहाँ क्लिक करें।
1. गणेश होम
किसी भी कार्य की पूर्ति के लिए, सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जाएं प्रकट होती हैं। ये ऊर्जाएं, ज़रूरी नहीं कि बाहरी वातावरण में ही हों, ये हमारे शरीर और मन में भी हो सकती हैं। इसीलिये, हम गणेश जी की पूजा करते हैं, जो सभी बाधाओं को दूर कर देते हैं। परंपरा के अनुसार किसी भी यज्ञ को आरम्भ करने से पहले गणेश होम और पूजा करी जाती है।
2. सुब्रमण्य/सुब्रमन्य होम
भगवान सुब्रमन्य ‘विजय’ के भगवान हैं। किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए ‘ज्ञान शक्ति’ की आवश्यकता होती है। इसीलिये सुब्रमन्य मंत्रों के जाप से भगवान सुब्रमन्य का आवाहन किया जाता है।
3. नवग्रह होम
नौ ग्रह बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनकी गति (ग्रहगति) पूरी पृथ्वी को और उसपर रहने वाले सभी जीवों को प्रभावित करती है। इसलिए नौ ग्रहों का सम्मान करते हुए, नौ अलग-अलग तरह की आहूति दी जाती है। इसके साथ ही हर ग्रह से सम्बंधित विशिष्ट मन्त्रों का जाप भी किया जाता है। अलग-अलग ग्रह हमारे शरीर के अलग भागों को प्रभावित करते हैं और ये अलग-अलग अनाज और रत्नों को भी प्रभावित करते हैं। पृथ्वी पर जो भी घटना हो रही है, इन ग्रहों का उनपर पूरा प्रभाव रहता है। इसलिए हम नौ ग्रहों की पूजा करते हैं जिससे वे किसी भी नकारात्मक प्रभाव को हम पर पड़ने न दें और जो सकारात्मक प्रभाव वे हमारे ऊपर डाल रहे हैं, उसे और अधिक बढाएं।
4. रुद्र होम
रूद्र होम हमें शान्ति देता है और जीवन से सभी दुखों को मिटा देता है। रूद्र मन्त्र, जिसमें नमक और चमक मन्त्र हैं, उनका इस होमा में जाप किया जाता है। रूद्र मन्त्रों के जाप से हम ध्यान की गहराई में जा पाते हैं और इससे सत्व, रजस और तमस गुणों में संतुलन आता है। रूद्र के मन्त्र तीनों गुणों का विलय कर देते हैं और ध्यान की अवस्था में स्थित कर देते हैं| आर्ट ऑफ़ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में 11 पंडित रूद्र होम संपन्न करते हैं। ये 11 बार रूद्र मन्त्रों का जाप करते हैं, जिसे ‘एकादश रूद्र होम’ कहते हैं।
5. सुदर्शन होम
सुदर्शन होम किसी भी बुरी नज़र या नकारात्मक प्रभाव को मिटा देता है और हमें परम आनंद की ओर ले जाता है| ‘सुदर्शन मन्त्र’ और ‘विष्णु सहस्रनाम’ का जाप इस होमा में किया जाता है। ‘लक्ष्मी मन्त्र’ और ‘श्रीसूक्त मन्त्र’ का जाप भी सुदर्शन होम में किया जाता है।
6. चंडी होम
चंडी होम दो प्रकार का होता है
- लघु चंडी होम (छोटे समय का)
- महा चंडी होम (लम्बे समय का)
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7. ऋषि होम
यह होम नवरात्रि के अंतिम दिन में किया जाता है। ऋषि वे हैं जो दृशतारः हैं, और इन्होंने गहरी समाधि प्राप्त करके आकाश में से वेदों को प्राप्त किया है। हम ऋषि होम को संपन्न करके इन ऋषियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिन्होंने मानवता के कल्याण के लिए हमें यह परम अलौकिक ज्ञान दिया। सप्तऋषि और अन्य विशेष ऋषियों से प्रार्थना की जाती है और इसका आरम्भ ‘गुरु पूजा’ से होता है। जहाँ तक मैं जानता हूँ, पूज्य गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी की अद्भुत अनुकम्पा से ऐसी पूजा केवल आर्ट ऑफ़ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में ही होती है।
नवरात्रि का महोत्सव आर्ट ऑफ़ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का सबसे बड़ा उत्सव है जिसे हर वर्ष मनाया जाता है। इसमें हजारों लोग भाग लेते हैं। नौ दिनों तक प्राचीन वैदिक पूजाओं का आयोजन सुनिश्चित समय के अनुसार किया जाता है और इस दौरान इस वातावरण में हर व्यक्ति को अलौकिक अनुभूति होती है।
आर्ट ऑफ़ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की वेद आगम संस्कृत महा पाठशाला के प्राचार्य (प्रिंसिपल) होने के नाते, श्री ए.एस.सुन्दरमूर्ति शिवम पर बहुत कुछ निर्भर है, क्योंकि ये ही इन पूजाओं के मुख्य पंडित हैं।
आप पंडितों के परिवार से आये हैं और अभी तक 1005 कुम्भाभिशेकं और 2100 से ज्यादा चंडी होमा का आयोजन पूरे विश्व में कर चुके हैं। यह आर्ट ऑफ़ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में सन् 1994 से नवरात्रि यज्ञों का आयोजन कर रहे हैं। प्रस्तुत हैं कुछ प्रश्नों के गहन उत्तर, खुद मुख्य पंडित जी के शब्दों में ऊपर दिए गए है।