ज्ञान के लेख (Wisdom)

गायत्री मन्त्र का महत्व (Gayatri Mantra in Hindi)

प्रश्न : गायत्री मंत्र का क्या महत्व है? क्या महिलाएं इसका जाप कर सकती हैं? हम 108 बार जाप क्यों करते हैं?

 

श्री श्री रविशंकर : गायत्री अर्थात ‘गा’ + ‘य’ + ‘त्री’।

 

जीवन में तीन प्रकार के दुःख आते हैं। हमारे तीन शरीर हैं - स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर। इन सभी स्तरों में दुःख आते हैं। मानव जीवन को इन तीनों स्तरों के परे जाना है, और यही गायत्री का अर्थ है। जो इस मंत्र का जाप करता है, वह निश्चित ही दुखों के सागर को पार कर, परम आनंद की प्राप्ति करता है।

 

गायत्री मंत्र मानवजाति की सबसे बड़ी प्रार्थनाओं में से एक है।

इसका क्या अर्थ है ?

‘ईश्वर मुझमें व्याप्त हो जाए, और ईश्वर मेरे सारे पापों का नाश कर दे’ 

‘वह दिव्य ज्योति जो सारे पापों को जला देती है, उस दिव्य ज्योति की मैं पूजा करूं और उसमें ही समा जाऊं’ ‘हे ईश्वर, मेरी बुद्धि को प्रेरणा दीजिए।'

अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !

 

अब देखिये, हमारे सभी काम हमारी बुद्धि से होते हैं, है न? हमारी बुद्धि में कोई विचार आता है और तभी हम कोई कार्य करते हैं।

 

गायत्री मंत्र में हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, कि हमारे मन में अच्छे विचार आएं। हम ईश्वर से कहते हैं, ‘मेरी बुद्धि में आप ही विराजमान हों, मेरी बुद्धि को आप ही प्रेरणा दें’ – “धियो यो नः प्रचोदयात्”

 

‘धि’ – का अर्थ है बुद्धि। ‘मेरी बुद्धि को आप ही मार्ग दिखाएं और प्रज्वलित करें। मेरी बुद्धि हर क्षण आपकी दिव्यता से ही प्रेरित हो’ - ऐसी मेरी प्रार्थना है।

 

जब मन में सही विचार आते हैं, तब हमारे सभी कार्य ठीक होते हैं। जब मन में पूर्वाभास होता है, तब हमारे किए गए कार्य सफल होते हैं।

 

इसलिए, उच्च विचारों के लिए प्रार्थना करना - ‘हे ईश्वर, मेरा मन, मेरी बुद्धि और मेरा पूरा जीवन दिव्यता से व्याप्त हो जाए’, यही गायत्री मन्त्र का महत्व है।



 

                  


गायत्री मंत्र का 108 बार जाप क्यों करते हैं ? 

क्योंकि 9 ग्रह और 12 नक्षत्र हैं। जब 9 ग्रह इन 12 नक्षत्रों के चारों ओर घूमते हैं, तो 108 प्रकार के प्रभाव डालते हैं। यदि इन प्रभावों में कुछ भी नकारात्मक होता है, तो वह इन मंत्रों की सकारात्मक ऊर्जा से सुधर जाता है।

क्या महिलाएं गायत्री मंत्र का जाप कर सकती हैं ? 

हाँ, ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है, कि महिलाएं इसका जाप नहीं कर सकतीं।

यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि मध्य युग में महिलाओं से यह सभी अधिकार छीन लिए गए थे। हमने अपने आश्रम में इनकी पुनः स्थापना की है, जिसमें बहुत सी महिलायें गायत्री मंत्र सीख रहीं हैं।

 

देखिये, पहले पुरुष-प्रधान समाज था। पुरुषों को लगता था कि यदि महिलाएं भी गायत्री मंत्र का जाप करेंगी, तो उनमें बहुत शक्ति आ जायेगी - उपचार करने की शक्ति और संकल्प शक्ति!

जो भी वे चाहेंगी, वह फलीभूत होने लगेगा। तब पुरुषों ने कहा, कि ‘नहीं, हमारी पत्नियां पहले से ही बहुत शक्तिशाली हैं, हम इन्हें और शक्तिशाली नहीं बनने देंगे। इसलिए हम इन्हें गायत्री मन्त्र का जाप नहीं करने देंगे’ इसलिए समाज के कुछ लोगों ने इस बात का रहस्य छुपा कर रखा।

 

 

 

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