आज तेजी से एक बीमारी फैल चुकी है, वह पता है क्या है? – अकेलापन, लोनलीनेस।
ब्रिटन में, यू.के. में उन्होंने एक मंत्रालय ही खोल दिया, अकेलापन का मंत्रालय। सब कुछ होते हुए.. पत्नी है, पति है, बच्चे है, घर है, गाड़ी है, संपत्ति है, बैंक बैलेंस काफी मोटा है, यह सब होने के बावजूद भी अकेलापन सताता है। यह समस्या हर संपन्न देश में भी है। भारत में किसी ने इस पर आंकड़ा कभी नहीं निकाला। इसीलिए हमें पता नहीं कहाँ लोग ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं, धारावी के स्लम में या मुंबई के हाय-फाय टॉवर्स में या दिल्ली के नगरी में, यह नहीं पता है। मगर इतना जरूर है कि लॉक डाऊन के समय अकेलापन बहुत लोगों को लगने लगता है।
आप को शुक्रगुजार होना चाहिए
प्रकृति ने भी आपको साथ दिया। शुक्रगुजार करो इस वक्त आके आपको लॉकडाऊन में रहना पड़ रहा है, जब की आपकी हाथ में सेलफोन है और आप लोगों से संपर्क में रह सकते हो, कनेक्टिविटी बनाए रख सकते हो।
अकेलेपन से कैसे निपटें?
अकेलापन… इससे दूर कैसे हों? मान लो, दो व्यक्ति अकेलेपन से जूझ रहे हैं और वो अपने आप से बोर हो गए, एक दूसरे के साथ नहीं आयेंगे, कुछ समय के लिए अच्छा लगता है। मगर ज्यादा टिकने वाला नहीं है। क्यों? आप अपना अकेलापन भरने के लिए किसकी मदद लेना चाहते हैं। वो भी वैसे चाह रहें आपसे। भावनात्मक जगत में देने वाला हमेशा अपना हाथ ऊपर रखता है। उनको लाभ हमेशा होता है। भावना की जगत में लेने वाले लेकर के भी भिखारी रहेंगे।
भावनात्मक रूप से स्वतंत्र बनें
दिल में उतरने का सहज तरीका ध्यान! यह एक सूत्र मैं बार-बार आपको कहता जाऊंगा। क्या? ध्यान करोगे तो आपको भावनात्मक भिखारीपन नहीं लगेगा। अकेलेपन का कारण यही है कि हम इमोशनली
डिपेंडंट हैं। कही कुछ सूख गया अंदर। अकेलापन दूर करने के लिए जो भी और गतिविधियाँ आप करोगे यह तो क्षणिक होगा, थोड़े समय के लिए होगा। मगर ज्ञान, गान और ध्यान यह तीनों लेकर चलोगे तो आप पूर्णता का अनुभव करोगे।
जब आप दूसरों का अकेलापन दूर करते हो तो प्रकृति आप की सारी ज़रूरतें पूरी करती है
आप इस पृथ्वी में हो औरों को भावनात्मक सुख देने के लिए। तब देखना अकेलापन हाथों हाथ मिट जाएगा। आप और लोगों की ज़रूरतें पूरी करो ना। देखना, प्रकृति आपकी ज़रूरतें पूरी करने के लिए लालायित हो जाएगी, आ जाएगी सामने। आपका जरूरत अपने आप पूरा हो के रहेगा। यह वाक्य सत्य है!
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी की ज्ञान वार्ता का अंश
संकलन एवं संपादन : रत्नम सिंह
जी बिलकुल अकेलापन, लोनलीनेस आज तेजी से फैलती हुई एक बीमारी है।
इसके बहुत कारण हो सकते है, कोई इंसान भावनात्मक स्तर पर लोनली फील करता है तो कई बार इंसान डिप्रेशन से जूझते हुए। कई बार इंसान धन की कमी होने से भी लोनली फील करता है, इसके और भी बहुत कारण होते है, जो व्यक्ति पर व्यक्ति बदलते है।
अकेलापन महसूस करना और अकेले रहने में भी फ़र्क है, हाँ अकेलापन एक गंभीर बीमारी है और दूसरी तरफ एक ध्यानी अकेले में भी पूर्ण है।
जब भी हम ज़िन्दगी में अकेले पद जाये तब हमें दूसरी की मदद और करनी चाहिए। तब आप पाएंगे की आपका अकेलापन हाथों हाथ मिट जाएगा। आप और लोगों की ज़रूरतें पूरी करे फिर आप देखेंगे की , प्रकृति आपकी ज़रूरतें पूरी करने के लिए लालायित हो जाएगी।