द आर्ट ऑफ़ लिविंग संगठन ने आध्यात्मिकता की बुनियाद पर संसार भर में हज़ारों व्यक्तियों के मनो में अपनी धरती और पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सम्मान की भावना को विकसित किया है। मिटटी, पत्थर, चट्टानों और जल से बनी अपनी इस धरती को हम यदि एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें तो यह अनुभव करेंगे कि हमारी धरती एक सजीव तत्व हैI हमारे द्वारा किए गये पोषण और संरक्षण के प्रति यह धरती अपना आभार भी प्रकट करती है।
श्री श्री रविशंकर जी की दूरदृष्टि से प्रेरित हो कर संसार भर से स्वयंसेवकों ने एकजुट होकर पर्यावरण संबंधी बहुत सी परियोजनाएं आरम्भ की हैंI जैसे कि, "मिशन ग्रीन अर्थ" के अंतर्गत बहुत बड़े स्तर पर वृक्षारोपण, जलसंरक्षण और जलसुरक्षा के तहत दूषित नदियों के जल की सफ़ाई इत्यादि। बहुत ही कम पूँजी से चलाई जा रही एक योजना - रसायन मुक्त कृषि - के अंतर्गत दरिद्र किसानों को खेती करने का ऐसा प्रशिक्षण दिया जाता है जो उनके लिए दोनों आर्थिक और जैविक रूप से बहुत ही उपयोगी है।
भविष्य में पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए द आर्ट ऑफ़ लिविंग संगठन इस बात को मान्यता देता है कि घरों और शिक्षा संस्थानों में युवाओं के मन में इन मूल्यों को अन्तर्निविष्ट किया जाए। बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने का कार्यक्रम (डीपनिंग रूट्स, ब्रोड्निंग विज़न) इस दीर्घकालीन योजना का एक अविभाज्य अंग हैं।