पश्चिम बंगाल (West bengal) के पुरूलिया (Purulia) और बर्दवान (Burdwan) में 7 गांवों के लोग गंदा पानी पीने को थे मजबूर
पुरूलिया/बर्दवान (पश्चिम बंगाल)। श्री श्री ग्रामीण विकास कार्यक्रम (Sri Sri Rural Development program) के सफल प्रयासों के तहत आज जिले के 7 गांवों के करीब 4500 निवासियों (residents) को पीने का स्वच्छ पानी (clean drinking water) मिल रहा है। आर्ट आॅफ लिविंग (Art of Living) की तरफ से पैन्ड्री, केनड़ा, तथा पुरूलिया के बेलडंगा और उखरा गांव और बर्दवान जिला (पश्चिम बंगाल) में 4 बायोस और सामुदायिक जल शुद्धिकरण संयंत्र लगाए गए (community water purification plants were installed)। यह परियोजना 2013 में आरम्भ हुई थी और इसका कार्य अब भी प्रगति पर है।
पीलिया और अन्य बीमारियों (Jaundice and other diseases) की वजह से हर साल जा रही थी कई लोगों की जान
2013 से पूर्व कई जिलों में पीलिया (Polio) के कई मामले सामने आए थे। काफी संख्या में लोगों की इस वजह से मृत्यु भी हो रही थी। इसके अलावा टायफाइड (Typhiod), जठरांत्रशोध (पेट व आंत में जलन होना) भी फैल रही थी। इन सब का मुख्य कारण गंदा पानी था। यहां के लोग बिना किसी साफ सफाई के यह गंदा पानी पी रहे थे। इसके मद्देनजर पश्चिम बंगाल की श्री श्री ग्रामीण विकास कार्यक्रम (Sri Sri Rural Development Program) की टीम ने कम लागत के शुद्धिकरण उपकरण स्थापित (purification equipment were installed) किए। अब सबको स्वच्छ पानी मिल रहा है और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार (improvement in health of villagers) भी है।
श्री श्री ग्रामीण विकास कार्यक्रम (Sri Sri Rural Development Program) द्वारा स्थापित शुद्धिकरण संयंत्रों (purification plants) ने दिलाई इस मुसीबत से मुक्ति
देश के उन राज्यों मे जहाॅ हर तीन गांवों में से एक गाॅव अस्वच्छ जल पीने पर मजबूर है। ऐसे गांवों और कस्बों के लिए कम लागत वाले शुद्धिकरण उपकरण (purification plant) बहुत लाभदायक हैं। श्री श्री ग्रामीण कार्यक्रम (Sri Sri Rural Development) के सदस्यों ने कई पड़ोसी राज्यों में भी यह परियोजना शुरू की।
इस प्रणाली के तहत कई सफल उपाय किए गए, जिनके मापदंड निम्नलिखित हैंः
- टरबीडिटी मटमैलापन की मात्रा 30 एनटीयू से 10 एनटीयू तक की जा सकती है।
- कोलिफोर्म बैक्टीरिया को 25 से 100 एमपीयू प्रति 100 एमएल से नगण्य करने में सक्षम।
- पानी में आयरन की अधिकता को 0.3 एमजी प्रति लीटर तक कम करने में सक्षम।
शुद्धिकरण के फायदेः
- यह जल शुद्धिकरण की प्रणाली समुदायिक स्तर पर है।
- इसके द्वारा रोज 2000 से 3000 लीटर साफ पानी मिलता है।
- इसमें किसी रसायन या बिजली का प्रयोग नहीं किया गया है। ऐसे में यह किसी भी ग्रामीण इलाके या उसके बाहर तथा रिमोट क्षेत्र में लगाई जा सकती है।
- यह किफायती तथा फायदेमंद है।
- साल में सिर्फ एक बार इसके रख-रखाव की जरूरत पड़ती है।
- इस उपकरण के रख-रखाव की जिम्मेदारी समुदाय के सदस्य ले सकते हैं।
- इसके द्वारा जमीन का पानी तथा नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराया गया पानी भी आसानी से स्वच्छ हो सकता है।
- इस उपकरण को असानी से स्थापित किया और चलाया जा सकता है।
- एक उपकरण लगभग 15 साल तक कार्य करने में सक्षम है।
- शुद्धिकरण उपकरण (purification plants) को बहुत ही सरलता से मिट्टी, पत्थर तथा पानी के टैंक की मदद से स्थापित किया जा सकता है।
- पश्चिम बंगाल के पुरूलिया व बर्दमान जिले के चार गांवों के लोग आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा स्थापित इस शुद्धिकरण उपकरण (purification plants) का लाभ उठाते हुए स्वस्थ जीवन बिता रहे हैं।
राजेश कुंडू द्वारा रिपोर्ट
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